देहरादून/हल्द्वानी: राज्य में चुनाव आचार संहिता लग चुकी है. लिहाजा कांग्रेस किसानों के मुद्दे पर लगातार हमलावर बनी हुई है. इसी कड़ी में कांग्रेस पार्टी ने एक किताब का विमोचन किया. जिसका शीर्षक 'आमदनी ना हुई दोगुनी, दर्द सौ गुना' है. दरअसल कांग्रेस ने केंद्र सरकार को किसानों से किए वादों की याद दिलाते हुए जमकर निशाना साधा.
देहरादून में कांग्रेस चुनाव पर्यवेक्षक मोहन प्रकाश और राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव बल्लभ ने किसानों के मुद्दे पर केंद्र की नीतियों को आड़े हाथों लिया. उन्होंने वापस लिए गए कृषि कानूनों और एमएसपी पर सरकार के रवैये और किसानों की आय दोगुनी करने के वादों पर केंद्र की जमकर आलोचना की.
गौरव बल्लव ने कहा किसानों को लेकर तमाम राज्यों में कांग्रेस एक किताब का विमोचन कर रही है. जिसमें किसानों के हालात और केंद्र की नीतियों से किसानों को हुए नुकसान की जानकारी दी गई है. मोदी सरकार और भाजपा ने भारत के भाग्यविधाता अन्नदाता किसानों पर जो आघात और विश्वासघात किया है, उसे भारत कभी माफ नहीं करेगा.
पीएम नरेन्द्र मोदी ने 28 फरवरी 2016 को बरेली उत्तर प्रदेश की रैली में देश के किसानों से वादा किया था कि 2022 तक किसानों की आय दोगुनी कर देंगे. आय तो दोगुनी हुई नहीं, दर्द सौ गुना जरूर हो गया. इसके कांग्रेस ने किताब में मई 2014 से लेकर अब तक किसानों के लिये केंद्र सरकार द्वारा किये गये निराशाजनक कार्यों को भी विस्तार से बताया गया है. निजी बीमा कंपनियों के रवैये, किसानों के आत्महत्या के आंकड़ों भी प्रमुखता से छापे गये हैं. कांग्रेस विधानसभा चुनाव में किसानों के मुद्दों को जोर शोर से उठा रही है.
वहीं, हल्द्वानी में कांग्रेस वरिष्ठ नेता यशपाल आर्य ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भाजपा की केंद्र और राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा. इसके साथ ही उन्होंने 'आमदनी ना हुई दोगुनी, दर्द 100 गुना' नाम से एक किताब जारी किया.
यशपाल आर्य ने कहा पिछले 5 सालों में किसान की आमदनी ना दोगुनी हुई. जबकि दर्द 100 गुना बढ़ा गया है. केंद्र सरकार ने किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया था, लेकिन किसानों के साथ सिर्फ छलावा हुआ है. इस किताब में किसानों की दुर्दशा, प्रदेश में पलायन, मजदूरों की मजबूरी के बारे में बताया गया है.
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बुकलेट में लिखा है कि कर्ज के आंकड़े में किसान डूब गया. किसान खेती से दूर हो गया. मजदूर मजदूरी के लिए मजबूर हुए हैं. पशुपालन भी किसानों के लिए फायदे का सौदा साबित नहीं हुआ. यही नहीं एग्रीकल्चर इन्फ्राट्रक्चर फंड एक जुमला बनकर रह गया. निजी बीमा कंपनियों की किसान लूट योजना खूब चली.
यशपाल आर्य ने कहा यह दुर्भाग्य है कि सरकार ने किसानों को झूठ बोला. 2016 में किसानों की आय दोगुनी करने की घोषणा तो कर दी, लेकिन साल दर साल किसानों के साथ कुठाराघात किया गया. किसानों की आय दोगुना करने की अपेक्षा 10 गुना कम कर दी गई है. इसलिए पांच राज्यों में चुनाव के दौरान वोट की चोट से किसान विरोधी भाजपा सरकार को सच का आइना दिखाएगी. भाजपा की हार ही पांच राज्यों में किसान की जीत होगी.