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कोरोना जांच रिपोर्ट में बारकोड लगाने का मामला, HC ने ICMR से दो हफ्ते में मांगा जवाब

कोरोना जांच रिपोर्ट फर्जीवाड़े के मामले पर हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है.

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कोरोना जांच रिपोर्ट फर्जीवाड़े की नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई
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Published : Aug 25, 2021, 7:54 PM IST

नैनीताल: हाईकोर्ट ने कोरोना जांच रिपोर्ट के नाम पर हो रहे फर्जीवाड़ा एवं ऑक्सीजन कंसंट्रेटर को आवश्यक वस्तु की श्रेणी के दायरे में लाने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. कोर्ट ने आईसीएमआर को निर्देश दिए हैं कि बार कोड को आवश्यक रूप से लागू करने के संबंध में दो सप्ताह के भीतर जवाब पेश किया जाए. मामले की अगली सुनवाई दो सप्ताह के बाद होगी.

आज राज्य सरकार की ओर से अदालत को बताया गया कि कोरोना जांच रिपोर्ट के नाम पर हो रहे फर्जीवाड़ा को रोकने के लिये बार कोड को आवश्यक रूप से लागू करने को लेकर प्रदेश के स्वास्थ्य सचिव की ओर से आईसीएमआर को पत्र लिखा गया है. मगर आईसीएमआर की ओर से अभी तक इस संबंध में कोई जवाब नहीं दिया गया है. जिस पर कोर्ट ने आईसीएमआर से दो सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है.

पढ़ें- ग्रेड-पे मामला: पुलिसकर्मियों के समर्थन में सड़कों पर उतरी युवा कांग्रेस

कोर्ट ने अधिवक्ता आदित्य प्रताप सिंह की ओर से इस सम्बंध में लिखे पत्र का स्वत: संज्ञान लिया है. पत्र में कहा गया कि आनलाइन फर्जीवाड़े को रोकने के लिये कोरोना जांच रिपोर्ट में बार कोड आवश्यक रूप से लागू किया जाये. प्रदेश की सीमाओं पर बार कोड स्कैन मशीन लगाई जाए, जिसमें रिपोर्ट को स्कैन कर फर्जीवाड़े का पता लगाया जा सके.

नैनीताल: हाईकोर्ट ने कोरोना जांच रिपोर्ट के नाम पर हो रहे फर्जीवाड़ा एवं ऑक्सीजन कंसंट्रेटर को आवश्यक वस्तु की श्रेणी के दायरे में लाने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. कोर्ट ने आईसीएमआर को निर्देश दिए हैं कि बार कोड को आवश्यक रूप से लागू करने के संबंध में दो सप्ताह के भीतर जवाब पेश किया जाए. मामले की अगली सुनवाई दो सप्ताह के बाद होगी.

आज राज्य सरकार की ओर से अदालत को बताया गया कि कोरोना जांच रिपोर्ट के नाम पर हो रहे फर्जीवाड़ा को रोकने के लिये बार कोड को आवश्यक रूप से लागू करने को लेकर प्रदेश के स्वास्थ्य सचिव की ओर से आईसीएमआर को पत्र लिखा गया है. मगर आईसीएमआर की ओर से अभी तक इस संबंध में कोई जवाब नहीं दिया गया है. जिस पर कोर्ट ने आईसीएमआर से दो सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है.

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कोर्ट ने अधिवक्ता आदित्य प्रताप सिंह की ओर से इस सम्बंध में लिखे पत्र का स्वत: संज्ञान लिया है. पत्र में कहा गया कि आनलाइन फर्जीवाड़े को रोकने के लिये कोरोना जांच रिपोर्ट में बार कोड आवश्यक रूप से लागू किया जाये. प्रदेश की सीमाओं पर बार कोड स्कैन मशीन लगाई जाए, जिसमें रिपोर्ट को स्कैन कर फर्जीवाड़े का पता लगाया जा सके.

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