नैनीतालः जिले के ओखलकांडा में गर्भवती और नवजात की मौत के मामले में ओखलकांडा संघर्ष समिति (Okhalkanda Sangharsh Samiti) ने स्वास्थ्य निदेशक कार्यालय का घेराव (Siege of Nainital Health Director's office) किया. समिति ने मामले की जांच की मांग की है. घटना के बाद क्षेत्र के लोगों में भी रोष देखने को मिल रहा है. ओखलकांडा संघर्ष समिति ने पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा देने की मांग की है.
गुरुवार को ओखलकांडा संघर्ष समिति के दर्जन भर लोगों ने नैनीताल स्वास्थ्य निदेशक कार्यालय का घेराव कर गर्भवती और नवजात की मौत के मामले में पीड़ित परिवार को 5 लाख रुपए का मुआवजा देने और मामले में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. स्वास्थ्य निदेशक तारा आर्य को ज्ञापन भी सौंपा है. साथ ही समिति के सदस्यों ने स्वास्थ्य विभाग से इलाके के अस्पतालों की स्थिति को दुरुस्त करने की मांग की.
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वहीं, समिति के सदस्यों ने चेतावनी दी कि अगर जल्द ही पीड़ित परिवार को न्याय नहीं मिला तो ओखलकांडा क्षेत्र के लोग कार्यालय में धरना-प्रदर्शन को बाध्य होंगे. इस दौरान स्थानीय लोगों ने विधायक पर भी क्षेत्र की जनता की उपेक्षा का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि विधायक चुनाव के बाद से गांव से लापता है. ग्रामीणों की सुनने वाला कोई नहीं है. बता दें कि बीते 29 नवंबर को ओखलकांडा में गर्भवती दीपा और उसके नवजात की घर में ही प्रसव के दौरान मौत हो गई थी.