देहरादून, धीरज सजवाण: 38 वें नेशनल गेम्स के एथलेटिक्स प्रतियोगिताओं में उत्तराखंड की गोल्डन गर्ल अंकिता ने राज्य को पहला गोल्ड दिलवाया है. य़े गोल्ड मेडल अंकिता ध्यानी ने 3 हजार मीटर स्टीपल चेज दौड़ में जीता है. इससे पहले वह 10 हजार मीटर में सिल्वर मेडल जीत चुकी हैं. अभी नेशनल गेम्स में अंकिता 5000 मीटर रेस में भी प्रतिभाग करती नजर आएंगी.
3000 मीटर स्टीपलचेज में जीता गोल्ड: सोमवार को 38वे राष्ट्रीय खेलों के तहत देहरादून के महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज में चल रहे एथलेटिक्स प्रतियोगिताओं में उत्तराखंड की अंकिता ध्यानी ने 3000 मी स्टीपलचेज प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल हासिल किया है. गोल्ड मेडल हासिल करने वाली अंकिता ध्यानी ने यह रेस को 9:53.63 मिनट में पूरी की. अंकिता एथलेटिक्स प्रतियोगिताओं में लगातार उत्तराखंड के साथ ही देश का नाम रोशन कर चुकी हैं. उत्तराखंड की गोल्डन गर्ल अंकित ध्यान उत्तराखंड में चल रहे 38 में राष्ट्रीय खेलों में एक साथ एथलीट के तीन अलग-अलग इवेंट्स में प्रतिभा कर रही हैं. जिसमें वे लगातार मेडल भी हासिल कर रही हैं.
तीन अलग-अलग इवेंट में कर रही प्रतिभाग: गोल्ड मेडल जीतने के बाद ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए अंकिता ध्यानी ने कहा उन्हें बहुत खुशी और खुद पर बहुत प्राउड महसूस हो रहा है क्योंकि उन्होंने यह गोल्ड मेडल अपने होम ग्राउंड में प्राप्त किया है. बता दें अंकिता केवल 3000 मीटर ही नहीं बल्कि एथलेटिक्स इवेंट्स के तीन अलग-अलग इवेंट में भाग ले रही हैं. जिसमें से उनका 10000 मीटर वाला इवेंट हो चुका है. जिसमें उन्होंने सिल्वर मेडल जीता है. इसके अलावा अंकिता ध्यानी 5000 मीटर रेस में भी प्रतिभाग करती नजर आएंगी.अंकिता ध्यानी ने 10000 मीटर रेस उनका मेन इवेंट नहीं हैं. उन्होंने खुद को आजमाने के लिए इसमें भाग लिया. जिसमें उन्होंने सिल्वर मेडल हासिल किया. आज का उनका मेन इवेंट था. अभी 5000 मीटर रेस होनी बाकी है. वह रेस भी उन्हें काफी ज्यादा पसंद है.
![GOLD MEDALIST ANKITA DHYANI JOURNE](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/10-02-2025/23515983_kak.png)
पौड़ी के मरोड़ा गांव से आती हैं अंकिता: बता दें अंकिता ध्यानी पौड़ी गढ़वाल के जयहरीखाल ब्लॉक के मरोड़ा गांव से आती हैं. अंकिता ध्यानी ने बताया उनके घर से हमेशा ही उनके खेल के प्रति बहुत ज्यादा सपोर्ट रहा है. बचपन से ही उन्होंने खेलकूद में हिस्सा लेना शुरू किया. शुरुआत में वह स्कूलों में खेला करती थी. जहां उनकी जीत की शुरुआत हुई. उन्होंने बताया धीरे धीरे वह डिस्ट्रिक्ट लेवल और नेशनल लेवल पर खेलने लगी. जिसके बाद उनके परिवार ने उन्हें और ज्यादा सपोर्ट किया. अंकिता ने बताया उन्होंने हाल ही में पेरिस में हुए ओलंपिक खेलों में ब्रॉन्ज मेडल जीता. इस बार के लिए उन्होंने उससे कही ज्यादा मेहनत की.
![GOLD MEDALIST ANKITA DHYANI JOURNE](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/10-02-2025/23515983_oaoa.png)
अंकिता से लिए आसान नहीं रहा सफर: अंकिता ध्यानी ने कहा जिस गांव या जिस क्षेत्र से वह आती हैं वह बेहद पिछड़ा है. यहां अमूमन लोग खेलों के प्रति अपने बच्चों को उतना सपोर्ट नहीं करते. उन्होंने उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों से आने वाले सभी अभिभावकों से बच्चों के हुनर को पहचाने के साथ ही सपोर्ट करने की अपील की है. अंकिता ने कहा उन्होंने अपने पदकों की शुरुआत डिस्ट्रिक्ट लेवल से की. जिसके बाद वे आज इंटरनेशनल लेवल तक पहुंच चुकी हैं. उन्होंने कहा अब एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल लाना उनका अगला टारेगटे है.
खेल मंत्री रेखा आर्य ने पहनाया मेडल: 3000 मीटर स्टीपलचेज में गोल्ड मेडल जीतने वाली अंकिता ध्यानी की मेडल सेरिमनी पर उत्तराखंड की खेल मंत्री रेखा आर्य खुद मौजूद रही. उन्होंने अंकिता को गोल्ड मेडल पहनाया. इस दौरान रेखा आर्य ने कहा नेशनल गेम्स में उत्तराखंड के प्रदर्शन को देखरप वह काफी खुश हैं. रेखा आर्य ने कहा जितनी खुशी उन्हें इस आयोजन को उत्तराखंड में करवाने से हो रही है उससे कई ज्यादा खुशी उन्हें उत्तराखंड में एथलीट्स के प्रदर्शन को देखकर हो रही है.