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आज है राखी का त्योहार, नैनीताल की दीप्ति ने फौजी भाइयों के लिए भेजा 'डोरी में प्यार'

नैनीताल की दीप्ति ने देश की सुरक्षा में तैनात फौजी भाइयों के लिए हाथ से राखी बनाकर भेजी हैं. भारत-चीन सीमा और भारत-पाकिस्तान सीमा पर देश की सुरक्षा में तैनात फौजी भाइयों के लिए दीप्ति ने राखी बनाकर भेजी हैं.

rakhi
राखी
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Published : Aug 3, 2020, 7:12 AM IST

Updated : Aug 3, 2020, 11:07 AM IST

नैनीताल: आज भाई-बहन के प्रेम का त्योहार रक्षाबंधन है. नैनीताल की दीप्ति ने देश की सीमाओं में तैनात फौजी भाइयों के लिए हस्त निर्मित राखियां बनाकर भेजी हैं. आज ये राखियां एलओसी ( LOC ) और एलएसी( LAC) में तैनात फौजी भाइयों के हाथों में बांधी जाएंगी.

नैनीताल की दीप्ति ने हस्त निर्मित राखियां भारत-चीन सीमा और भारत-पाकिस्तान सीमा पर देश की सुरक्षा में तैनात फौजी भाइयों के लिए भेजी हैं. दीप्ति ने बताया कि रक्षाबंधन के त्योहार के दिन भी कई भाई ऐसे हैं जो अपने घर नहीं आ पाते हैं. इसलिए उन्होंने देश की निस्वार्थ सेवा कर रहे सैनिक भाइयों के लिए अपने हाथों से राखी बनाकर भेजी हैं. दीप्ति के द्वारा इन राखियों को फौजी भाइयों तक भेजने से पहले पूरी तरह सैनिटाइज भी कराया गया, ताकि किसी को कोरोना संक्रमण न हो.
दीप्ति ने देश की सुरक्षा में तैनात फौजी भाइयों को भेजी राखिया.

पढ़ें: रक्षाबंधन पर त्रिवेंद्र सरकार का तोहफा, आंगनबाड़ी और आशा वर्कर्स को मिलेंगे एक हजार रुपए

दीप्ति ने बताया कि उन्होंने उत्तराखंड की परंपरा और लोक संस्कृति को ध्यान में रखकर राखी बनाई है. इन राखियों को बनाने में हर्बल रंगों का प्रयोग किया गया है. राखी बनाने में जिस डोर का प्रयोग किया गया है वह भी पूर्ण रूप से हर्बल है. उन्होंने कहा कि इन राखियों के द्वारा वे उत्तराखंड की लोक संस्कृति से रूबरू करवा रही हैं. दीप्ति ने कहा कि जिस तरह से चीन के द्वारा भारतीय सैनिकों पर हमला किया गया उसकी वो निंदा करती हैं. उन्होंने लोगों से प्रार्थना की है कि चाइनीज राखियों का पूर्ण रूप से बहिष्कार करें, और फौजी भाइयों की मदद करें.

नैनीताल: आज भाई-बहन के प्रेम का त्योहार रक्षाबंधन है. नैनीताल की दीप्ति ने देश की सीमाओं में तैनात फौजी भाइयों के लिए हस्त निर्मित राखियां बनाकर भेजी हैं. आज ये राखियां एलओसी ( LOC ) और एलएसी( LAC) में तैनात फौजी भाइयों के हाथों में बांधी जाएंगी.

नैनीताल की दीप्ति ने हस्त निर्मित राखियां भारत-चीन सीमा और भारत-पाकिस्तान सीमा पर देश की सुरक्षा में तैनात फौजी भाइयों के लिए भेजी हैं. दीप्ति ने बताया कि रक्षाबंधन के त्योहार के दिन भी कई भाई ऐसे हैं जो अपने घर नहीं आ पाते हैं. इसलिए उन्होंने देश की निस्वार्थ सेवा कर रहे सैनिक भाइयों के लिए अपने हाथों से राखी बनाकर भेजी हैं. दीप्ति के द्वारा इन राखियों को फौजी भाइयों तक भेजने से पहले पूरी तरह सैनिटाइज भी कराया गया, ताकि किसी को कोरोना संक्रमण न हो.
दीप्ति ने देश की सुरक्षा में तैनात फौजी भाइयों को भेजी राखिया.

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दीप्ति ने बताया कि उन्होंने उत्तराखंड की परंपरा और लोक संस्कृति को ध्यान में रखकर राखी बनाई है. इन राखियों को बनाने में हर्बल रंगों का प्रयोग किया गया है. राखी बनाने में जिस डोर का प्रयोग किया गया है वह भी पूर्ण रूप से हर्बल है. उन्होंने कहा कि इन राखियों के द्वारा वे उत्तराखंड की लोक संस्कृति से रूबरू करवा रही हैं. दीप्ति ने कहा कि जिस तरह से चीन के द्वारा भारतीय सैनिकों पर हमला किया गया उसकी वो निंदा करती हैं. उन्होंने लोगों से प्रार्थना की है कि चाइनीज राखियों का पूर्ण रूप से बहिष्कार करें, और फौजी भाइयों की मदद करें.

Last Updated : Aug 3, 2020, 11:07 AM IST
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