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HC का आदेश ना मानने पर सचिव विद्यालयी शिक्षा को अवमानना नोटिस, जानिए मामला - नैनीताल हाईकोर्ट समाचार

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने पूर्व के आदेश का पालन नहीं करने पर सचिव विद्यालयी शिक्षा को अवमानना का नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने 4 सप्ताह में सचिव से जवाब मांगा है. याचिकाकर्ताओं का कहना है कि एकलपीठ ने उनके हक में फैसला देते हुए बेसिक शिक्षा परिषद को उन्हें एसीपी का लाभ देने का आदेश दिया था. सरकार ने उनको एसीपी का लाभ नहीं दिया.

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उत्तराखंड हाईकोर्ट
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Published : Jun 22, 2022, 2:54 PM IST

नैनीतालः उत्तराखंड हाईकोर्ट ने पूर्व के आदेश का पालन नहीं करने पर सचिव विद्यालयी शिक्षा को अवमानना का नोटिस जारी कर 4 सप्ताह में जवाब पेश करने के लिए कहा है. मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ में हुई. पूर्व में खंडपीठ ने सरकार की विशेष अपील को निरस्त कर एकलपीठ के आदेश को सही ठहराया था.

याचिकाकर्ताओं ने आज अवमानना याचिका दायर कर कहा है कि एकलपीठ ने उनके हक में फैसला देते हुए कहा था कि बेसिक शिक्षा परिषद में उनके द्वारा की गई सेवाओं को जोड़ते हुए उन्हें एसीपी का लाभ दिया जाए. आदेश हो जाने के बाद भी सरकार ने उनको एसीपी का लाभ नहीं दिया.
ये भी पढ़ेंः देहरादून सहस्त्रधारा रोड के चौड़ीकरण का रास्ता साफ, HC का 972 पेड़ ट्रांसप्लांट करने का आदेश

एकलपीठ के आदेश को सरकार ने विशेष अपील दायर कर खंडपीठ में चुनौती दी. पूर्व में खंडपीठ ने एकलपीठ के आदेश पर रोक लगा दी थी. इस रोक को हटाने के लिए याचिकाकर्ताओं द्वारा खंडपीठ में प्रार्थना पत्र दिया. खंडपीठ ने सरकार की विशेष अपील को निरस्त करते हुए एकलपीठ के आदेश को बरकरार रखा था. इस निर्णय से प्रदेश के समस्त चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को एसीपी मिलने का रास्ता साफ हो गया था.

कोर्ट का आदेश होने के बाद भी उनको अभी तक एसीपी का लाभ नहीं दिया जा रहा है. आज दिनेश जोशी, ललित लोहनी, त्रिभुवन कोहली व अन्य ने अवमानना याचिका दायर की है. अवमानना याचिका में कहा गया है कि उनके हित में कोर्ट ने वर्ष 2019 में आदेश दिया था, परंतु अभी तक उन्हें एसीपी का लाभ नहीं दिया गया.

नैनीतालः उत्तराखंड हाईकोर्ट ने पूर्व के आदेश का पालन नहीं करने पर सचिव विद्यालयी शिक्षा को अवमानना का नोटिस जारी कर 4 सप्ताह में जवाब पेश करने के लिए कहा है. मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ में हुई. पूर्व में खंडपीठ ने सरकार की विशेष अपील को निरस्त कर एकलपीठ के आदेश को सही ठहराया था.

याचिकाकर्ताओं ने आज अवमानना याचिका दायर कर कहा है कि एकलपीठ ने उनके हक में फैसला देते हुए कहा था कि बेसिक शिक्षा परिषद में उनके द्वारा की गई सेवाओं को जोड़ते हुए उन्हें एसीपी का लाभ दिया जाए. आदेश हो जाने के बाद भी सरकार ने उनको एसीपी का लाभ नहीं दिया.
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एकलपीठ के आदेश को सरकार ने विशेष अपील दायर कर खंडपीठ में चुनौती दी. पूर्व में खंडपीठ ने एकलपीठ के आदेश पर रोक लगा दी थी. इस रोक को हटाने के लिए याचिकाकर्ताओं द्वारा खंडपीठ में प्रार्थना पत्र दिया. खंडपीठ ने सरकार की विशेष अपील को निरस्त करते हुए एकलपीठ के आदेश को बरकरार रखा था. इस निर्णय से प्रदेश के समस्त चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को एसीपी मिलने का रास्ता साफ हो गया था.

कोर्ट का आदेश होने के बाद भी उनको अभी तक एसीपी का लाभ नहीं दिया जा रहा है. आज दिनेश जोशी, ललित लोहनी, त्रिभुवन कोहली व अन्य ने अवमानना याचिका दायर की है. अवमानना याचिका में कहा गया है कि उनके हित में कोर्ट ने वर्ष 2019 में आदेश दिया था, परंतु अभी तक उन्हें एसीपी का लाभ नहीं दिया गया.

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