नैनीताल: नैनीताल में नवरात्रि के मौके पर विभिन्न मंदिरों में देवी के 9 रूपों की पूजन के लिये बड़ी संख्या में श्रद्धालु उमड़ रहे हैं. नवरात्रि के पहले दिन नैनीताल के प्रसिद्ध मां नयना देवी मंदिर में भक्तों की भीड़ लगी है. चैत्र नवरात्रि के पहले दिन नैनीताल के मां नयना देवी मंदिर में श्रद्धालु पूजा-अर्चना के लिये पहुंच रहे हैं. मान्यता है कि देवी सती की आंख यहां गिरी थी. इसी के बाद यहां मां नयना देवी की स्थापना हुई.
आखिर क्या है मान्यता: देवी पार्वती का पार्थिव शरीर खंडित होने के बाद उनकी बायीं आंख यहां गिरी थी. पुराणों में लिखा है कि देवी पार्वती के पिता दक्ष-प्रजापति द्वारा जब विशाल यज्ञ में भगवान शिव को आमंत्रण नहीं दिया गया तो इस बात से खिन्न होकर देवी पार्वती यज्ञ के हवन कुण्ड में कूदकर सती हो गईं. इससे दुखी भगवान शिव ने देवी पार्वती का पार्थिव शरीर लेकर ब्रह्माण्ड के चक्कर लगाने शुरू कर दिए. सृष्टि का सन्तुलन बिगड़ने से तीनों लोकों में हाहाकार मच गया. तब सृष्टि के संरक्षक भगवान विष्णु ने सुदर्शन चक्र से सती के शव के खंड-खंड कर दिऐ. जिससे मां पार्वती की बायीं आंख देश के इसी हिस्से में गिरी और तब इन देवी का नाम नयना देवी रखा गया.
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मां के साक्षात नयन विराजमान हैं यहां: कहा जाता है कि यहां मां दुर्गा के साक्षात नयन विराजमान हैं. मां दुर्गा बिना कुछ मांगे भक्तों की सभी मुराद पूरी करती हैं. चैत्र नवरात्रि के पहले दिन मां नयना देवी मंदिर में भक्त मां की उपासना में तल्लीन दिखाई दिये. मां नयना देवी के दर्शनों के लिये लोगों की कतारें लगी रही. इसमें स्थानीय लोगों के साथ बाहर से आये पर्यटक भी शामिल हैं. मां नयना यहां नयन रूपी मां भगवती के रूप में विराजमान हैं. लिहाजा माना जाता है कि मां दुर्गा अपनी आंखों से हर इंसान के दुख दर्द देख लेती हैं और भक्तों की हर मनोकामना पूरी करती हैं. नवरात्रि में लगातार नौ दिनों तक मां नयना देवी मंदिर में भव्य पूजा अर्चना जारी रहेगी.