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अब स्वदेशी अगरबत्तियों से महकेंगे घर और मंदिर, प्रतिबंध के बाद बढ़ी मांग - विदेशी अगरबत्ती

वियतनाम और चाइना से आने वाली अगरबत्ती प्रतिबंध के बाद कुछ दिन में स्टॉक समाप्त हो जाएंगे. ऐसे में आगामी नवरात्रि और दीवाली में घर और मंदिर स्वदेशी अगरबत्ती की खुशबू से महकेंगे.

स्वदेशी अगरबत्ती
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Published : Sep 1, 2019, 3:30 PM IST

हल्द्वानी: इस बार नवरात्रि और दीपावली में आपके घर और मंदिर में स्वदेशी अगरबत्ती की खुशबू से महकेंगे. क्योंकि, वियतनाम और चाइना से आने वाले अगरबत्ती पर केंद्र सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया है. अगरबत्ती का आयात बंद हो जाने से स्वदेशी अगरबत्तियों की मांग बढ़ने वाली है.

स्वदेशी अगरबत्तियों की मांग बढ़ी

देवभूमि उत्तराखंड को जड़ी, बूटी और फल फूलों का प्रदेश कहा जाता है. ऐसे में यहां अगरबत्ती उत्पादन की अपार संभावनाएं देखी जा सकती हैं. विदेशों से अगरबत्तियों और खुशबूदार वस्तुओं के आयात के पतिबंध के बाद स्वदेशी अगरबत्तियों के डिमांड में बढ़ोतरी होगी. अगर सरकार स्वदेशी अगरबत्ती को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाती है, तो प्रदेश में रोजगार के साधन बढ़ेंगे.

पढ़ें- उत्तराखंड पर्यटन को मिला 'सर्वश्रेष्ठ राज्य साहसिक पर्यटन' अवॉर्ड

हर साल करीब 35 करोड़ के करीब उत्तराखंड में अगरबत्ती का कारोबार होता है. जिसमें 80% भागीदारी विदेशी अगरबत्तियों की थी. सरकार अगर अगरबत्ती उद्योग की बढ़ावा दे, तो यहां अगरबत्ती उद्योग की अपार संभावनाएं हैं.

हल्द्वानी: इस बार नवरात्रि और दीपावली में आपके घर और मंदिर में स्वदेशी अगरबत्ती की खुशबू से महकेंगे. क्योंकि, वियतनाम और चाइना से आने वाले अगरबत्ती पर केंद्र सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया है. अगरबत्ती का आयात बंद हो जाने से स्वदेशी अगरबत्तियों की मांग बढ़ने वाली है.

स्वदेशी अगरबत्तियों की मांग बढ़ी

देवभूमि उत्तराखंड को जड़ी, बूटी और फल फूलों का प्रदेश कहा जाता है. ऐसे में यहां अगरबत्ती उत्पादन की अपार संभावनाएं देखी जा सकती हैं. विदेशों से अगरबत्तियों और खुशबूदार वस्तुओं के आयात के पतिबंध के बाद स्वदेशी अगरबत्तियों के डिमांड में बढ़ोतरी होगी. अगर सरकार स्वदेशी अगरबत्ती को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाती है, तो प्रदेश में रोजगार के साधन बढ़ेंगे.

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हर साल करीब 35 करोड़ के करीब उत्तराखंड में अगरबत्ती का कारोबार होता है. जिसमें 80% भागीदारी विदेशी अगरबत्तियों की थी. सरकार अगर अगरबत्ती उद्योग की बढ़ावा दे, तो यहां अगरबत्ती उद्योग की अपार संभावनाएं हैं.

Intro:sammry- आने वाली नवरात्रि में देसी अगरबत्ती के खुशबू से महकेगा घर और मंदिर,।

एंकर- इस बार नवरात्रि और दीपावली में आपके घर और मंदिर में देसी अगरबत्ती की खुशबू देखने को मिलेगी। घरों में रोज सुबह शाम पूजा पाठ हो धार्मिक अनुष्ठान अब हर जगह देसी अगरबत्ती की खुशबू देखने को मिलेगा क्योंकि वियतनाम और चाइना से आने वाले अगरबत्ती पर केंद्र सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया है। अगरबत्ती के आयात बंद हो जाने से देसी और घरेलू अगरबत्तीयो जगह बनाने जा रही हैं।


Body:देवभूमि उत्तराखंड को जड़ी बूटी और फल फूलों का प्रदेश कहा जाता है ऐसे में यहां अगरबत्ती उत्पादन की अपार संभावनाएं देखी जा सकती है। विदेशों से अगरबत्तीयो और खुशबूदार वस्तुओं के आयात के पतिबन्ध के बाद देसी और जड़ी बूटी वाले अगरबत्तीयो के डिमांड में बढ़ोतरी होगी ।अगर सरकार घरेलू उत्पादित अगरबत्ती के बढ़ावा देने के लिए कदम उठाती है तो प्रदेश में रोजगार के संसाधन के साथ-साथ यहां के घरों और मंदिरों में यही कि उत्पादित अगरबत्ती यों की खुशबू महक सकती हैं।
उत्तराखंड को देवभूमि कहा जाता है तीर्थ नगरी हरिद्वार और ऋषिकेश के साथ-साथ कई धार्मिक स्थल यहां मौजूद है। हर साल करीब 35 करोड के आसपास उत्तराखंड में अगरबत्ती का कारोबार होता है जिसमें 80% भागीदारी विदेशी अगरबत्ती यों की है। सरकार अगर अगरबत्ती उद्योग की बढ़ावा दे तो यहां अगरबत्ती उद्योग की अपार संभावनाएं हैं।


Conclusion:वियतनाम और चाइना से अगरबत्ती प्रतिबंध के बाद कुछ दिनों में वहां की उत्पादित अगरबत्ती के स्टॉक समाप्त हो जाएंगे। ऐसे में नवरात्रि और दिवाली आने वाली है लोगों के घरों और मंदिरों में देसी अगरबत्ती की खुशबू देखी जा सकती है।

बाइट- अगरबत्ती कारोबारी
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