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ताक पर निर्वाचन आयोग के नियम, आचार संहिता का निकल रहा 'दम' - panchayat power 2019

पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद भी आचार संहिता का खुलेआम मजाक उड़ाया जा रहा है लेकिन प्रशासन भी लापरवाह बना हुआ है. जानिए, क्या होते हैं आचार संहिता के नियम.

आचार संहिता का हो रहा उल्लंघन.
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Published : Sep 16, 2019, 5:41 PM IST

Updated : Sep 16, 2019, 6:33 PM IST

हल्द्वानी: प्रदेश में पंचायत चुनाव का शंखनाद हो चुका है. अधिसूचना जारी हुए तीन दिन बीत चुके हैं. लेकिन हल्द्वानी में राजनीतिक पार्टियां आचार संहिता की खुलेआम धज्जियां उड़ा रही हैं. वहीं प्रशासन भी मूक दर्शक बना हुआ है.

आचार संहिता का हो रहा उल्लंघन.

प्रदेश में पंचायत चुनाव की तारीखें घोषित कर दी गई हैं. बावजूद इसके राजनीतिक पार्टियां आचार संहिता का उल्लंघन कर रही हैं. पार्टियों के होर्डिंग और पोस्टर जगह-जगह टंगे हुए हैं. लेकिन जिला प्रशासन अभी तक इन होर्डिंग और बैनरों को हटाने की जहमत नहीं उठा पाया है.

पढे़ं- उत्तराखंड में NRC लागू करने पर हो रहा विचार, CM त्रिवेंद्र कैबिनेट बैठक में करेंगे चर्चा

खंड विकास अधिकारी निर्मला जोशी का कहना है कि अभी चुनाव प्रक्रिया शुरू हुई है. इसके लिए लोगों की तैनाती की जा रही है. जहां भी पोस्टर और बैनर के जरिए आचार संहिता का उल्लंघन पाया जाएगा, उसे तुरंत हटा दिया जाएगा. वहीं उन्होंने कहा कि अगर दोबारा आचार संहिता का उल्लंघन किया गया तो प्रत्याशी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

जानें क्या होती है आचार संहिता
देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग कुछ नियम बनाता है. चुनाव आयोग के इन्हीं नियमों को आचार संहिता कहते हैं. चुनाव के दौरान उन नियमों का पालन करना सरकार, नेता और राजनीतिक दलों की जिम्मेदारी होती है.

आचार संहिता चुनाव की तारीख की घोषणा के साथ ही लागू हो जाती है. वहीं आचार संहिता चुनाव प्रक्रिया के संपन्न होने तक लागू रहती है. चुनाव की तारीख की घोषणा के साथ ही आचार संहिता देश में लगती है और वोटों की गिनती होने तक जारी रहती है.

आचार संहिता के नियम

  • आचार संहिता के नियम चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद कई नियम भी लागू हो जाते हैं. इनकी अवहेलना कोई भी राजनीतिक दल या राजनेता नहीं कर सकता.
  • सार्वजनिक धन का इस्तेमाल किसी विशेष राजनीतिक दल या नेता को फायदा पहुंचाने वाले काम के लिए नहीं होगा.
  • सरकारी गाड़ी, सरकारी विमान या सरकारी बंगले का इस्तेमाल चुनाव प्रचार के लिए नहीं किया जायेगा.
  • किसी भी तरह की सरकारी घोषणा, लोकार्पण और शिलान्यास आदि नहीं होगा.
  • किसी भी राजनीतिक दल, प्रत्याशी, राजनेता या समर्थकों को रैली करने से पहले पुलिस से अनुमति लेनी होगी.
  • किसी भी चुनावी रैली में धर्म या जाति के नाम पर वोट नहीं मांगे जाएंगे.

हल्द्वानी: प्रदेश में पंचायत चुनाव का शंखनाद हो चुका है. अधिसूचना जारी हुए तीन दिन बीत चुके हैं. लेकिन हल्द्वानी में राजनीतिक पार्टियां आचार संहिता की खुलेआम धज्जियां उड़ा रही हैं. वहीं प्रशासन भी मूक दर्शक बना हुआ है.

आचार संहिता का हो रहा उल्लंघन.

