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कान्हा नेशनल पार्क में बाघिन की मौत पर कॉर्बेट में भी हलचल, अलर्ट मोड पर प्रशासन - कॉर्बेट टाइगर रिजर्व

कान्हा नेशनल पार्क में पिछले हफ्ते दो साल की बाघिन के फंदे में फंसने से मौत हो गई थी. जिस पर कॉर्बेट प्रशासन अलर्ट हो गया है. कॉर्बेट पार्क के बफर क्षेत्रों में लगातार निगरानी की जा रही है.

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Published : Feb 2, 2021, 9:46 AM IST

रामनगरः पिछले हफ्ते कान्हा नेशनल पार्क में एक बाघिन की फंदे में फंसने से मौत हो गई थी. ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि कान्हा नेशनल पार्क के बफर जोन में गांव के ग्रामीणों द्वारा सूअर के लिए फंदा लगाया होगा. उसकी चपेट में आने से बाघिन की मौत हो गई थी. जिसे गश्त के दौरान वन कर्मियों ने देखा था. कान्हा नेशनल पार्क में बाघिन की मौत के बाद कॉर्बेट प्रशासन भी अलर्ट हो गया है. जिसको लेकर कॉर्बेट प्रशासन की टीम बफर जोन क्षेत्रों में गश्त की जा रही है.

कॉर्बेट प्रशासन अलर्ट

इस विषय में कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक राहुल कुमार ने बताया कि कॉर्बेट टाइगर रिजर्व की जो सीमाएं हैं वो अन्य फॉरेस्ट डिविजन से मिलती है. जहां पर भी टाइगर की उपस्थिति ज्यादा है, जहां पर टाइगर का लगातार मूवमेंट होता है. हमारा प्रयास रहता है कि इस तरीके की कोई भी घटना ना हो. खासतौर पर बफर क्षेत्रों पर हेबिटेशन है. जहां पर मानव वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं की संभावना रहती हैं. वहां पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है.

पढ़ेंः वीडियो वायरल: रिहायशी इलाके में गुलदार की धमक, लोग खौफजदा

उन्होंने कहा कि कहीं पर किसी के द्वारा फंदे लगाने की या सुरक्षा बाढ़ लगाने की कोई चीज ना हो और वन्यजीवों को कोई नुकसान नहीं पहुंचे. इसके लिए वन कर्मी लगातार गश्त कर रहे हैं.

रामनगरः पिछले हफ्ते कान्हा नेशनल पार्क में एक बाघिन की फंदे में फंसने से मौत हो गई थी. ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि कान्हा नेशनल पार्क के बफर जोन में गांव के ग्रामीणों द्वारा सूअर के लिए फंदा लगाया होगा. उसकी चपेट में आने से बाघिन की मौत हो गई थी. जिसे गश्त के दौरान वन कर्मियों ने देखा था. कान्हा नेशनल पार्क में बाघिन की मौत के बाद कॉर्बेट प्रशासन भी अलर्ट हो गया है. जिसको लेकर कॉर्बेट प्रशासन की टीम बफर जोन क्षेत्रों में गश्त की जा रही है.

कॉर्बेट प्रशासन अलर्ट

इस विषय में कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक राहुल कुमार ने बताया कि कॉर्बेट टाइगर रिजर्व की जो सीमाएं हैं वो अन्य फॉरेस्ट डिविजन से मिलती है. जहां पर भी टाइगर की उपस्थिति ज्यादा है, जहां पर टाइगर का लगातार मूवमेंट होता है. हमारा प्रयास रहता है कि इस तरीके की कोई भी घटना ना हो. खासतौर पर बफर क्षेत्रों पर हेबिटेशन है. जहां पर मानव वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं की संभावना रहती हैं. वहां पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है.

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उन्होंने कहा कि कहीं पर किसी के द्वारा फंदे लगाने की या सुरक्षा बाढ़ लगाने की कोई चीज ना हो और वन्यजीवों को कोई नुकसान नहीं पहुंचे. इसके लिए वन कर्मी लगातार गश्त कर रहे हैं.

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