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उत्तराखंड निकाय चुनाव, बागियों पर बीजेपी की कार्रवाई शुरू, 139 नेताओं को किया पार्टी से बाहर - BJP EXPELLED REBEL LEADERS

बीजेपी ने बागियों को दिखाया पार्टी से बाहर का रास्ता. बागियों ने भी बीजेपी पर कसा तंज

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बीजेपी का कार्रवाई. (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 13, 2025, 12:50 PM IST

Updated : Jan 13, 2025, 2:31 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड निकाय चुनाव में बीजेपी ने बागियों पर कार्रवाई करनी शुरू कर दी है. बीजेपी ने सात जिलों से 139 बागी नेताओं का निष्कासन किया है. पार्टी से निष्कासित हुए कई नेताओं ने अपनी पीड़ा मीडिया के सामने रखते हुए बीजेपी पर तंज भी कसा. कुछ बागियों ने तो बीजेपी को कांग्रेस युक्त पार्टी बता दिया.

उत्तराखंड निकाय चुनाव में अपनी की पार्टी के प्रत्याशियों के खिलाफ चुनावी मैदान में उतरे बागी नेताओं को बीजेपी ने बाहर का रास्ता दिखाना शुरू कर दिया है. बीजेपी ने सभी बागी नेताओं को आठ जनवरी तक का मौका दिया था और लास्ट अल्टीमेटम देते हुए बीजेपी प्रत्याशी को समर्थन देने की बात कहीं थी. बावजूद इसके कई नेताओं ने बीजेपी प्रत्याशी को समर्थन नहीं दिया, जिसके बाद बीजेपी ने जिलों से बागी नेताओं की लिस्ट मंगानी शुरू की. इसी तरह सात जिलों से कुल 139 बागी नेताओं को बीजेपी ने पार्टी से निष्कासित किया.

बागियों पर बीजेपी की कार्रवाई शुरू (ETV Bharat)

गढ़वाल मंडल में सबसे ज्यादा बागी: शनिवार को गढ़वाल मंडल के 100 नेताओं पर कार्रवाई गई. गढ़वाल मंडल में सबसे ज्यादा बागी नेता देहरादून महानगर से सामने आए है. देहरादून महानगर में बीजेपी ने 73 नेताओं को बाहर का रास्त दिखाया है. प्रदेश बीजेपी ने सभी जिला अध्यक्षों को बागी प्रत्याशियों के निष्कासन के लिए अधिकृत किया है.

उत्तराखंड बीजेपी के प्रदेश महामंत्री आदित्य कोठारी के अनुसार गढ़वाल और कुमाऊं मंडल दोनों मिलाकर तकरीबन 139 के करीब ऐसी पार्टी के कार्यकर्ता और पदाधिकारी को निष्कासित किया गया है, जो कि निकाय चुनाव में पार्टी के प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं.

सात जिलों में की गई कार्रवाई:

  1. उत्तरकाशी में 4 बागियों को निष्कासित किया गया.
  2. चमोली में 12 बागियों को निष्कासित किया गया.
  3. रुद्रप्रयाग में 2 बागियों को निष्कासित किया गया.
  4. देहरादून महानगर में 73 बागियों को निष्कासित किया गया.
  5. ऋषिकेश में 23 बागियों को निष्कासित किया गया.
  6. पौड़ी गढ़वाल जिले के श्रीनगर में 17 बागियों को निष्कासित किया गया.
  7. पिथौरागढ़ में 8 बागियों को निष्कासित किया गया.

इन जिनों के अलावा अभी देहरादून ग्रामीण, टिहरी गढ़वाल, हरिद्वार, रुड़की, कोटद्वार, चंपावत, नैनीताल, काशीपुर और उधम सिंह नगर जिलों से निष्कासन सूची आना बाकी है. जैसे ही ये सूची बीजेपी प्रदेश मुख्यालय में मिलेगी, पार्टी उसे भी जारी कर देगी.

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देहरादून में बागी नेताओं की लिस्ट. (PHOTO- uttarakhand bjp)

इन जिलों में नहीं कोई बागी: वहीं, बागेश्वर, अल्मोड़ा और रानीखेत ऐसे शहर है, जहां पर बीजेपी को कोई बागी नहीं है. यानी यहां जो बागी मैदान में उतरे भी थे, उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी को अपनी समर्थन दे दिया. इसीलिए यहां जिलों में किसी भी तरह की कोई निष्कासन की कार्रवाई नहीं चल रही है.

