हल्द्वानी: प्रदेश सरकार को मिस्र से प्याज आयात करा के सस्ते गल्ले की दुकानों पर प्याज बिकवाना गले पड़ने लगा है. प्याज के बढ़ते दामों को देखते हुए प्रदेश सरकार ने मंडी परिषद के माध्यम से भारी मात्रा में प्याज आयात किया. जिसके बाद सरकार ने सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों पर प्याज 70 रुपये किलो मुहैया कराया. लेकिन मंडियों में नए प्याज की आवक आने के बाद बाजारों में प्याज 40 से 50 रुपये किलो मिल रहा है. ऐसे में लोग सस्ते गल्ले की दुकान से प्याज नहीं खरीद रहे हैं. लेकिन सस्ते गले के दुकानदारों को सरकार का आदेश मानते हुए महंगे दामों में प्याज बेचना है. जिसके चलते सस्ते गले के दुकानदार परेशान हैं.
बताया जा रहा है कि मंडी परिषद ने नैनीताल जनपद के लिए ढाई सौ कुंतल प्याज की खरीद की. जिसके बाद मंडी परिषद ने राशन डीलरों को 67 रुपये किलो के हिसाब से प्याज देकर 70 रुपए किलो के हिसाब से आम उपभोक्ताओं को प्याज देने के निर्देश दिए हैं. लेकिन अचानक प्याज के गिरते दाम के चलते लोग अब राशन की दुकानों से प्याज नहीं खरीद रहे हैं. ऐसे में राशन डीलर परेशान हैं.
वहीं, खाद्य विभाग के उपायुक्त राहुल शर्मा ने बताया कि शासन को प्याज के रेट कम किए जाने को लेकर चिट्ठी लिखी गई है. उम्मीद जताई जा रही है कि शासन से प्याज की रेट कम हो जाएंगे जिसके बाद उपभोक्ताओं के साथ-साथ सस्ते गल्ले की दुकानदारों को भी इसका फायदा मिलेगा.
ये भी पढ़ें: नो टू सिंगल यूज प्लास्टिक : लकड़ी की कंघी बनाने के लिए मशहूर हैं उज्जैन के छगनलाल
प्याज कारोबारियों का कहना है कि नई प्याज आने के बाद लगातार प्याज की रेट में गिरावट देखी जा रही है. यदि सरकार समय रहते प्याज की आयात कर आम जनता को कम दामों में प्याज मुहैया कराती तो लोगों को महंगाई से कुछ राहत मिलती. लेकिन अब जब प्याज के दामों में लगातार गिरावट हो रही है तो सरकार ने जो बाहर से महंगे दामों में प्याज की खरीद की है, उसे ग्राहक नहीं खरीद रहा है.