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लॉकडाउन: बेतालघाट में चारे की कमी से भुखमरी की कगार पर गौमाता, दूध व्यापारियों को भी हो रहा नुकसान

लॉकडाउन की वजह से नैनीताल के बेतालघाट में इन दिनों जानवरों के चारे का इंतजाम करने में बड़ी मुश्किलें आ रही है. चारे की कमी से क्षेत्र के जानवरों के सामने भुखमरी की नौबत आ गई है. इससे गौशालाओं में गौमाता भुखमरी की कगार पर पहुंच गई है.

nainital
भूखमरी की कगार गोमाता
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Published : Apr 4, 2020, 2:17 PM IST

Updated : Apr 13, 2020, 11:55 AM IST

नैनीताल: इन दिनों कोरोना वायरस को लेकर हुए लॉकडाउन की वजह से पूरे देश में यातायात बंद है. इस वजह से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. गाड़ियां बंद होने की वजह से गौ माता भी काफी परेशान हैं. उनको चारा नहीं मिल पा रहा है.

नैनीताल का बेतालघाट क्षेत्र फसल और दूध उत्पादन के लिए पूरे जिले में खास महत्व रखता है. इस गांव से पूरे जिले भर को बड़ी मात्रा में दूध भेजा जाता है. कोरोना वायरस की वजह से यातायात बंद है तो गांव से दूध शहरों तक नहीं पहुंच पा रहा है. इन गायों का हजारों लीटर दूध गांव में ही बर्बाद हो रहा है. गौपालक राहुल ने बताया कि गायों से निकले दूध को वो लोग मट्ठा बनाकर इन गायों को ही पिला रहे हैं. इस वजह से उनको रोजाना हजारों रुपए का नुकसान हो रहा है.

ये भी पढ़े: हरिद्वार: लॉकडाउन के चलते गौशालाओं में हुई चारे की किल्लत, मवेशियों को छोड़ा खुला

गौशाला संचालक राहुल अरोरा बताते हैं कि जब प्रशासन के पास गायों के चारे की स्वीकृति के लिए जाते हैं तो वो इधर से उधर चक्कर काटने पर मजबूर कर दे रहे हैं. यही कारण है कि उनकी गायें बीते एक हफ्ते से भूखी हैं. प्रशासन की इस अनदेखी और लापरवाही की वजह से हो सकता है कि उनकी गायों की मौत भी हो जाए. वहीं राहुल अपनी गायों के दूध को निशुल्क लोगों की भलाई के लिए वितरित करना चाह रहे हैं, लेकिन कहीं से भी स्वीकृति नहीं मिल पा रही.

इस पूरे मामले में बेतालघाट के एसडीएम गौरव चटवाल का कहना है कि जो भी व्यक्ति आवश्यक सेवा, राशन लाने ले जाने की स्वीकृति के लिए आएगा उनको वाहन संचालन की स्वीकृति दी जाएगी.

नैनीताल: इन दिनों कोरोना वायरस को लेकर हुए लॉकडाउन की वजह से पूरे देश में यातायात बंद है. इस वजह से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. गाड़ियां बंद होने की वजह से गौ माता भी काफी परेशान हैं. उनको चारा नहीं मिल पा रहा है.

नैनीताल का बेतालघाट क्षेत्र फसल और दूध उत्पादन के लिए पूरे जिले में खास महत्व रखता है. इस गांव से पूरे जिले भर को बड़ी मात्रा में दूध भेजा जाता है. कोरोना वायरस की वजह से यातायात बंद है तो गांव से दूध शहरों तक नहीं पहुंच पा रहा है. इन गायों का हजारों लीटर दूध गांव में ही बर्बाद हो रहा है. गौपालक राहुल ने बताया कि गायों से निकले दूध को वो लोग मट्ठा बनाकर इन गायों को ही पिला रहे हैं. इस वजह से उनको रोजाना हजारों रुपए का नुकसान हो रहा है.

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गौशाला संचालक राहुल अरोरा बताते हैं कि जब प्रशासन के पास गायों के चारे की स्वीकृति के लिए जाते हैं तो वो इधर से उधर चक्कर काटने पर मजबूर कर दे रहे हैं. यही कारण है कि उनकी गायें बीते एक हफ्ते से भूखी हैं. प्रशासन की इस अनदेखी और लापरवाही की वजह से हो सकता है कि उनकी गायों की मौत भी हो जाए. वहीं राहुल अपनी गायों के दूध को निशुल्क लोगों की भलाई के लिए वितरित करना चाह रहे हैं, लेकिन कहीं से भी स्वीकृति नहीं मिल पा रही.

इस पूरे मामले में बेतालघाट के एसडीएम गौरव चटवाल का कहना है कि जो भी व्यक्ति आवश्यक सेवा, राशन लाने ले जाने की स्वीकृति के लिए आएगा उनको वाहन संचालन की स्वीकृति दी जाएगी.

Last Updated : Apr 13, 2020, 11:55 AM IST
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