पार्टी से निष्कासित हुए बागियों ने खोला मोर्चा: जिन बागी नेताओं पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाते हुए बीजेपी ने बाहर का रास्ता दिखाया है, उन्होंने अब पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. बीजेपी से निष्कासित पार्षद पद के प्रत्याशी प्रसाद भट्ट ने कहा कि वो बीते 12 सालों से बीजेपी में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. वह भाजपा संगठन के कई अलग-अलग पदों पर रह चुके हैं. इस बार उन्होंने देहरादून नगर निगम से पार्षद का टिकट मांगा था, लेकिन पार्टी ने उनको टिकट नहीं दिया. इसीलिए उन्होंने निर्दलीय ही चुनावी मैदान में उतरने का फैसला किया था.

PHOTO- uttarakhand bjp
बागी नेताओं पर बीजेपी ने की कार्रवाई. (PHOTO- uttarakhand bjp)

प्रसाद भट्ट का कहना है कि जिस तरह से बीजेपी में कांग्रेस नेताओं की संख्या बढ़ रही है, उसे देखकर तो यही कहा जा सकता है कि बीजेपी अब कांग्रेस मुक्त नहीं, बल्कि कांग्रेस युक्त पार्टी हो चुकी है. प्रसाद भट्ट जैसे कई और बागी नेता है. जिन्होंने साफ किया है कि उन्होंने सालों तक पार्टी के लिए काम किया है, लेकिन जब उन्होंने टिकट मांगा तो उन्हें किनारे कर दिया गया.

वहीं पार्टी से निष्कासित हुए प्रत्याशियों ने अपना अलग मोर्चा बना लिया है. बीजेपी से बागी हुए ज्यादातर प्रत्याशियों ने अपना चुनाव चिन्ह भी एक समान रखा है. बागी प्रत्याशियों का कहना है कि उन्होंने अपने सम्मान के लिए नॉमिनेशन किया है.

PHOTO- uttarakhand bjp
बागियों को बीजेपी ने 6 साल के लिए बाहर किया. (PHOTO- uttarakhand bjp)

वहीं देहरादून नगर निगम में बागी नेताओं को लेकर देहरादून महानगर भाजपा अध्यक्ष सिद्धार्थ अग्रवाल ने बताया कि उनके पास 47 ऐसे कार्यकर्ताओं की सूची जारी की थी, जो की पार्टी के प्रत्याशियों के खिलाफ चुनाव लड़ रहे थे और इन सभी का 6 साल के लिए निष्कासन पार्टी से हो चुका है. सिद्धार्थ अग्रवाल ने साफ किया है कि निष्कासित किए गए पार्टी नेताओं की बीजेपी ने जल्द वापसी नहीं होगी.

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देहरादून: उत्तराखंड निकाय चुनाव में बीजेपी ने बागियों पर कार्रवाई करनी शुरू कर दी है. बीजेपी ने सात जिलों से 139 बागी नेताओं का निष्कासन किया है. पार्टी से निष्कासित हुए कई नेताओं ने अपनी पीड़ा मीडिया के सामने रखते हुए बीजेपी पर तंज भी कसा. कुछ बागियों ने तो बीजेपी को कांग्रेस युक्त पार्टी बता दिया.

उत्तराखंड निकाय चुनाव में अपनी की पार्टी के प्रत्याशियों के खिलाफ चुनावी मैदान में उतरे बागी नेताओं को बीजेपी ने बाहर का रास्ता दिखाना शुरू कर दिया है. बीजेपी ने सभी बागी नेताओं को आठ जनवरी तक का मौका दिया था और लास्ट अल्टीमेटम देते हुए बीजेपी प्रत्याशी को समर्थन देने की बात कहीं थी. बावजूद इसके कई नेताओं ने बीजेपी प्रत्याशी को समर्थन नहीं दिया, जिसके बाद बीजेपी ने जिलों से बागी नेताओं की लिस्ट मंगानी शुरू की. इसी तरह सात जिलों से कुल 139 बागी नेताओं को बीजेपी ने पार्टी से निष्कासित किया.

बागियों पर बीजेपी की कार्रवाई शुरू (ETV Bharat)

गढ़वाल मंडल में सबसे ज्यादा बागी: शनिवार को गढ़वाल मंडल के 100 नेताओं पर कार्रवाई गई. गढ़वाल मंडल में सबसे ज्यादा बागी नेता देहरादून महानगर से सामने आए है. देहरादून महानगर में बीजेपी ने 73 नेताओं को बाहर का रास्त दिखाया है. प्रदेश बीजेपी ने सभी जिला अध्यक्षों को बागी प्रत्याशियों के निष्कासन के लिए अधिकृत किया है.

