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राजस्व गांव और मालिकाना हक पर कांग्रेस का प्रदर्शन, सरकार की मंशा पर उठाये सवाल - लालकुंआ को मालिकाना हक

हल्द्वानी में कांग्रेसियों ने बिन्दुखत्ता को राजस्व गांव का दर्जा देने और लालकुआं को मालिकाना हक के लिए प्रदर्शन किया. साथ ही सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया.

Haldwani Latest News
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Published : Jul 2, 2021, 5:12 PM IST

हल्द्वानी: बिन्दुखत्ता को राजस्व गांव का दर्जा देने और लालकुआं को मालिकाना हक के लिए कांग्रेसियों ने बिन्दुखत्ता और लालकुआं में सड़कों पर प्रदर्शन किया. साथ ही लालकुआं तहसील में धरना देकर राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. लगभग 40 साल पहले कुमाऊं व गढ़वाल के विभिन्न क्षेत्रों के लोग बड़ी तादात में बिंदुखत्ता में आकर बसे थे.

इस मौके पूर्व कैबिनेट मंत्री हरीश चंद्र दुर्गापाल ने कहा कि बीजेपी ने बिन्दुखत्ता को राजस्व गांव और लालकुआं को मालिकाना हक देने के लिए चुनावी घोषणा पत्र में वादा किया था, लेकिन 4 साल बाद भी बिन्दुखत्ता को ना राजस्व गांव का दर्जा मिला और ना ही लालकुआं को मालिकाना हक. ऐसे में बीजेपी ने यहां की जनता को छलने का काम किया है, जिसके विरोध में लोग सड़कों पर उतरे हैं.

राजस्व गांव और मालिकाना हक को लेकर कांग्रेस का प्रदर्शन.

दुर्गापाल ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार ने मनमानी करते हुए हर यहां की जनता की भावनाओं के साथ खेलने का काम किया है. बीजेपी सरकार ने अपना वादा पूरा नहीं किया. अब यहां की जनता आगामी चुनाव में बीजेपी को सबक सिखाने के लिए तैयार है.

पढ़ें- CM तीरथ का आखिरी दांव, उपचुनाव के लिए चुनाव आयोग को लिखा पत्र, बहुगुणा भी नड्डा से मिले

गौरतलब है कि बिन्दुखत्ता उत्तराखंड का सबसे बड़ा गांव है. करीब एक लाख से अधिक आबादी वाले इस गांव के वाशिंदे पिछले 40 सालों से अपने भूमि का मालिकाना हक मांग रहे हैं. इसको लेकर पिछले कई साल से ग्रामीण लड़ाई भी लड़ रहे हैं. बिंदुखत्ता के लोग वन भूमि पर बसे हुए हैं, जिसके चलते उनको अपनी जमीन का मालिकाना हक नहीं मिल पा रहा है और ना ही उनको राजस्व ग्राम का दर्जा मिल पा रहा है, जिसको लेकर वह पिछले कई सालों से लड़ाई लड़ रहे हैं.

हल्द्वानी: बिन्दुखत्ता को राजस्व गांव का दर्जा देने और लालकुआं को मालिकाना हक के लिए कांग्रेसियों ने बिन्दुखत्ता और लालकुआं में सड़कों पर प्रदर्शन किया. साथ ही लालकुआं तहसील में धरना देकर राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. लगभग 40 साल पहले कुमाऊं व गढ़वाल के विभिन्न क्षेत्रों के लोग बड़ी तादात में बिंदुखत्ता में आकर बसे थे.

इस मौके पूर्व कैबिनेट मंत्री हरीश चंद्र दुर्गापाल ने कहा कि बीजेपी ने बिन्दुखत्ता को राजस्व गांव और लालकुआं को मालिकाना हक देने के लिए चुनावी घोषणा पत्र में वादा किया था, लेकिन 4 साल बाद भी बिन्दुखत्ता को ना राजस्व गांव का दर्जा मिला और ना ही लालकुआं को मालिकाना हक. ऐसे में बीजेपी ने यहां की जनता को छलने का काम किया है, जिसके विरोध में लोग सड़कों पर उतरे हैं.

राजस्व गांव और मालिकाना हक को लेकर कांग्रेस का प्रदर्शन.

दुर्गापाल ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार ने मनमानी करते हुए हर यहां की जनता की भावनाओं के साथ खेलने का काम किया है. बीजेपी सरकार ने अपना वादा पूरा नहीं किया. अब यहां की जनता आगामी चुनाव में बीजेपी को सबक सिखाने के लिए तैयार है.

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गौरतलब है कि बिन्दुखत्ता उत्तराखंड का सबसे बड़ा गांव है. करीब एक लाख से अधिक आबादी वाले इस गांव के वाशिंदे पिछले 40 सालों से अपने भूमि का मालिकाना हक मांग रहे हैं. इसको लेकर पिछले कई साल से ग्रामीण लड़ाई भी लड़ रहे हैं. बिंदुखत्ता के लोग वन भूमि पर बसे हुए हैं, जिसके चलते उनको अपनी जमीन का मालिकाना हक नहीं मिल पा रहा है और ना ही उनको राजस्व ग्राम का दर्जा मिल पा रहा है, जिसको लेकर वह पिछले कई सालों से लड़ाई लड़ रहे हैं.

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