रामनगर: विश्व प्रसिद्ध जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क के ढिकाला जोन में गुरुवार 23 नवंबर को वन विभाग के दैनिक श्रमिक को बाघ ने अपना शिकार बना लिया. बाघ के हमले से दैनिक श्रमिक की मौत हो गई. वन विभाग के अन्य कर्मचारियों की कई हवाई फायरिंग के बाद बाघ जंगल की तरफ भागा. इससे पहले 12 नवंबर को भी बाघ ने नेपाली मजदूर का शिकार किया था.
जानकारी के मुताबिक 58 साल का राम बहादुर पुत्र खड़क बहादुर पिछले 25 सालों से ढिकाला जोन में दैनिक श्रमिक के तौर पर काम कर रहा था. बताया जा रहा है कि गुरुवार 23 नवंबर को ढिकाला कैंपस में सोलर फेंसिंग के पास लगी झाड़ियों को कटाने का काम किया जा रहा था, तभी बाघ ने दैनिक श्रमिक राम बहादुर पर हमला कर दिया और उसे जंगल की तरफ ले गया. इस घटना के बाद इलाके में चीख-पुखार मच गई. राम बहादुर को बचाने के लिए वन कर्मियों ने 10 से ज्यादा हवाई फायरिंग तब कही जाकर बाघ ने राम बहादुर को छोड़ा.
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मौके पर मौजूद कर्मचारी तत्काल राम बहादुर को हॉस्पिटल लेकर गए, लेकिन उससे पहले राम राम बहादुर दम तोड़ चुका थी, जिसे डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. वहीं बताया जा रहा है कि जिस समय बाघ ने राम बहादुर पर हमला किया, तब वहां पर कई पर्यटक जंगल सफारी का लुफ्त उठा रहे थे, इस घटना के बाद पर्यटक भी काफी डर गए थे.
वहीं, मामले की गंभीरता को देखते हुए कॉर्बेट प्रशासन ने वनकर्मियों की गश्त को बढ़ा दिया है. साथ ही बाघ को पकड़ने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन भी शुरू कर दिया है. बता दें कि कॉर्बेट नेशनल पार्क के ढिकाला जोन में सबसे ज्यादा पर्यटक आते है.
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12 नवंबर को एक नेपाली मजदूर की गई थी जान: वहीं, इससे पहले 12 नवंबर को भी बाघ ने 22 साल के शिवा को भी अपना निवाला बनाया था. शिवा ढिकाला क्षेत्र में मचान संख्या एक में झाड़ी कटाने का काम में व्यस्त था, तभी अचानक बाघ ने शिवा पर हमला किया था. शिवा की चीख पुकार सुनकर आसपास मौजूद परिजनों और विभागीय कर्मचारियों ने उसे बचाने का प्रयास किया, लेकिन बाघ की दहाड़ सुनकर सभी पीछे हट गए, जिससे उसकी जान चली गई.