उत्तराखंड बीजेपी के प्रदेश महामंत्री आदित्य कोठारी के अनुसार गढ़वाल और कुमाऊं मंडल दोनों मिलाकर तकरीबन 139 के करीब ऐसी पार्टी के कार्यकर्ता और पदाधिकारी को निष्कासित किया गया है, जो कि निकाय चुनाव में पार्टी के प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं.

सात जिलों में की गई कार्रवाई:

  1. उत्तरकाशी में 4 बागियों को निष्कासित किया गया.
  2. चमोली में 12 बागियों को निष्कासित किया गया.
  3. रुद्रप्रयाग में 2 बागियों को निष्कासित किया गया.
  4. देहरादून महानगर में 73 बागियों को निष्कासित किया गया.
  5. ऋषिकेश में 23 बागियों को निष्कासित किया गया.
  6. पौड़ी गढ़वाल जिले के श्रीनगर में 17 बागियों को निष्कासित किया गया.
  7. पिथौरागढ़ में 8 बागियों को निष्कासित किया गया.

इन जिनों के अलावा अभी देहरादून ग्रामीण, टिहरी गढ़वाल, हरिद्वार, रुड़की, कोटद्वार, चंपावत, नैनीताल, काशीपुर और उधम सिंह नगर जिलों से निष्कासन सूची आना बाकी है. जैसे ही ये सूची बीजेपी प्रदेश मुख्यालय में मिलेगी, पार्टी उसे भी जारी कर देगी.

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देहरादून में बागी नेताओं की लिस्ट. (PHOTO- uttarakhand bjp)

इन जिलों में नहीं कोई बागी: वहीं, बागेश्वर, अल्मोड़ा और रानीखेत ऐसे शहर है, जहां पर बीजेपी को कोई बागी नहीं है. यानी यहां जो बागी मैदान में उतरे भी थे, उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी को अपनी समर्थन दे दिया. इसीलिए यहां जिलों में किसी भी तरह की कोई निष्कासन की कार्रवाई नहीं चल रही है.

पार्टी से निष्कासित हुए बागियों ने खोला मोर्चा: जिन बागी नेताओं पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाते हुए बीजेपी ने बाहर का रास्ता दिखाया है, उन्होंने अब पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. बीजेपी से निष्कासित पार्षद पद के प्रत्याशी प्रसाद भट्ट ने कहा कि वो बीते 12 सालों से बीजेपी में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. वह भाजपा संगठन के कई अलग-अलग पदों पर रह चुके हैं. इस बार उन्होंने देहरादून नगर निगम से पार्षद का टिकट मांगा था, लेकिन पार्टी ने उनको टिकट नहीं दिया. इसीलिए उन्होंने निर्दलीय ही चुनावी मैदान में उतरने का फैसला किया था.

PHOTO- uttarakhand bjp
बागी नेताओं पर बीजेपी ने की कार्रवाई. (PHOTO- uttarakhand bjp)

प्रसाद भट्ट का कहना है कि जिस तरह से बीजेपी में कांग्रेस नेताओं की संख्या बढ़ रही है, उसे देखकर तो यही कहा जा सकता है कि बीजेपी अब कांग्रेस मुक्त नहीं, बल्कि कांग्रेस युक्त पार्टी हो चुकी है. प्रसाद भट्ट जैसे कई और बागी नेता है. जिन्होंने साफ किया है कि उन्होंने सालों तक पार्टी के लिए काम किया है, लेकिन जब उन्होंने टिकट मांगा तो उन्हें किनारे कर दिया गया.

वहीं पार्टी से निष्कासित हुए प्रत्याशियों ने अपना अलग मोर्चा बना लिया है. बीजेपी से बागी हुए ज्यादातर प्रत्याशियों ने अपना चुनाव चिन्ह भी एक समान रखा है. बागी प्रत्याशियों का कहना है कि उन्होंने अपने सम्मान के लिए नॉमिनेशन किया है.

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बागियों को बीजेपी ने 6 साल के लिए बाहर किया. (PHOTO- uttarakhand bjp)

वहीं देहरादून नगर निगम में बागी नेताओं को लेकर देहरादून महानगर भाजपा अध्यक्ष सिद्धार्थ अग्रवाल ने बताया कि उनके पास 47 ऐसे कार्यकर्ताओं की सूची जारी की थी, जो की पार्टी के प्रत्याशियों के खिलाफ चुनाव लड़ रहे थे और इन सभी का 6 साल के लिए निष्कासन पार्टी से हो चुका है. सिद्धार्थ अग्रवाल ने साफ किया है कि निष्कासित किए गए पार्टी नेताओं की बीजेपी ने जल्द वापसी नहीं होगी.

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Last Updated : Jan 13, 2025, 2:31 PM IST
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