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लॉकडाउन से रामनगर में दिहाड़ी मजदूरों पर संकट, सरकार से मदद की गुहार

रामनगर में लॉकडाउन के बाद दिहाड़ी मजदूरों के सामने रोजी-रोटी का संकट गहरा गया है. ये मजदूर सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं. दरअसल लॉकडाउन के बाद दाबका नदी में खनिज का चुगान बंद हो गया है. ये मजदूर चुगान से दो वक्त की रोटी का इंतजाम करते थे.

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लॉकडाउन के बाद मजदूरों को सरकार से मदद की आस.
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Published : Mar 27, 2020, 1:15 PM IST

रामनगर: नैनीताल जिले में लॉकडाउन के बाद मजदूर सबसे ज्यादा प्रभावित हैं. रामनगर की दाबका नदी में खनिज चुगान का काम बंद होने के बाद मजदूरों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. जिसके बाद इन मजदूरों ने राज्य सरकार से खाना मुहैया करना की गुहार लगाई है.

रामनगर में लॉकडाउन के बाद दिहाड़ी मजदूरों के सामने रोजी-रोटी का संकट गहराया

पूरे देश में लॉकडाउन के बाद लोगों ने अपनी रोजमर्रा की जरूरतों का सामान घरों में इकट्ठा कर लिया है. वहीं, इन दिहाड़ी मजदूरों के लिए रोजी-रोटी का संकट गहरा गया है. जिसके बाद अब ये मजदूर सरकार से इन्हें घर पहुंचाने की अपील भी कर रहे हैं.

पढ़ें: कोरोना से जंग के लिए AIIMS ऋषिकेश की तैयारी, जल्द बनेंगे 100 आइसोलेशन बेड

इन मजदूरों का कहना है कि काम बंद होने के बाद से ही हमारे लिए खाने और रहने का संकट गहरा गया है. कोई काम और कमाई न होने से हम जरूरत का सामान भी नहीं खरीद पा रहे हैं. अगर सरकार हमारे घर पहुंचने का इंतजाम कर दे तो हमारी मुश्किलें कम हो सकती हैं.

बता दें कि दाबका नदी में खनिज चुगान का काम करने के लिए सैंकड़ों लोग यूपी और बिहार से पहुंचते हैं. लॉकडाउन के बाद फंसे ये मजदूर अब अपने घरों को लौटना चाहते हैं. वहीं, वन निगम के अफसर इनके लिए राशन का इंतजाम भी करा रहे हैं.

रामनगर: नैनीताल जिले में लॉकडाउन के बाद मजदूर सबसे ज्यादा प्रभावित हैं. रामनगर की दाबका नदी में खनिज चुगान का काम बंद होने के बाद मजदूरों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. जिसके बाद इन मजदूरों ने राज्य सरकार से खाना मुहैया करना की गुहार लगाई है.

रामनगर में लॉकडाउन के बाद दिहाड़ी मजदूरों के सामने रोजी-रोटी का संकट गहराया

पूरे देश में लॉकडाउन के बाद लोगों ने अपनी रोजमर्रा की जरूरतों का सामान घरों में इकट्ठा कर लिया है. वहीं, इन दिहाड़ी मजदूरों के लिए रोजी-रोटी का संकट गहरा गया है. जिसके बाद अब ये मजदूर सरकार से इन्हें घर पहुंचाने की अपील भी कर रहे हैं.

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इन मजदूरों का कहना है कि काम बंद होने के बाद से ही हमारे लिए खाने और रहने का संकट गहरा गया है. कोई काम और कमाई न होने से हम जरूरत का सामान भी नहीं खरीद पा रहे हैं. अगर सरकार हमारे घर पहुंचने का इंतजाम कर दे तो हमारी मुश्किलें कम हो सकती हैं.

बता दें कि दाबका नदी में खनिज चुगान का काम करने के लिए सैंकड़ों लोग यूपी और बिहार से पहुंचते हैं. लॉकडाउन के बाद फंसे ये मजदूर अब अपने घरों को लौटना चाहते हैं. वहीं, वन निगम के अफसर इनके लिए राशन का इंतजाम भी करा रहे हैं.

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