हल्द्वानी: सरकार की नई गाइडलाइन के अनुसार प्रदेश के शहरी क्षेत्रों के डेयरी और गौशाला संचालकों को अब स्थानीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से अनुमति लेनी होगी, तभी डेयरी और गौशाला का संचालन कर सकेंगे. यही नहीं डेयरी और गौशाला संचालकों को स्थानीय नगर निकाय में पंजीकरण करना भी अनिवार्य होगा.
क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी आरके चतुर्वेदी के मुताबिक नगर पंचायत नगर निगम और नगर पालिका क्षेत्र में संचालित होने वाली डेयरी उद्योग और गौशाला संचालकों को निकाय में पंजीकरण के साथ-साथ स्थानीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में पंजीकरण करना अनिवार्य होगा. उन्होंने बताया कि 10 से अधिक पशु वाले डेयरी और गौशाला संचालकों को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सभी मानकों पर खरा उतरना होगा.
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उन्होंने बताया कि नई व्यवस्था के तहत गौशाला को ग्रीन कैटेगरी में रखा गया है, जबकि डेयरी उद्योग को ऑरेंज कैटेगरी में रखा गया है. क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी आरके चतुर्वेदी ने बताया कि जो भी डेयरी या गौशाला संचालक प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मानकों पर खरा नहीं उतरेगा उसको संचालन की अनुमति नहीं दी जाएगी.