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तिब्बती धर्मगुरु पंचेन लामा की रिहाई की मांग, मसूरी और नैनीताल में चीन के खिलाफ प्रदर्शन

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Published : May 17, 2022, 9:09 PM IST

Updated : Jun 17, 2022, 12:34 PM IST

तिब्बती धर्मगुरु पंचेन लामा गेधुन छोकी न्यिमा की रिहाई की मांग को लेकर नैनीताल और मसूरी में तिब्बती समुदाय के लोगों ने प्रदर्शन किया. पंचेन लामा तिब्बतियों के 11वें धर्मगुरु हैं. जिन्हें चीन सरकार ने 6 साल की आयु में ही अपहरण कर लिया था, जिन्हें आज तक रिहा नहीं किया है.

Panchen Lama
पंचेन लामा की रिहाई की मांग

मसूरी/नैनीतालः तिब्बत के 11वें धर्मगुरु पंचेन लामा को आज ही दिन चीन सरकार ने अपहरण कर नजरबंद कर दिया था. आज तक उनकी कोई जानकारी नहीं मिल पाई है. अब निवार्सित तिब्बत सरकार ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चीन सरकार पर दबाव बनाए जाने की मांग उठाई है. मसूरी में पंचेन लामा की रिहाई को लेकर तिब्बती समुदाय के लोगों ने एक दिन का भूख हड़ताल रखा. उधर, नैनीताल में लोगों ने जोरदार प्रदर्शन कर भारत सरकार एवं मानवाधिकार संगठन से उनके गुरू की खोजबीन करने की मांग की.

मसूरी तिब्बतन वुमन एसोसिएशन के अध्यक्ष शेरिंग के नेतृत्व में तिब्बती समुदाय के लोगों ने मसूरी के गांधी चौक पर एक दिन का भूख हड़ताल रखा. इस दौरान उन्होंने पंचेन लामा गेधुन छोकी न्यिमा (Gedhun Choekyi Nyima) की रिहाई की मांग की. नैनीताल के मल्लीताल स्थित तिब्बती बाजार में धर्मगुरु की लंबी उम्र और रिहाई को लेकर पूजा अर्चना की गई.

कौन हैं पंचेन लामा? पंचेन लामा गेधुन छोकी न्यिमा (Tebetan Religious Leader Panchen Lama) तिब्बतियों के धर्मगुरु हैं. वो सबसे कम उम्र के राजनीति बंदी हैं. छह साल की उम्र में उन्हें दलाई लामा की ओर से 11वें पंचेन लामा के तौर पहचान दी गई थी. 25 अप्रैल 1989 को उनका जन्म हुआ था. 6 साल की आयु में दलाई लामा की ओर से 14 मई 1995 को उन्हें 11वें पंचेन लामा के रूप में मान्यता प्रदान की गई, लेकिन इसके तीन दिन बाद ही चीन सरकार ने 17 मई 1995 को उनका अपहरण कर लिया.

तिब्बती धर्मगुरु पंचेन लामा की रिहाई की मांग.

उनके अपहरण को अब 27 वर्ष हो चुके हैं, लेकिन उनके बारे में कोई भी जानकारी नहीं है. निर्वासित तिब्बत सरकार समय-समय पर चीन सरकार से उनकी रिहाई या फिर उनके सकुशल होने को लेकर अपनी आवाज उठाती रही है. पिछले 26 साल से निर्वासित तिब्बत सरकार चीन से 11वें पंचेन लामा गेधुन छोकी न्यिमा की रिहाई की मांग कर रही है. रिहाई तो दूर, चीन सरकार उनके बारे में बताने को तैयार नहीं है.

ये भी पढ़ेंः अमेरिका ने चीन से पूछा- कहां हैं पंचेन लामा, चीनी प्रशासन ने सपरिवार किया था अपहरण!

पंचेन लामा भी तिब्बतियों के धर्मगुरु हैं. जिनकी पहचान दलाई लामा की ओर से की जाती है. बौद्ध धर्म में पंचेन लामा अवतार की भूमिका बड़ी अहम है. पंचेन लामा का शाब्दिक अर्थ पंडित अर्थात महान विद्वान है. बौद्ध धर्म में पंचेन लामा को दूसरा बड़ा धर्मगुरु माना गया है. पंचेन लामा के अवतार का सूत्रपात भी पांचवें दलाई लामा ने अपने कार्यकाल के दौरान 1385 में किया था.

पांचवें दलाई लामा ने अपने गुरु को इस उपाधि से अलंकृत कर ताशीहुंपो बौद्ध मठ का स्वामित्व सौंपा था. इसके बाद से पंचेन लामा के अवतार की नई परंपरा शुरू हुई थी. दलाई लामा के अवतार में पंचेन लामा व पंचेन लामा के अवतार में दलाई लामा की भूमिका ही प्रमुख रहती है. दोनों की भूमिका गुरु और चेले के रूप में बदलती रहती है.

यही वजह है कि जैसे ही दलाई लामा ने पंचेन लामा को मान्यता प्रदान की, चीन ने गेधुन छोकी न्यिमा को परिवार समेत ही गायब कर दिया. वहीं, चीन ने ग्यालसन नोरबू को पंचेन लामा के रूप में मान्यता प्रदान की है. जिससे भविष्य में जब भी नए दलाई लामा को मान्यता का सवाल आए तो वो अपनी पसंद के दलाई लामा तिब्बतियों पर थोप सके.

