हल्द्वानी: इस बार नवरात्रि और दीपावली में आपके घर और मंदिर में स्वदेशी अगरबत्ती की खुशबू से महकेंगे. क्योंकि, वियतनाम और चाइना से आने वाले अगरबत्ती पर केंद्र सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया है. अगरबत्ती का आयात बंद हो जाने से स्वदेशी अगरबत्तियों की मांग बढ़ने वाली है.
देवभूमि उत्तराखंड को जड़ी, बूटी और फल फूलों का प्रदेश कहा जाता है. ऐसे में यहां अगरबत्ती उत्पादन की अपार संभावनाएं देखी जा सकती हैं. विदेशों से अगरबत्तियों और खुशबूदार वस्तुओं के आयात के पतिबंध के बाद स्वदेशी अगरबत्तियों के डिमांड में बढ़ोतरी होगी. अगर सरकार स्वदेशी अगरबत्ती को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाती है, तो प्रदेश में रोजगार के साधन बढ़ेंगे.
पढ़ें- उत्तराखंड पर्यटन को मिला 'सर्वश्रेष्ठ राज्य साहसिक पर्यटन' अवॉर्ड
हर साल करीब 35 करोड़ के करीब उत्तराखंड में अगरबत्ती का कारोबार होता है. जिसमें 80% भागीदारी विदेशी अगरबत्तियों की थी. सरकार अगर अगरबत्ती उद्योग की बढ़ावा दे, तो यहां अगरबत्ती उद्योग की अपार संभावनाएं हैं.