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लगातार बारिश ने बढ़ाई लोगों की परेशानी, पहाड़ों से गिर रहे बोल्डर बने खतरा

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Published : Jul 30, 2019, 11:46 PM IST

Updated : Jul 31, 2019, 2:21 PM IST

सरोवर नगरी में हो रही लगातार बारिश कभी भी हादसे का सबब बन सकती है. बारिश की वजह से पहाड़ियों से मलबा और पत्थर सड़कों पर गिर रहे हैं.

मलबा और पत्थरों

नैनीतालः बीते दिनों से नैनीताल में हो रही बारिश के कारण लगातार पहाड़ों से मलबा गिर रहा है, जिससे यात्रियों की जान पर खतरा बना हुआ है. वहीं, बरसों पुराने पेड़ भी खतरे की जद में है. क्योंकि बरसात की वजह से पेड़ों की जड़ से मिट्टी पूरी तरह से बह गई है और यह पेड़ कभी भी सड़क पर गिर सकते हैं. जिससे कोई भी बड़ी घटना हो सकती है.

लगातार बारिश से नागरिक चिंतित.

नैनीताल से अल्मोड़ा जाने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग भू-स्खलन की दृष्टि से अति संवेदनशील है. पिछले कई सालों से लगातार अल्मोड़ा-नैनीताल नेशनल हाई-वे पर हर साल भारी मात्रा में भू-स्खलन होता है, जिससे पहाड़ में यात्रा कर रहे यात्रियों समेत वाहन चालकों की जान खतरे में होती है.

जबकि, 2 साल के भीतर नैनीताल-अल्मोड़ा राष्ट्रीय राजमार्ग में करीब दर्जन भर से अधिक ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं. जिसमें पहाड़ी से मलबा गिरकर सीधे वाहन के ऊपर गिरा. इसमें अलग-अलग घटनाओं में करीब 8 लोगों की मौत भी हो चुकी है.

बारिश के दौरान प्रशासन द्वारा सुरक्षा की दृष्टि से कई बार नैनीताल-अल्मोड़ा मार्ग को बंद भी करने की नौबत आती है, ताकि बरसात के दौरान नेशनल हाई-वे पर कोई बड़ी घटना न हो सके, लेकिन यात्रियों की सुरक्षा के लिए प्रशासन द्वारा ऐसे कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं, जिनसे इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके.

आज भी नैनीताल, भवाली, भीमताल, मुक्तेश्वर, खैरना, गरमपानी, पाडली समेत कई ऐसी जगह हैं, जहां बारिश के दौरान मलबा गिरता रहा है. जिनको रोकने के लिए शासन प्रशासन और सरकार के पास कोई पुख्ता इंतजाम नहीं है. अगर इसी तरह मलबा और पत्थर, बोल्डर सड़कों पर गिरते रहे तो आने वाले समय में एक बड़ी घटना से यात्रियों को सामना करना पड़ेगा.

यह भी पढ़ेंःकाशीपुर से संसद तक पहुंची तीन तलाक की गूंज, जानें सायरा का सफर

वहीं, पूरे मामले में नैनीताल के डीएम सविन बंसल का कहना है कि नैनीताल के विभिन्न स्थानों पर गिर रहे मलबे को हटाने के लिए जेसीबी लगाई गईं हैं. साथ ही आपदा प्रबंधन, एसडीआरएफ की टीमों को बरसात के दौरान तैनात किया गया है. ताकि इस तरह की हो रही घटनाओं को रोका जा सके और बरसात के दौरान हुए घटनाओं पर त्वरित कार्रवाई की जा सके.

नैनीतालः बीते दिनों से नैनीताल में हो रही बारिश के कारण लगातार पहाड़ों से मलबा गिर रहा है, जिससे यात्रियों की जान पर खतरा बना हुआ है. वहीं, बरसों पुराने पेड़ भी खतरे की जद में है. क्योंकि बरसात की वजह से पेड़ों की जड़ से मिट्टी पूरी तरह से बह गई है और यह पेड़ कभी भी सड़क पर गिर सकते हैं. जिससे कोई भी बड़ी घटना हो सकती है.

लगातार बारिश से नागरिक चिंतित.

नैनीताल से अल्मोड़ा जाने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग भू-स्खलन की दृष्टि से अति संवेदनशील है. पिछले कई सालों से लगातार अल्मोड़ा-नैनीताल नेशनल हाई-वे पर हर साल भारी मात्रा में भू-स्खलन होता है, जिससे पहाड़ में यात्रा कर रहे यात्रियों समेत वाहन चालकों की जान खतरे में होती है.

जबकि, 2 साल के भीतर नैनीताल-अल्मोड़ा राष्ट्रीय राजमार्ग में करीब दर्जन भर से अधिक ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं. जिसमें पहाड़ी से मलबा गिरकर सीधे वाहन के ऊपर गिरा. इसमें अलग-अलग घटनाओं में करीब 8 लोगों की मौत भी हो चुकी है.

