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उत्तराखंड लोक और निजी संपत्ति क्षति वसूली विधेयक को मिली राज्यपाल की मंजूरी, नुकसान की उपद्रवियों से होगी वसूली - property damage recovery bill

Property Damage Recovery Act Approved उत्तराखंड में यूपी और हरियाणा की तर्ज पर अब सार्वजनिक और निजी संपत्ति को क्षति पहुंचाने वाले उपद्रवियों से वसूली होगी. जिसे मानसून सत्र में विधेयक सर्वसम्मति से पारित होने के बाद राज्यपाल के अनुमोदन के लिए राजभवन भेजा गया था. वहीं अब विधेयक को राजभवन से मंजूरी मिल गई है.

Property Damage Recovery Bill
उत्तराखंड समाचार (Photo- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 20, 2024, 1:48 PM IST

Updated : Sep 20, 2024, 2:03 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश में उपद्रवियों पर नकेल कसने के लिए उत्तराखंड लोक और निजी संपत्ति क्षति वसूली विधेयक को पारित किया था. ऐसे में इस विधायक को विधानसभा सत्र के दौरान पारित किए जाने के बाद राज्यपाल के अनुमोदन के लिए राजभवन भेज दिया था. जिस पर विधेयक पर राज्यपाल की मंजूरी मिल गई है. ऐसे में लोक और निजी संपत्तियों का नुकसान पहुंचाने वाले उपद्रवियों से नुकसान की वसूली की जा सकेगी.

सीएम धामी ने जताया आभार: उत्तराखंड लोक तथा निजी संपत्ति क्षति वसूली (अध्यादेश) विधेयक को राजभवन से मंजूरी मिलने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह का आभार जताया. साथ ही सीएम धामी ने कहा कि इस कानून के तहत, दंगाइयों द्वारा सरकारी और निजी संपत्ति को पहुंचने वाले नुकसान की भरपाई की जा सकेगी. यही नहीं, दंगा नियंत्रण में लगे सरकारी अमले और अन्य कार्यों पर आने वाले खर्च की वसूला जाएगा. सीएम ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड में कानून व्यवस्था और स्वरूप बिगाड़ने की किसी को छूट नहीं है. ऐसे में इस कानून को राज्य में कड़ाई से पालन कराया जाएगा.

विधानसभा सत्र में लाया गया था विधेयक: दरअसल, पिछले महीने गैरसैंण में हुए मानसून विधानसभा सत्र के दौरान राज्य सरकार ने प्रदेश में अध्यादेश के रूप में लागू इस कानून के लिए विधेयक पेश किया था. सदन की कार्रवाई के दौरान विधेयक सर्वसम्मत से पारित होने के बाद राज्यपाल के अनुमोदन के लिए राजभवन भेजा गया था. जिस पर राज्यपाल का अनुमोदन होने के बाद अब कानून बन गया है. इस कानून के तहत विरोध प्रदर्शन, हड़ताल, आंदोलन, दंगों और बंद के दौरान सरकारी के साथ-साथ निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वाले लोगों से नुकसान की वसूली की जाएगी.

उपद्रवियों और दंगाइयों से होगी वसूली: इस कानून के तहत कार्रवाई के लिए एक दावा अभिकरण का भी गठन किया जाएगा. जिस दावा अभिकरण में कोई भी व्यक्ति और सरकारी संपत्तियों का प्राधिकारी, अपना दावा पेश कर सकता है. हालांकि, इन सभी दावों का निस्तारण करने के लिए एक समय सीमा भी तय की जाएगी, ताकि नुकसान की भरपाई जल्द से जल्द कराई जा सके. कानून में किए गए प्रावधान के अनुसार, अगर कोई आंदोलन या बंद के दौरान संपत्तियों को नुकसान पहुंचता है तो फिर इसकी भरपाई आंदोलन या फिर बंद का आह्वान करने वाले संबंधित व्यक्ति या नेता से की जाएगी. यही नहीं, नुकसान संपत्ति की भरपाई के साथ ही 8 लाख रुपए तक का जुर्माना और दंगा नियंत्रण पर सरकारी खर्च भी देना होगा.

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सीएम धामी ने जताया आभार: उत्तराखंड लोक तथा निजी संपत्ति क्षति वसूली (अध्यादेश) विधेयक को राजभवन से मंजूरी मिलने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह का आभार जताया. साथ ही सीएम धामी ने कहा कि इस कानून के तहत, दंगाइयों द्वारा सरकारी और निजी संपत्ति को पहुंचने वाले नुकसान की भरपाई की जा सकेगी. यही नहीं, दंगा नियंत्रण में लगे सरकारी अमले और अन्य कार्यों पर आने वाले खर्च की वसूला जाएगा. सीएम ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड में कानून व्यवस्था और स्वरूप बिगाड़ने की किसी को छूट नहीं है. ऐसे में इस कानून को राज्य में कड़ाई से पालन कराया जाएगा.

विधानसभा सत्र में लाया गया था विधेयक: दरअसल, पिछले महीने गैरसैंण में हुए मानसून विधानसभा सत्र के दौरान राज्य सरकार ने प्रदेश में अध्यादेश के रूप में लागू इस कानून के लिए विधेयक पेश किया था. सदन की कार्रवाई के दौरान विधेयक सर्वसम्मत से पारित होने के बाद राज्यपाल के अनुमोदन के लिए राजभवन भेजा गया था. जिस पर राज्यपाल का अनुमोदन होने के बाद अब कानून बन गया है. इस कानून के तहत विरोध प्रदर्शन, हड़ताल, आंदोलन, दंगों और बंद के दौरान सरकारी के साथ-साथ निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वाले लोगों से नुकसान की वसूली की जाएगी.

उपद्रवियों और दंगाइयों से होगी वसूली: इस कानून के तहत कार्रवाई के लिए एक दावा अभिकरण का भी गठन किया जाएगा. जिस दावा अभिकरण में कोई भी व्यक्ति और सरकारी संपत्तियों का प्राधिकारी, अपना दावा पेश कर सकता है. हालांकि, इन सभी दावों का निस्तारण करने के लिए एक समय सीमा भी तय की जाएगी, ताकि नुकसान की भरपाई जल्द से जल्द कराई जा सके. कानून में किए गए प्रावधान के अनुसार, अगर कोई आंदोलन या बंद के दौरान संपत्तियों को नुकसान पहुंचता है तो फिर इसकी भरपाई आंदोलन या फिर बंद का आह्वान करने वाले संबंधित व्यक्ति या नेता से की जाएगी. यही नहीं, नुकसान संपत्ति की भरपाई के साथ ही 8 लाख रुपए तक का जुर्माना और दंगा नियंत्रण पर सरकारी खर्च भी देना होगा.

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Last Updated : Sep 20, 2024, 2:03 PM IST
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