हल्द्वानी: उत्तराखंड के बहुप्रतीक्षित जमरानी बांध की केंद्रीय कैबिनेट से स्वीकृति मिलने के बाद जहां भाजपा नेताओं में खुशी की लहर है तो वहीं विपक्ष ने स्वीकृति को चुनावी घोषणा बताया है. हल्द्वानी विधायक सुमित हृदयेश का कहना है कि उनकी उम्र 45 साल से अधिक हो चुकी है, लेकिन 45 साल से जमरानी बांध का नाम सुनते आ रहे हैं. जमरानी बांध एक महत्वपूर्ण योजना है. लेकिन इस समय चुनाव नजदीक हैं, ऐसे में इसकी मंजूरी चुनावी घोषणा है.
सुमित हृदयेश ने कहा कि कई सालों से इसके सर्वे और डीपीआर हो गई, लेकिन योजना धरातल पर नहीं उतर रही है.जब तक योजना धरातल पर नहीं आती है, इसको चुनावी घोषणा कहा जा सकता है. जमरानी बांध परियोजना पर विपक्ष द्वारा उठाए जा रहे हैं सवाल पर केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री और स्थानीय सांसद अजय भट्ट का कहना है कि पिछले कई सालों से विपक्ष के सांसद और सरकार रही है. लेकिन उन्होंने अभी तक जमरानी बांध के लिए 1 इंच भी काम नहीं किया. विपक्ष का केवल अपना फायदा दिखता है.अजय भट्ट ने कहा है कि विपक्ष के लोगों को मोतियाबिंद हो गया है.
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विपक्ष को नसीहत देते हुए तंज कसा है कि विपक्ष के लोग अपना चश्मा ठीक कर अपना मोतियाबिंद का इलाज कराएं.गौरतलब है की करीब 25 हजार करोड़ की इस परियोजना से जहां कुमाऊं मंडल के साथ-साथ उत्तर प्रदेश के कई इलाकों को पेयजल और सिंचाई का पानी उपलब्ध होगा तो वहीं बिजली का भी उत्पादन होना है. 1975 में इस परियोजना की नींव तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने रखी, लेकिन 47 साल बाद भी जमरानी बांध परियोजना जस की तस बनी हुई है.सांसद अजय भट्ट के प्रयासों से केंद्रीय कैबिनेट ने जमरानी बांध को स्वीकृति मिली है. जहां 2028 तक बांध के निर्माण कार्य को पूरा करना है. उम्मीद जताई जा रही है कि जनवरी माह से परियोजना के निर्माण का कार्य शुरू हो जाएगा.