हल्द्वानी: उत्तराखंड में भारी बारिश ने जमकर कहर बरपाया है. जिससे जन- जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. पहाड़ियां दरकनें से भूस्खलन की घटनाएं सामने आ रही हैं. नैनीताल के नाइसेला गांव में भी भूस्खलन से ग्रामीणों की परेशानियां बढ़ गई हैं. 8 अगस्त की भारी बारिश के बाद नाइसेला गांव के 10 से अधिक मकानों में चौड़ी-चौड़ी दरारें पड़ गई हैं. जिसके बाद से ही ग्रामीण डर के साये में जीने को मजबूर हैं.
नाईसेला गांव में रहते हैं 100 से अधिक परिवार: हल्द्वानी से मात्र 15 किलोमीटर की दूरी पर बसे नाईसेला गांव में 100 से अधिक परिवार रहते हैं. कई परिवार यहां 70 और 80 के दशक से अभी तक रह रहे हैं. आज तक उन्होंने इस तरह के हालात कभी नहीं झेले. अब उनके आशियाने आपदा की जद में आ गये हैं. उनके मकानों में दरारें दिनों दिन बढ़ती जा रही हैं. आंगन, कमरे और फर्श पर दरारें ही दरारें नजर आ रही हैं. जिसके कारण उनकी पेशानियों पर चिंता की लकीरें खींच गई हैं.
ग्रामीणों ने पहले नहीं देखी ऐसी घटनाएं: स्थानीय निवासी गंगा सिंह रजवार ने कहा कि वह 1985 से इसी मकान में रह रहे हैं. आज तक ऐसे हालात नहीं देखे हैं. मकान में एक नहीं, बल्कि कई दरारें आती जा रही हैं. उन्होंने बताया कि लगातार हो रही बारिश के बाद मकानों के बाकी बचे हिस्से भी टूटते जा रहे हैं. वहीं, स्थानीय निवासी चंद्रा रजवार ने बताया कि कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि ऐसा होगा. आधा आशियाना भूस्खलन की भेंट चढ़ चुका है. उन्होंने कहा कि हम अब अपने परिवार को लेकर कहां जाएं. ऐसे में उनके सामने बड़ा सकंट पैदा गया है.
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नाइसेला गांव का प्रशासन ने किया सर्वे: तहसीलदार नैनीताल संजय कुमार ने बताया कि कई घरों में दरारें हैं. ऐसे में पीड़ित परिवारों को सुरक्षित जगह में शिफ्ट कराने का काम किया जा रहा है. इसके अलावा जिन ग्रामीणों को खासा नुकसान हुआ है, उन्हें डीएम के आदेश पर तुरंत मुआवजा भी दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि मकानों में दरारें किस वजह से आई हैं. उस बात की जानकारी अभी नहीं हो पाई है.
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