वहीं, तिब्बती समुदाय के लोगों का कहना है कि चीन सरकार बताए कि पंचेन लामा कहां पर और किस स्थिति में हैं? उनके अपहरण को 26 साल हो चुके हैं, लेकिन अभी तक उनके बारे में कोई भी जानकारी चीन सरकार की ओर से नहीं दी गई है. एक बार फिर से अंतरराष्ट्रीय समुदाय से यह मांग है कि उनके बारे में कोई भी जानकारी देने के लिए वो चीन सरकार पर दबाव बनाए. साथ ही तिब्बत में मानवाधिकारों और बुनियादी आजादी बहाल कराएं.

मसूरी/नैनीतालः तिब्बत के 11वें धर्मगुरु पंचेन लामा को आज ही दिन चीन सरकार ने अपहरण कर नजरबंद कर दिया था. आज तक उनकी कोई जानकारी नहीं मिल पाई है. अब निवार्सित तिब्बत सरकार ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चीन सरकार पर दबाव बनाए जाने की मांग उठाई है. मसूरी में पंचेन लामा की रिहाई को लेकर तिब्बती समुदाय के लोगों ने एक दिन का भूख हड़ताल रखा. उधर, नैनीताल में लोगों ने जोरदार प्रदर्शन कर भारत सरकार एवं मानवाधिकार संगठन से उनके गुरू की खोजबीन करने की मांग की.

मसूरी तिब्बतन वुमन एसोसिएशन के अध्यक्ष शेरिंग के नेतृत्व में तिब्बती समुदाय के लोगों ने मसूरी के गांधी चौक पर एक दिन का भूख हड़ताल रखा. इस दौरान उन्होंने पंचेन लामा गेधुन छोकी न्यिमा (Gedhun Choekyi Nyima) की रिहाई की मांग की. नैनीताल के मल्लीताल स्थित तिब्बती बाजार में धर्मगुरु की लंबी उम्र और रिहाई को लेकर पूजा अर्चना की गई.

कौन हैं पंचेन लामा? पंचेन लामा गेधुन छोकी न्यिमा (Tebetan Religious Leader Panchen Lama) तिब्बतियों के धर्मगुरु हैं. वो सबसे कम उम्र के राजनीति बंदी हैं. छह साल की उम्र में उन्हें दलाई लामा की ओर से 11वें पंचेन लामा के तौर पहचान दी गई थी. 25 अप्रैल 1989 को उनका जन्म हुआ था. 6 साल की आयु में दलाई लामा की ओर से 14 मई 1995 को उन्हें 11वें पंचेन लामा के रूप में मान्यता प्रदान की गई, लेकिन इसके तीन दिन बाद ही चीन सरकार ने 17 मई 1995 को उनका अपहरण कर लिया.

तिब्बती धर्मगुरु पंचेन लामा की रिहाई की मांग.

उनके अपहरण को अब 27 वर्ष हो चुके हैं, लेकिन उनके बारे में कोई भी जानकारी नहीं है. निर्वासित तिब्बत सरकार समय-समय पर चीन सरकार से उनकी रिहाई या फिर उनके सकुशल होने को लेकर अपनी आवाज उठाती रही है. पिछले 26 साल से निर्वासित तिब्बत सरकार चीन से 11वें पंचेन लामा गेधुन छोकी न्यिमा की रिहाई की मांग कर रही है. रिहाई तो दूर, चीन सरकार उनके बारे में बताने को तैयार नहीं है.

ये भी पढ़ेंः अमेरिका ने चीन से पूछा- कहां हैं पंचेन लामा, चीनी प्रशासन ने सपरिवार किया था अपहरण!

पंचेन लामा भी तिब्बतियों के धर्मगुरु हैं. जिनकी पहचान दलाई लामा की ओर से की जाती है. बौद्ध धर्म में पंचेन लामा अवतार की भूमिका बड़ी अहम है. पंचेन लामा का शाब्दिक अर्थ पंडित अर्थात महान विद्वान है. बौद्ध धर्म में पंचेन लामा को दूसरा बड़ा धर्मगुरु माना गया है. पंचेन लामा के अवतार का सूत्रपात भी पांचवें दलाई लामा ने अपने कार्यकाल के दौरान 1385 में किया था.

पांचवें दलाई लामा ने अपने गुरु को इस उपाधि से अलंकृत कर ताशीहुंपो बौद्ध मठ का स्वामित्व सौंपा था. इसके बाद से पंचेन लामा के अवतार की नई परंपरा शुरू हुई थी. दलाई लामा के अवतार में पंचेन लामा व पंचेन लामा के अवतार में दलाई लामा की भूमिका ही प्रमुख रहती है. दोनों की भूमिका गुरु और चेले के रूप में बदलती रहती है.

यही वजह है कि जैसे ही दलाई लामा ने पंचेन लामा को मान्यता प्रदान की, चीन ने गेधुन छोकी न्यिमा को परिवार समेत ही गायब कर दिया. वहीं, चीन ने ग्यालसन नोरबू को पंचेन लामा के रूप में मान्यता प्रदान की है. जिससे भविष्य में जब भी नए दलाई लामा को मान्यता का सवाल आए तो वो अपनी पसंद के दलाई लामा तिब्बतियों पर थोप सके.

वहीं, तिब्बती समुदाय के लोगों का कहना है कि चीन सरकार बताए कि पंचेन लामा कहां पर और किस स्थिति में हैं? उनके अपहरण को 26 साल हो चुके हैं, लेकिन अभी तक उनके बारे में कोई भी जानकारी चीन सरकार की ओर से नहीं दी गई है. एक बार फिर से अंतरराष्ट्रीय समुदाय से यह मांग है कि उनके बारे में कोई भी जानकारी देने के लिए वो चीन सरकार पर दबाव बनाए. साथ ही तिब्बत में मानवाधिकारों और बुनियादी आजादी बहाल कराएं.

Last Updated : Jun 17, 2022, 12:34 PM IST
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