हल्द्वानीः रामनगर वन प्रभाग के कालाढूंगी रेंज के अंतर्गत कॉर्बेट फॉल (Corbett Falls) में लोग जान जोखिम में डालकर नहा रहे हैं. बीते दिनों भी दो छात्रों की डूबने से मौत हो गई थी. इसी कड़ी में कांग्रेस शिष्टमंडल ने कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत (Kumaon Commissioner Deepak Rawat) से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने कॉर्बेट फॉल में सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त करने और मृतक छात्रों के परिजनों को मुआवजा देने की मांग की.
कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता दीपक बलूटिया ने आरोप लगाया कि वन विभाग ने प्रवेश द्वार में शुल्क लेने के लिए चार-चार गार्ड तैनात किए गए हैं, दुर्घटना क्षेत्र में मात्र नोटिस बोर्ड लगाकर इतिश्री कर ली जा रही है. यदि वहां पर गार्ड तैनात होता तो छात्रों की जान नहीं जाती. विभाग को इस दुर्घटना की जिम्मेदारी लेते हुए मृतकों के परिजनों को मुआवजा देना चाहिए.
कॉर्बेट फॉल में प्रवेश के लिए वन विभाग की ओर से प्रति व्यक्ति 50 रुपये शुल्क लिया जाता है. जबकि प्रति वाहन 100 रुपये शुल्क लिया जाता है. इसके लिए बकायदा काउंटर बनाए गए हैं. हैरानी की बात यह है कि विभाग की ओर से कॉर्बेट फॉल के आसपास बैरिकेडिंग के कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं. जबकि, वहां गश्ती दल के साथ ही लाइफ गार्ड भी तैनात होना चाहिए.
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वन विभाग कॉर्बेट फॉल में प्रवेश के नाम पर शुल्क लेकर अपनी जेब तो भर रहा है, लेकिन वहां आ रहे लोगों के लिए किसी प्रकार की कोई सुविधा नहीं दे रहा है. महज सूचना पट्ट लगाकर खानापूर्ति की जा रही है. सरकार और वन विभाग की लापरवाही का खामियाजा आम जनता को अपनी जान की बाजी लगाकर भुगतना पड़ रहा है. इससे पहले भी कॉर्बेट फॉल में कई लोगों की जानें जा चुकी हैं.
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कॉर्बेट फॉल में काफी पर्यटक आते हैं. जिसका चार्ज भी लगता है. वन विभाग को हर जगह चेतावनी बोर्ड लगाने को कहा गया है. साथ ही वहां पर फुलटाइम गार्ड की तैनाती करने के निर्देश दिए हैं, लेकिन गार्ड को तैरना भी आना चाहिए. इसके अलावा कैमरा लगाने के साथ ही अवैध तरीके से प्रवेश पर रोक लगाने के निर्देश दिए हैं.-दीपक रावत, कुमाऊं कमिश्नर
क्या था मामला? गौर हो कि बीते 15 मई को फार्मेसी कॉलेज दिनेशपुर (गदरपुर) से 31 छात्रों का टूर कालाढूंगी कॉर्बेट फॉल (Kaladhungi Corbett Falls) घूमने आया था. जहां छात्र फॉल में नहाने उतर गए, लेकिन दो छात्र विक्की मंडल और अभिजीत अधिकारी डूब गए थे. घटना के वक्त यदि कोई सुरक्षाकर्मी या लाइफ गार्ड मौके पर होता तो छात्रों की जान बचाई जा सकती थी.