बारिश के दौरान प्रशासन द्वारा सुरक्षा की दृष्टि से कई बार नैनीताल-अल्मोड़ा मार्ग को बंद भी करने की नौबत आती है, ताकि बरसात के दौरान नेशनल हाई-वे पर कोई बड़ी घटना न हो सके, लेकिन यात्रियों की सुरक्षा के लिए प्रशासन द्वारा ऐसे कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं, जिनसे इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके.

आज भी नैनीताल, भवाली, भीमताल, मुक्तेश्वर, खैरना, गरमपानी, पाडली समेत कई ऐसी जगह हैं, जहां बारिश के दौरान मलबा गिरता रहा है. जिनको रोकने के लिए शासन प्रशासन और सरकार के पास कोई पुख्ता इंतजाम नहीं है. अगर इसी तरह मलबा और पत्थर, बोल्डर सड़कों पर गिरते रहे तो आने वाले समय में एक बड़ी घटना से यात्रियों को सामना करना पड़ेगा.

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वहीं, पूरे मामले में नैनीताल के डीएम सविन बंसल का कहना है कि नैनीताल के विभिन्न स्थानों पर गिर रहे मलबे को हटाने के लिए जेसीबी लगाई गईं हैं. साथ ही आपदा प्रबंधन, एसडीआरएफ की टीमों को बरसात के दौरान तैनात किया गया है. ताकि इस तरह की हो रही घटनाओं को रोका जा सके और बरसात के दौरान हुए घटनाओं पर त्वरित कार्रवाई की जा सके.

Intro:Summry बीते दिनों से नैनीताल में हो रही बारिश से लगातार पहाड़ों से गिर रहा मलवा यात्रियों की जान पर मंडरा रहा खतरा। Intro पहाड़ी क्षेत्रों में इन दिनों हो रही बारिश की वजह से पहाड़ियों से मलवा और पत्थर सड़कों पर गिर रहे हैं जिससे पहाड़ी क्षेत्रों में यात्रा कर रहे यात्रियों की जान पर आफत बनी हुई है, वहीं बरसों पुराने पेड़ भी आज खतरे की जद में है क्योंकि बरसात की वजह से पेड़ों की जड़ से मिट्टी पूरी तरह से बेह चुकी है और यह पेड़ कभी भी बस या छोटी गाड़ी के ऊपर गिर सकते हैं जिससे आने वाले समय में कोई बड़ी घटना हो सकती है।


Body:नैनीताल से अल्मोड़ा जाने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग भूस्खलन की दृष्टि से अति संवेदनशील है पिछले कई सालों से लगातार अल्मोड़ा नैनीताल नेशनल हाईवे पर हर साल भारी मात्रा में भूस्खलन होता है और जिससे पहाड़ में यात्रा कर रहे यात्रियों समेत वाहन चालकों की जान खतरे में पड़ती है, वही 2 साल के भीतर नैनीताल अल्मोड़ा राष्ट्रीय राजमार्ग में करीब दर्जन भर से अधिक ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं जिसमें पहाड़ी से मलबा गिर कर सीधे वाहन के ऊपर आया जिसमें अलग-अलग घटनाओं में करीब 8 लोगों की मौत भी हो चुकी है। वहीं बारिश के दौरान प्रशासन के द्वारा सुरक्षा की दृष्टि से कई बार नैनीताल अल्मोड़ा मार्ग को बंद भी करने की नौबत आती है ताकि बरसात के दौरान नेशनल हाईवे में कोई बड़ी घटना ना हो सके। बाईट- नीरज जोशी,यात्री।


Conclusion:लेकिन यात्रियों की सुरक्षा के लिए प्रशासन के द्वारा ऐसे कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं जिनसे इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके क्योंकि आज भी नैनीताल,भवाली,भीमताल,मुक्तेश्वर, खैरना,गरमपानी,पाडली समेत कई ऐसी जगह है जहां बारिश के दौरान मलबा गिरता रहा है,, जिनको रोकने के लिए शासन प्रशासन और सरकार के पास कोई पुख्ता इंतजाम नहीं है अगर इसी तरह मलबा और पत्थर, बोल्डर सड़कों पर गिरते रहे तो आने वाले समय में एक बड़ी घटना से यात्रियों को सामना करना पड़ेगा,,,, हो सकता है कि पहाड़ों से गिर रहे ये बोल्डर यात्रियों की मौत का भी कारण बन सकते हैं। वहीं पूरे मामले में नैनीताल के डीएम सविनन बंसल का कहना है कि उनके द्वारा नैनीताल के विभिन्न स्थानों पर गिर रहे मलबे को हटाने के लिए जेसीबी तैयार की हैं साथ ही आपदा प्रबंधन, एसडीआरएफ की टीमों को बरसात के दौरान तैनात किया है ताकि इस तरह की हो रही घटनाओं को रोका जा सके और बरसात के दौरान हुए घटनाओं पर त्वरित कार्रवाई की जा सके। बाइट- सविन बंसल डीएम नैनीताल।
Last Updated : Jul 31, 2019, 2:21 PM IST
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