हल्द्वानी: आज सोमवार को साल 2024 का पहला दिन है. ऐसे में हर कोई साल के पहले दिन आशीर्वाद लेने के लिए भगवान के दरबार में पहुंच रहे हैं. कुमाऊं के सबसे बड़े अष्टादश भुजा मां महालक्ष्मी मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी हुई है. लोग मां से अपने उज्ज्वल भविष्य और सुखी समृद्ध जीवन की कामना कर रहे हैं.
अष्टादश भुजा महालक्ष्मी मंदिर में उमड़े श्रद्धालु: लोग पूरे परिवार के साथ मंदिर पहुंच रहे हैं. सुबह से मंदिर में बड़ी भीड़ उमड़ी हुई है. श्रद्धालु लाइन में लगकर माता लक्ष्मी का आशीर्वाद ले रहे हैं. नव वर्ष के मौके पर मंदिर में शाम तक श्रद्धालुओं के आते रहने की उम्मीद है. ऐसे में मंदिर कमेटी ने भी पूरी व्यवस्था की है. दोपहर बाद मंदिर में भव्य भंडारा किया जाएगा.मंदिर दर्शन के लिए आए श्रद्धालु भंडारे का प्रसाद ग्रहण करेंगे.
अष्टादश महालक्ष्मी मंदिर की मान्यता: मान्यता है कि अष्टादश भुजा मां महालक्ष्मी मंदिर में पूजा-पाठ करने से भक्तों के घर पर सुख-समृद्धि के साथ शांति का वास होता है. वर्ष भर इस मंदिर में भक्तों का आना-जाना लगा रहता है. कई विदेशी श्रद्धालु भी यहां पर मां के चरणों में मत्था टेकने के लिए पहुंचते हैं. ऐसे में हल्द्वानी और उसके आसपास के अलावा अन्य राज्यों से भी श्रद्धालु भी माता लक्ष्मी का आशीर्वाद ले रहे हैं.
स्थानीय लोगों की मंदिर में बड़ी आस्था: मान्यता है कि यह देवालय श्री हरि विष्णु की अर्धांगिनी देवी महालक्ष्मी को समर्पित है. यहां पर माता लक्ष्मी की जो प्रतिमा स्थापित की गई है, उसकी 18 भुजाएं हैं. इसलिए इस मंदिर का नाम अष्टादश भुजा मंदिर रखा गया है. देश के मुख्य और दर्शनीय तीर्थ स्थलों में भी इस मंदिर का जिक्र किया जाता है. स्थानीय लोगों की इस मंदिर में बड़ी आस्था है.
यहां है अष्टादश भुजा महालक्ष्मी मंदिर: इस मंदिर में आकर जो सच्चे मन से पूजा-अर्चना करता है, अष्टादश महालक्ष्मी माता उसकी सभी मनोकामना पूर्ण करती हैं. उसके पास धन धान्य की कमी नहीं होती. उत्तर भारत का एक मात्र मंदिर अष्टादश यानी 18 भुजाओं वाली महालक्ष्मी का मंदिर हल्द्वानी से मात्र 12 किलोमीटर दूर नैनीताल-बरेली हाईवे पर बेरीपड़ाव में स्थित है इस मंदिर से लोगों की बड़ी आस्था है.
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