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मिस्र से आयात प्याज बना सरकार के गले की फांस, नहीं मिल रहे खरीददार

प्रदेश सरकार ने मंडी परिषद के माध्यम से मिस्र से भारी मात्रा में प्याज आयात कर सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान पर 70 रुपये किलो के हिसाब से लोगों के लिए मुहैया कराया था. वहीं, बाजार में नए प्याज की दस्तक से अब प्याज 40 से 50 रुपये किलो मिल रहा है. ऐसे में लोग सस्ते गल्ले की दुकान से प्याज नहीं खरीद रहे हैं.

import of onion from Egypt news
मिस्र से आयात प्याज
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Published : Jan 10, 2020, 11:38 PM IST

हल्द्वानी: प्रदेश सरकार को मिस्र से प्याज आयात करा के सस्ते गल्ले की दुकानों पर प्याज बिकवाना गले पड़ने लगा है. प्याज के बढ़ते दामों को देखते हुए प्रदेश सरकार ने मंडी परिषद के माध्यम से भारी मात्रा में प्याज आयात किया. जिसके बाद सरकार ने सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों पर प्याज 70 रुपये किलो मुहैया कराया. लेकिन मंडियों में नए प्याज की आवक आने के बाद बाजारों में प्याज 40 से 50 रुपये किलो मिल रहा है. ऐसे में लोग सस्ते गल्ले की दुकान से प्याज नहीं खरीद रहे हैं. लेकिन सस्ते गले के दुकानदारों को सरकार का आदेश मानते हुए महंगे दामों में प्याज बेचना है. जिसके चलते सस्ते गले के दुकानदार परेशान हैं.

मिस्र से आयात प्याज बना सरकार के गले की फांस.

बताया जा रहा है कि मंडी परिषद ने नैनीताल जनपद के लिए ढाई सौ कुंतल प्याज की खरीद की. जिसके बाद मंडी परिषद ने राशन डीलरों को 67 रुपये किलो के हिसाब से प्याज देकर 70 रुपए किलो के हिसाब से आम उपभोक्ताओं को प्याज देने के निर्देश दिए हैं. लेकिन अचानक प्याज के गिरते दाम के चलते लोग अब राशन की दुकानों से प्याज नहीं खरीद रहे हैं. ऐसे में राशन डीलर परेशान हैं.

वहीं, खाद्य विभाग के उपायुक्त राहुल शर्मा ने बताया कि शासन को प्याज के रेट कम किए जाने को लेकर चिट्ठी लिखी गई है. उम्मीद जताई जा रही है कि शासन से प्याज की रेट कम हो जाएंगे जिसके बाद उपभोक्ताओं के साथ-साथ सस्ते गल्ले की दुकानदारों को भी इसका फायदा मिलेगा.

ये भी पढ़ें: नो टू सिंगल यूज प्लास्टिक : लकड़ी की कंघी बनाने के लिए मशहूर हैं उज्जैन के छगनलाल

प्याज कारोबारियों का कहना है कि नई प्याज आने के बाद लगातार प्याज की रेट में गिरावट देखी जा रही है. यदि सरकार समय रहते प्याज की आयात कर आम जनता को कम दामों में प्याज मुहैया कराती तो लोगों को महंगाई से कुछ राहत मिलती. लेकिन अब जब प्याज के दामों में लगातार गिरावट हो रही है तो सरकार ने जो बाहर से महंगे दामों में प्याज की खरीद की है, उसे ग्राहक नहीं खरीद रहा है.

हल्द्वानी: प्रदेश सरकार को मिस्र से प्याज आयात करा के सस्ते गल्ले की दुकानों पर प्याज बिकवाना गले पड़ने लगा है. प्याज के बढ़ते दामों को देखते हुए प्रदेश सरकार ने मंडी परिषद के माध्यम से भारी मात्रा में प्याज आयात किया. जिसके बाद सरकार ने सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों पर प्याज 70 रुपये किलो मुहैया कराया. लेकिन मंडियों में नए प्याज की आवक आने के बाद बाजारों में प्याज 40 से 50 रुपये किलो मिल रहा है. ऐसे में लोग सस्ते गल्ले की दुकान से प्याज नहीं खरीद रहे हैं. लेकिन सस्ते गले के दुकानदारों को सरकार का आदेश मानते हुए महंगे दामों में प्याज बेचना है. जिसके चलते सस्ते गले के दुकानदार परेशान हैं.

मिस्र से आयात प्याज बना सरकार के गले की फांस.

