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हाईकोर्ट शिफ्टिंग के फैसले पर कहीं खुशी-कहीं गम, कांग्रेस ने किया स्वागत

आज हुई धामी कैबिनेट बैठक में 25 अहम प्रस्ताव पर मुहर लगी है. वहीं, बैठक में हाईकोर्ट को नैनीताल से हल्द्वानी शिफ्ट करने का फैसला लिया गया है. जिसका हाईकोर्ट के कुछ अधिवक्ताओं ने जहां विरोध किया है. वहीं, कांग्रेस ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है.

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Published : Nov 16, 2022, 9:07 PM IST

Updated : Dec 15, 2022, 2:10 PM IST

कांग्रेस ने किया स्वागत.

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट को हल्द्वानी शिफ्ट करने के कैबिनेट फैसले के बाद अब नैनीताल हाईकोर्ट के वकीलों में कहीं खुशी तो कहीं गम का माहौल बना हुआ है. वहीं, कांग्रेस ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है. जबकि हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता और राज्य आंदोलनकारी एमसी पंत ने कहा कैबिनेट का यह फैसला संसद के यूपी रेगुलेशन एक्ट के विपरीत है. जिसे अमेंडमेंट करना राज्य सरकार के अधिकार से बाहर है. सरकार के इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी जाएगी और अग्रिम रणनीति तैयार की जाएगी.

वहीं, हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष ललित बेलवाल का कहना है कि नैनीताल से हाईकोर्ट को शिफ्ट करने की लंबे समय से कवायद चल रही थी, सरकार का फैसला एकदम सही है. नैनीताल में स्थान की कमी के चलते ना तो अधिवक्ताओं को चेंबर मिल पा रहे थे और ना ही अन्य सुविधाएं. पर्यटन सीजन के दौरान शहर में लगने वाले जाम और पार्किंग की सुविधा न होने से अधिवक्ता और वाद कार्यों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था. लिहाजा अब हाईकोर्ट हल्द्वानी में बनेगा तो अधिवक्ताओं को कई सुविधाएं मिलेंगी.

वहीं, हाईकोर्ट अधिवक्ता नलिन भट्ट ने कहा सरकार राज्य की स्थायी राजधानी के मामले का कोई फैसला नहीं ले पा रही है. वहीं, अब नैनीताल में बने हाईकोर्ट को मैदान में शिफ्ट कर रही है. जिससे आने वाले समय में पलायन बढ़ेगा. राज्य सरकार पलायन रोकने के बजाय और बढ़ा रही है. लिहाजा सरकार को अपने इस फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए. अगर सरकार इस मामले पर पुनर्विचार नहीं करती तो इस मुद्दे को आंदोलन बनाया जाएगा.
ये भी पढ़ें: चमोली के शिलफाटा गांव के पास कार खाई में गिरी, दो शिक्षकों की मौके पर मौत

सीएम पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में हाईकोर्ट को नैनीताल से हल्द्वानी में शिफ्ट करने का फैसला लिया गया. जिसका कांग्रेस ने स्वागत किया है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा और पार्टी प्रवक्ता गरिमा ने कहा उत्तराखंड सरकार ने आज कैबिनेट बैठक में 25 अहम फैसलों पर मुहर लगाई है. इसमें से दो फैसले राज्य के लिए काफी महत्वपूर्ण है. उन्होंने नैनीताल हाईकोर्ट को हल्द्वानी शिफ्ट किए जाने के फैसले का स्वागत किया है. बहुत लंबे समय से नैनीताल हाईकोर्ट को शिफ्ट करने की मांग की जा रही थी. इससे जहां नैनीताल में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, वही जाम की स्थिति से जूझ रहे पर्यटकों को निजात मिलेगी.

करण माहरा ने हाईकोर्ट को हल्द्वानी शिफ्ट किए जाने के फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने कहा नैनीताल हाईकोर्ट को हल्द्वानी शिफ्ट करने से पर्यटन, उद्योग और पर्यटकों को बड़ी राहत मिलेगी. हल्द्वानी हाईकोर्ट स्थानांतरण से वादियों और परिवादियों को सुलभ न्याय मिलेगा, इसके साथ ही परिवहन से जुड़ी समस्याओं का भी समाधान होगा.

