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हल्द्वानी: डेयरी और गौशाला संचालकों को अब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से लेनी होगी अनुमति - Haldwani News

नए नियमों के हिसाब से डेयरी और गौशाला संचालकों को अब स्थानीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से अनुमति लेनी होगी. जो भी डेयरी या गौशाला संचालक प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मानकों पर खरा नहीं उतरेगा उसको संचालन की अनुमति नहीं दी जाएगी.

Haldwani News
यरी और गौशाला संचालकों को अब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से लेनी होगी अनुमति.
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Published : Sep 9, 2020, 1:36 PM IST

Updated : Sep 9, 2020, 3:58 PM IST

हल्द्वानी: सरकार की नई गाइडलाइन के अनुसार प्रदेश के शहरी क्षेत्रों के डेयरी और गौशाला संचालकों को अब स्थानीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से अनुमति लेनी होगी, तभी डेयरी और गौशाला का संचालन कर सकेंगे. यही नहीं डेयरी और गौशाला संचालकों को स्थानीय नगर निकाय में पंजीकरण करना भी अनिवार्य होगा.

डेयरी और गौशाला संचालकों को अब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से लेनी होगी अनुमति.

क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी आरके चतुर्वेदी के मुताबिक नगर पंचायत नगर निगम और नगर पालिका क्षेत्र में संचालित होने वाली डेयरी उद्योग और गौशाला संचालकों को निकाय में पंजीकरण के साथ-साथ स्थानीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में पंजीकरण करना अनिवार्य होगा. उन्होंने बताया कि 10 से अधिक पशु वाले डेयरी और गौशाला संचालकों को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सभी मानकों पर खरा उतरना होगा.

पढ़ें-हिमालय दिवस 2020: हिमालय बचेगा तो हम बचेंगे

उन्होंने बताया कि नई व्यवस्था के तहत गौशाला को ग्रीन कैटेगरी में रखा गया है, जबकि डेयरी उद्योग को ऑरेंज कैटेगरी में रखा गया है. क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी आरके चतुर्वेदी ने बताया कि जो भी डेयरी या गौशाला संचालक प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मानकों पर खरा नहीं उतरेगा उसको संचालन की अनुमति नहीं दी जाएगी.

हल्द्वानी: सरकार की नई गाइडलाइन के अनुसार प्रदेश के शहरी क्षेत्रों के डेयरी और गौशाला संचालकों को अब स्थानीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से अनुमति लेनी होगी, तभी डेयरी और गौशाला का संचालन कर सकेंगे. यही नहीं डेयरी और गौशाला संचालकों को स्थानीय नगर निकाय में पंजीकरण करना भी अनिवार्य होगा.

डेयरी और गौशाला संचालकों को अब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से लेनी होगी अनुमति.

क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी आरके चतुर्वेदी के मुताबिक नगर पंचायत नगर निगम और नगर पालिका क्षेत्र में संचालित होने वाली डेयरी उद्योग और गौशाला संचालकों को निकाय में पंजीकरण के साथ-साथ स्थानीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में पंजीकरण करना अनिवार्य होगा. उन्होंने बताया कि 10 से अधिक पशु वाले डेयरी और गौशाला संचालकों को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सभी मानकों पर खरा उतरना होगा.

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उन्होंने बताया कि नई व्यवस्था के तहत गौशाला को ग्रीन कैटेगरी में रखा गया है, जबकि डेयरी उद्योग को ऑरेंज कैटेगरी में रखा गया है. क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी आरके चतुर्वेदी ने बताया कि जो भी डेयरी या गौशाला संचालक प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मानकों पर खरा नहीं उतरेगा उसको संचालन की अनुमति नहीं दी जाएगी.

Last Updated : Sep 9, 2020, 3:58 PM IST
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