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500 कैमरों के जरिये दो चरणों में होती है कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में बाघों की गणना, जानें पूरी प्रक्रिया

विश्व प्रसिद्ध कोर्बेट नेशनल पार्क रामनगर में 500 कैमरों ट्रैप के जरिये दो चरणों में की जाती है बाघों की गणना.

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Published : May 28, 2020, 8:48 PM IST

Updated : May 28, 2020, 9:22 PM IST

रामनगर: विश्व प्रसिद्ध कॉर्बेट नेशनल पार्क में बाघों की गणना का फील्ड कार्य पूरा कर लिया गया है. 500 कैमरों की मदद से पार्क में बाघों की गणना का कार्य संपन्न हुआ. इन कैमरा ट्रैप के माध्यम से इस बार दो चरणों में फेस-4 टाइगर मॉनिटरिंग का कार्य संपन्न किया गया. अब डेटा विश्लेषण का कार्य किया जा रहा है.

कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में सीटीआर निदेशक राहुल कुमार ने बताया पहले फेस में लगभग 230 चिन्हित जगहों पर इन कैमरा ट्रैप को लगाया गया था. दूसरे चरण में लगभग 260 लोकेशन पर इन कैमरा ट्रैप की मदद से बाघों की गणना की गई.

दो चरणों में की जाती है बाघों की गणना.

इस तरह की जाती है बाघों की गणना

बाघों की गणना का कार्य दो तरीके से किया जाता है. प्रत्येक चौथे साल राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) द्वारा विश्व वन्यजीव संस्थान (डब्लूआईआई) की मदद से सभी टाइगर रिजर्व में बाघों की गणना का आंकलन किया जाता है. इसे ऑल इंडिया टाइगर इंस्ट्रूमेंटेशन कहते हैं.

इसके अलावा हर साल टाइगर रिजर्व स्वयं फेस-4 की गणना करता है. जिसमें प्रत्येक दो स्क्वायर किलोमीटर में एक जोड़े कैमरे ट्रैप किये जाते हैं. लगभग 50 से 55 दिनों तक कैमरा ट्रैप की मदद से बाघों की गणना की जाती है.

पढ़े: बाघ संरक्षण की मुहिम को बड़ा झटका, टाइगर रिजर्व में फंड की किल्लत

उसके बाद कैमरा ट्रैप में टाइगर की फोटो को सॉफ्टवेयर के माध्यम से विश्लेषण करके बाघों की कम से कम संख्या का आंकलन किया जाता है. कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में वर्तमान में 500 कैमरा ट्रैप हैं. इन कैमरा ट्रैप के माध्यम से इस बार दो चरणों में फेस 4 टाइगर मॉनिटरिंग का कार्य संपन्न किया गया है. पहले फेस में लगभग 230 चिंन्हित जगहों पर इन कैमरा ट्रैप को लगाया गया. दूसरे चरण में लगभग 260 लोकेशन पर यह कैमरा ट्रैप लगाये गए.

रामनगर: विश्व प्रसिद्ध कॉर्बेट नेशनल पार्क में बाघों की गणना का फील्ड कार्य पूरा कर लिया गया है. 500 कैमरों की मदद से पार्क में बाघों की गणना का कार्य संपन्न हुआ. इन कैमरा ट्रैप के माध्यम से इस बार दो चरणों में फेस-4 टाइगर मॉनिटरिंग का कार्य संपन्न किया गया. अब डेटा विश्लेषण का कार्य किया जा रहा है.

कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में सीटीआर निदेशक राहुल कुमार ने बताया पहले फेस में लगभग 230 चिन्हित जगहों पर इन कैमरा ट्रैप को लगाया गया था. दूसरे चरण में लगभग 260 लोकेशन पर इन कैमरा ट्रैप की मदद से बाघों की गणना की गई.

दो चरणों में की जाती है बाघों की गणना.

इस तरह की जाती है बाघों की गणना

बाघों की गणना का कार्य दो तरीके से किया जाता है. प्रत्येक चौथे साल राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) द्वारा विश्व वन्यजीव संस्थान (डब्लूआईआई) की मदद से सभी टाइगर रिजर्व में बाघों की गणना का आंकलन किया जाता है. इसे ऑल इंडिया टाइगर इंस्ट्रूमेंटेशन कहते हैं.

इसके अलावा हर साल टाइगर रिजर्व स्वयं फेस-4 की गणना करता है. जिसमें प्रत्येक दो स्क्वायर किलोमीटर में एक जोड़े कैमरे ट्रैप किये जाते हैं. लगभग 50 से 55 दिनों तक कैमरा ट्रैप की मदद से बाघों की गणना की जाती है.

पढ़े: बाघ संरक्षण की मुहिम को बड़ा झटका, टाइगर रिजर्व में फंड की किल्लत

उसके बाद कैमरा ट्रैप में टाइगर की फोटो को सॉफ्टवेयर के माध्यम से विश्लेषण करके बाघों की कम से कम संख्या का आंकलन किया जाता है. कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में वर्तमान में 500 कैमरा ट्रैप हैं. इन कैमरा ट्रैप के माध्यम से इस बार दो चरणों में फेस 4 टाइगर मॉनिटरिंग का कार्य संपन्न किया गया है. पहले फेस में लगभग 230 चिंन्हित जगहों पर इन कैमरा ट्रैप को लगाया गया. दूसरे चरण में लगभग 260 लोकेशन पर यह कैमरा ट्रैप लगाये गए.

Last Updated : May 28, 2020, 9:22 PM IST
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