गरिमा दसौनी ने कहा हल्द्वानी में पूरी तरह से हाईकोर्ट शिफ्ट हो, इसके लिए अंतिम चरण तक निगरानी रखे जाने की आवश्यकता है. धर्मांतरण कानून में सख्ती की गई है. आए दिन देश में सामने आने वाली धर्मांतरण की रूह कंपा देने वाली खबरें देखने को मिल रही है. इसलिए धर्मांतरण कानून में सख्ती होनी चाहिए.

कांग्रेस ने किया स्वागत.

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट को हल्द्वानी शिफ्ट करने के कैबिनेट फैसले के बाद अब नैनीताल हाईकोर्ट के वकीलों में कहीं खुशी तो कहीं गम का माहौल बना हुआ है. वहीं, कांग्रेस ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है. जबकि हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता और राज्य आंदोलनकारी एमसी पंत ने कहा कैबिनेट का यह फैसला संसद के यूपी रेगुलेशन एक्ट के विपरीत है. जिसे अमेंडमेंट करना राज्य सरकार के अधिकार से बाहर है. सरकार के इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी जाएगी और अग्रिम रणनीति तैयार की जाएगी.

वहीं, हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष ललित बेलवाल का कहना है कि नैनीताल से हाईकोर्ट को शिफ्ट करने की लंबे समय से कवायद चल रही थी, सरकार का फैसला एकदम सही है. नैनीताल में स्थान की कमी के चलते ना तो अधिवक्ताओं को चेंबर मिल पा रहे थे और ना ही अन्य सुविधाएं. पर्यटन सीजन के दौरान शहर में लगने वाले जाम और पार्किंग की सुविधा न होने से अधिवक्ता और वाद कार्यों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था. लिहाजा अब हाईकोर्ट हल्द्वानी में बनेगा तो अधिवक्ताओं को कई सुविधाएं मिलेंगी.

वहीं, हाईकोर्ट अधिवक्ता नलिन भट्ट ने कहा सरकार राज्य की स्थायी राजधानी के मामले का कोई फैसला नहीं ले पा रही है. वहीं, अब नैनीताल में बने हाईकोर्ट को मैदान में शिफ्ट कर रही है. जिससे आने वाले समय में पलायन बढ़ेगा. राज्य सरकार पलायन रोकने के बजाय और बढ़ा रही है. लिहाजा सरकार को अपने इस फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए. अगर सरकार इस मामले पर पुनर्विचार नहीं करती तो इस मुद्दे को आंदोलन बनाया जाएगा.
ये भी पढ़ें: चमोली के शिलफाटा गांव के पास कार खाई में गिरी, दो शिक्षकों की मौके पर मौत

सीएम पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में हाईकोर्ट को नैनीताल से हल्द्वानी में शिफ्ट करने का फैसला लिया गया. जिसका कांग्रेस ने स्वागत किया है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा और पार्टी प्रवक्ता गरिमा ने कहा उत्तराखंड सरकार ने आज कैबिनेट बैठक में 25 अहम फैसलों पर मुहर लगाई है. इसमें से दो फैसले राज्य के लिए काफी महत्वपूर्ण है. उन्होंने नैनीताल हाईकोर्ट को हल्द्वानी शिफ्ट किए जाने के फैसले का स्वागत किया है. बहुत लंबे समय से नैनीताल हाईकोर्ट को शिफ्ट करने की मांग की जा रही थी. इससे जहां नैनीताल में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, वही जाम की स्थिति से जूझ रहे पर्यटकों को निजात मिलेगी.

करण माहरा ने हाईकोर्ट को हल्द्वानी शिफ्ट किए जाने के फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने कहा नैनीताल हाईकोर्ट को हल्द्वानी शिफ्ट करने से पर्यटन, उद्योग और पर्यटकों को बड़ी राहत मिलेगी. हल्द्वानी हाईकोर्ट स्थानांतरण से वादियों और परिवादियों को सुलभ न्याय मिलेगा, इसके साथ ही परिवहन से जुड़ी समस्याओं का भी समाधान होगा.

गरिमा दसौनी ने कहा हल्द्वानी में पूरी तरह से हाईकोर्ट शिफ्ट हो, इसके लिए अंतिम चरण तक निगरानी रखे जाने की आवश्यकता है. धर्मांतरण कानून में सख्ती की गई है. आए दिन देश में सामने आने वाली धर्मांतरण की रूह कंपा देने वाली खबरें देखने को मिल रही है. इसलिए धर्मांतरण कानून में सख्ती होनी चाहिए.

Last Updated : Dec 15, 2022, 2:10 PM IST
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