बताया जा रहा है कि मंडी परिषद ने नैनीताल जनपद के लिए ढाई सौ कुंतल प्याज की खरीद की. जिसके बाद मंडी परिषद ने राशन डीलरों को 67 रुपये किलो के हिसाब से प्याज देकर 70 रुपए किलो के हिसाब से आम उपभोक्ताओं को प्याज देने के निर्देश दिए हैं. लेकिन अचानक प्याज के गिरते दाम के चलते लोग अब राशन की दुकानों से प्याज नहीं खरीद रहे हैं. ऐसे में राशन डीलर परेशान हैं.

वहीं, खाद्य विभाग के उपायुक्त राहुल शर्मा ने बताया कि शासन को प्याज के रेट कम किए जाने को लेकर चिट्ठी लिखी गई है. उम्मीद जताई जा रही है कि शासन से प्याज की रेट कम हो जाएंगे जिसके बाद उपभोक्ताओं के साथ-साथ सस्ते गल्ले की दुकानदारों को भी इसका फायदा मिलेगा.

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प्याज कारोबारियों का कहना है कि नई प्याज आने के बाद लगातार प्याज की रेट में गिरावट देखी जा रही है. यदि सरकार समय रहते प्याज की आयात कर आम जनता को कम दामों में प्याज मुहैया कराती तो लोगों को महंगाई से कुछ राहत मिलती. लेकिन अब जब प्याज के दामों में लगातार गिरावट हो रही है तो सरकार ने जो बाहर से महंगे दामों में प्याज की खरीद की है, उसे ग्राहक नहीं खरीद रहा है.

Intro:sammry- बाजारों में प्याज सस्ता, सस्ते गल्ले की दुकानों पर प्याज महंगा ।वाह रे सिस्टम

एंकर-- प्रदेश सरकार को मिस्र से प्याज आयात कर सस्ते गल्ले की दुकानों पर प्याज बिकवाना गले पड़ रहा है। मंडियों में प्याज की आवक आने के बाद बाजारों में प्याज का रेट सस्ता हो गया है। ऐसे में आप ₹40 से ₹50 किलो प्याज खरीद सकते हैं लेकिन अब प्रदेश सरकार आम उपभोक्ता को लूटने के लिए सस्ता गल्ले की दुकानों पर ₹70 किलो प्याज बेच रही है ।ऐसे में सस्ते गल्ले की दुकान से लोग प्याज तो नहीं खरीद रहे हैं लेकिन सस्ता गले के दुकानदार जरूर परेशान हैं ।क्योंकि उनको सरकार का आदेश मानना है और महंगे दामों में प्याज लोगों को बेचनी है ।ऐसे में अब सरकारी मशीनरी भी लोगों को लूटने का काम शुरू कर दी हैं।


Body:प्याज के बढ़ते दामों को देखते हुए प्रदेश सरकार ने मंडी परिषद के माध्यम से इससे भारी मात्रा में प्याज आयात की है ।बताया जा रहा है कि मंडी परिषद ने नैनीताल जनपद के लिए ढाई सौ कुंतल प्याज खरीद की है। मंडी परिषद द्वारा ₹67 किलो राशन डीलरों को प्याज दिया जा रहा है जबकि आम उपभोक्ता को 70 रुपए दी जानी है। लेकिन प्याज के गिरते दाम के चलते लोग अब राशन की दुकानों से प्याज नहीं खरीद रहे हैं ऐसे में राशन डीलर दुकानदार परेशान हैं। जनपद के लिए आई 250 कुंटल प्याज में मात्र अभी तक 79 कुंटल ही प्याज की राशन डीलरों ने खरीद की है।
वहीं खाद्य विभाग के उपायुक्त राहुल शर्मा के मुताबिक सरकार द्वारा राशन डीलरों के माध्यम से प्याज बेचे जाने के बाद प्याज के रेट में काफी गिरावट आई है। लेकिन बाजार में प्याज के रेट गिरावट के चलते हैं राशन डीलरों को कुछ परेशानी हो रही है जिसके मद्देनजर शासन को प्याज की रेट में कम किए जाने को लेकर चिट्ठी लिखी गई है उम्मीद जताई जा रही है कि शासन से प्याज की रेट कम हो जाएंगे जिसके बाद उपभोक्ताओं को इसका फायदा मिल सकेगा।

बाइट राहुल शर्मा उपायुक्त खाद्य विभाग


Conclusion:प्याज कारोबारियों का कहना है कि नई प्याज आने के बाद लगातार प्याज की रेट में गिरावट देखी जा रही है ऐसे में अगर सरकार समय रहते प्याज की आयात कर आम जनता को कम दामों में बेची होती तो लोगों को महंगाई से कुछ राहत मिलता। लेकिन ऐसे में अब प्याज के रेट में लगातार गिरावट हो रही है ऐसे में सरकार महंगे दाम में प्याज खरीद की है जिससे को नुकसान उठाना पड़ सकता है.।

बाइट- लख्मीचंद असवानी प्याज कारोबारी
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