ETV Bharat / state

कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में बाघों के मुकाबले लेपर्ड की संख्या हो रही कम, वन्यजीव प्रेमी चिंतित - ramnagar latest news

कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में जहां एक ओर बाघों की संख्या बढ़ती जा रही है. वहीं दूसरी ओर टाइगर रिजर्व में लेपर्ड की संख्या कम होती जा रही है. जो कॉर्बेट पार्क प्रशासन के लिए चिंता का विषय बना हुआ है.

corbett
कोर्बेट
author img

By

Published : Aug 8, 2020, 7:59 AM IST

Updated : Aug 8, 2020, 9:03 AM IST

रामनगर: कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में जहां बाघों की संख्या बढ़ने से सीटीआर प्रशासन के साथ ही वन्यजीव प्रेमी खुश नजर आ रहे हैं. वहीं कॉर्बेट में लेपर्ड की संख्या कम होने से प्रशासन चिंतित नजर आ रहा है. साथ ही कॉर्बेट में घनत्व बढ़ता जा रहा है, जिससे जंगल का एरिया कम होता नजर आ रहा है.

कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में बाघों के मुकाबले लेपर्ड की संख्या हो रही कम.

बता दें कि, कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या बढ़ती जा रही है. जिस कारण टाइगर रिजर्व में लेपर्ड की संख्या बाघों के घनत्व के सामने कम होती जा रही है. जो पार्क प्रशासन के लिए एक चिंता का विषय है. बता दें कि, इस बार कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में डब्लूआई के द्वारा टाइगर एट्रीमेशन किया गया था. जिससे नेशनल पार्क के एरिया में लेपर्ड कम देखे गए थे.

वहीं, वन्यजीव प्रेमी संजय छिम्वाल ने कहा कि गुलदार का कम होना भी चिंता का विषय है. लेकिन जैसे-जैसे बाघ बढ़ते जा रहे हैं. गुलदार आबादी वाले क्षेत्र में आते जा रहे हैं, जो सीटीआर के लिए चिंता का विषय है.

पढ़ें: कॉर्बेट की शान बढ़ा रही कीवी बोट, 1977 के 'सागर से आकाश' अभियान का रही है हिस्सा

कॉर्बेट पार्क निदेशक राहुल कुमार ने बताया कि पार्क एरिया में लेपर्ड की संख्या कम होती जा रही है. उन्होंने बताया कि लेपर्ड की हैबिटेट हैबिट्स के अनुसार वह जनरल कोरिडोर एरिया में नहीं देखे जा रहे है. कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में सैलानी बाघों के साथ लेपर्ड के दीदार के लिए भी आते हैं. ऐसे में लेपर्ड की संख्या कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में कम होती है तो यह अच्छी खबर नहीं है.

रामनगर: कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में जहां बाघों की संख्या बढ़ने से सीटीआर प्रशासन के साथ ही वन्यजीव प्रेमी खुश नजर आ रहे हैं. वहीं कॉर्बेट में लेपर्ड की संख्या कम होने से प्रशासन चिंतित नजर आ रहा है. साथ ही कॉर्बेट में घनत्व बढ़ता जा रहा है, जिससे जंगल का एरिया कम होता नजर आ रहा है.

कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में बाघों के मुकाबले लेपर्ड की संख्या हो रही कम.

बता दें कि, कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या बढ़ती जा रही है. जिस कारण टाइगर रिजर्व में लेपर्ड की संख्या बाघों के घनत्व के सामने कम होती जा रही है. जो पार्क प्रशासन के लिए एक चिंता का विषय है. बता दें कि, इस बार कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में डब्लूआई के द्वारा टाइगर एट्रीमेशन किया गया था. जिससे नेशनल पार्क के एरिया में लेपर्ड कम देखे गए थे.

वहीं, वन्यजीव प्रेमी संजय छिम्वाल ने कहा कि गुलदार का कम होना भी चिंता का विषय है. लेकिन जैसे-जैसे बाघ बढ़ते जा रहे हैं. गुलदार आबादी वाले क्षेत्र में आते जा रहे हैं, जो सीटीआर के लिए चिंता का विषय है.

पढ़ें: कॉर्बेट की शान बढ़ा रही कीवी बोट, 1977 के 'सागर से आकाश' अभियान का रही है हिस्सा

कॉर्बेट पार्क निदेशक राहुल कुमार ने बताया कि पार्क एरिया में लेपर्ड की संख्या कम होती जा रही है. उन्होंने बताया कि लेपर्ड की हैबिटेट हैबिट्स के अनुसार वह जनरल कोरिडोर एरिया में नहीं देखे जा रहे है. कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में सैलानी बाघों के साथ लेपर्ड के दीदार के लिए भी आते हैं. ऐसे में लेपर्ड की संख्या कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में कम होती है तो यह अच्छी खबर नहीं है.

Last Updated : Aug 8, 2020, 9:03 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.