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कोर्ट ने रिश्वत लेने वाले वीडीओ को सुनाई पांच साल की सजा, इंदिरा आवास योजना लाभार्थी से मांगे थे रुपए - crime news

VDO Bribery Case कोर्ट ने रिश्वत लेने का दोषी पाए जाने पर वीडीओ को पांच साल की सजा सुनाई है. साथ ही कोर्ट ने दोषी पर अर्थदंड भी लगाया है.वीडीओ द्वारा इंदिरा आवास योजना की किश्त जारी करने के एवज में लाभार्थी से रिश्वत की मांग की गई थी.

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Published : Aug 4, 2023, 10:10 AM IST

हल्द्वानी: विजिलेंस द्वारा भ्रष्ट अधिकारी के खिलाफ रिश्वत की कार्रवाई पर कोर्ट ने भ्रष्टाचार के मामले में दोषी पाते हुए उधम सिंह नगर के वीडीओ को 5 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही कोर्ट ने अर्थदंड भी लगाया है. इंदिरा आवास योजना की किश्त जारी करने के एवज में लाभार्थी से वीडीओ द्वारा रिश्वत मांगी गई थी.

बताया जा रहा है कि उधम सिंह नगर के गोविंद मंडल निवासी राजनगर, शक्तिफार्म तहसील सितारगंज ने विजिलेंस कुमाऊं को 26 अगस्त 2015 को शिकायती पत्र देते हुए कहा था कि प्रेमशंकर गंगवार निवासी ग्राम पनकड़िया थाना शेरगढ़, जिला बरेली उस समय सितारगंज उधम सिंह नगर में ग्राम विकास अधिकारी पद पर कार्यरत था. उसने इंदिरा आवास योजना की दूसरी किश्त देने के लिए पांच हजार रुपये की रिश्वत मांगी है. जिसके बाद कुमाऊं विजिलेंस टीम ने ट्रैपिंग के माध्यम से 27 अगस्त 2015 को वीडीओ प्रेमशंकर को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ लिया.
पढ़ें-रिश्वत मामले पर सख्त हुए सीएम धामी, 1064 पर शिकायत करने की अपील, अधिकारियों के भी कसे पेंच

इसके बाद वीडीओ पर संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था. वहीं सतर्कता विभाग की ओर से अभियोजन अधिकारी दीपा रानी ने मामले में पैरवी की. जहां गवाहों और सबूतों के आधार पर जिला एवं न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण हल्द्वानी नीलम रात्रा की कोर्ट ने मामले में वीडीओ को दोषी पाया है. कोर्ट ने आरोपी को धारा सात भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के आरोप में तीन साल की कारावास और 25 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है. जबकि धारा 13 (1) डी सपठित धारा 13 (2) के अपराध में पांच साल की सजा की सजा सुनाई है. वहीं कोर्ट ने दोषी पर पचास हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है. अर्थदंड जमा नहीं करने की स्थिति में 6 महीने का अतिरिक्त सजा भुगतना होगी. वहीं दोनों सजाए साथ-साथ चलेंगी.

हल्द्वानी: विजिलेंस द्वारा भ्रष्ट अधिकारी के खिलाफ रिश्वत की कार्रवाई पर कोर्ट ने भ्रष्टाचार के मामले में दोषी पाते हुए उधम सिंह नगर के वीडीओ को 5 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही कोर्ट ने अर्थदंड भी लगाया है. इंदिरा आवास योजना की किश्त जारी करने के एवज में लाभार्थी से वीडीओ द्वारा रिश्वत मांगी गई थी.

बताया जा रहा है कि उधम सिंह नगर के गोविंद मंडल निवासी राजनगर, शक्तिफार्म तहसील सितारगंज ने विजिलेंस कुमाऊं को 26 अगस्त 2015 को शिकायती पत्र देते हुए कहा था कि प्रेमशंकर गंगवार निवासी ग्राम पनकड़िया थाना शेरगढ़, जिला बरेली उस समय सितारगंज उधम सिंह नगर में ग्राम विकास अधिकारी पद पर कार्यरत था. उसने इंदिरा आवास योजना की दूसरी किश्त देने के लिए पांच हजार रुपये की रिश्वत मांगी है. जिसके बाद कुमाऊं विजिलेंस टीम ने ट्रैपिंग के माध्यम से 27 अगस्त 2015 को वीडीओ प्रेमशंकर को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ लिया.
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इसके बाद वीडीओ पर संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था. वहीं सतर्कता विभाग की ओर से अभियोजन अधिकारी दीपा रानी ने मामले में पैरवी की. जहां गवाहों और सबूतों के आधार पर जिला एवं न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण हल्द्वानी नीलम रात्रा की कोर्ट ने मामले में वीडीओ को दोषी पाया है. कोर्ट ने आरोपी को धारा सात भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के आरोप में तीन साल की कारावास और 25 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है. जबकि धारा 13 (1) डी सपठित धारा 13 (2) के अपराध में पांच साल की सजा की सजा सुनाई है. वहीं कोर्ट ने दोषी पर पचास हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है. अर्थदंड जमा नहीं करने की स्थिति में 6 महीने का अतिरिक्त सजा भुगतना होगी. वहीं दोनों सजाए साथ-साथ चलेंगी.

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