प्रदेश में पंचायत चुनाव की तारीखें घोषित कर दी गई हैं. बावजूद इसके राजनीतिक पार्टियां आचार संहिता का उल्लंघन कर रही हैं. पार्टियों के होर्डिंग और पोस्टर जगह-जगह टंगे हुए हैं. लेकिन जिला प्रशासन अभी तक इन होर्डिंग और बैनरों को हटाने की जहमत नहीं उठा पाया है.

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खंड विकास अधिकारी निर्मला जोशी का कहना है कि अभी चुनाव प्रक्रिया शुरू हुई है. इसके लिए लोगों की तैनाती की जा रही है. जहां भी पोस्टर और बैनर के जरिए आचार संहिता का उल्लंघन पाया जाएगा, उसे तुरंत हटा दिया जाएगा. वहीं उन्होंने कहा कि अगर दोबारा आचार संहिता का उल्लंघन किया गया तो प्रत्याशी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

जानें क्या होती है आचार संहिता
देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग कुछ नियम बनाता है. चुनाव आयोग के इन्हीं नियमों को आचार संहिता कहते हैं. चुनाव के दौरान उन नियमों का पालन करना सरकार, नेता और राजनीतिक दलों की जिम्मेदारी होती है.

आचार संहिता चुनाव की तारीख की घोषणा के साथ ही लागू हो जाती है. वहीं आचार संहिता चुनाव प्रक्रिया के संपन्न होने तक लागू रहती है. चुनाव की तारीख की घोषणा के साथ ही आचार संहिता देश में लगती है और वोटों की गिनती होने तक जारी रहती है.

आचार संहिता के नियम

  • आचार संहिता के नियम चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद कई नियम भी लागू हो जाते हैं. इनकी अवहेलना कोई भी राजनीतिक दल या राजनेता नहीं कर सकता.
  • सार्वजनिक धन का इस्तेमाल किसी विशेष राजनीतिक दल या नेता को फायदा पहुंचाने वाले काम के लिए नहीं होगा.
  • सरकारी गाड़ी, सरकारी विमान या सरकारी बंगले का इस्तेमाल चुनाव प्रचार के लिए नहीं किया जायेगा.
  • किसी भी तरह की सरकारी घोषणा, लोकार्पण और शिलान्यास आदि नहीं होगा.
  • किसी भी राजनीतिक दल, प्रत्याशी, राजनेता या समर्थकों को रैली करने से पहले पुलिस से अनुमति लेनी होगी.
  • किसी भी चुनावी रैली में धर्म या जाति के नाम पर वोट नहीं मांगे जाएंगे.
Intro:sammry- पंचायत चुनाव के अधिसूचना जारी हुए 3 दिन , संभावित प्रत्याशियों द्वारा आचार संहिता का खुलेआम उड़ाया जा रहा है नियमों का उल्लंघन प्रशासन बना मुख दर्शक।

एंकर- पंचायत चुनाव का आदर्श आचार संहिता अधिसूचना जारी वे 3 दिन हो चुके लेकिन चुनाव लड़ने वाले संभावित प्रत्याशी आचार संहिता का नियमों का खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं लेकिन प्रशासन देख कर भी अनजान बना हुआ है।


Body:प्रदेश में पंचायत चुनाव अधिसूचना शनिवार को जारी कर दी गई है लेकिन 3 दिन बाद भी राजनीतिक दलों के बोर्डिंग बैनर पोस्टर जगह जगह टंगे हुए हैं जो चले जो खुलेआम आचार संहिता का उल्लंघन माना जा रहा है ।लेकिन जिला प्रशासन अभी तक इन होर्डिंग बैनर को उठाने का जहमत तक नहीं उठा रहा है। यह नहीं संभावित प्रत्याशी प्लास्टिक के बने हार्डिंग बैनर में शुभकामनाओं के माध्यम से अपने पक्ष में लोगों से मतदान करने की अपील भी कर रहे हैं। नहीं कई संभावित प्रत्याशी सरकारी संपत्ति और पंचायत भवनों पर भी अपना कब्जा होल्डिंग बैनर के माध्यम से कर रखा है लेकिन प्रशासन इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है।


Conclusion:वह इस पूरे मामले में खंड विकास अधिकारी निर्मला जोशी का कहना है कि अभी चुनाव प्रक्रिया शुरू हुई है इसके लिए लोगों को तैनाती की जा रही है जहां भी कहीं होल्डिंग बैनर के माध्यम से आचार संहिता का उल्लंघन पाया जाएगा तो उसको तुरंत हटाया जाएगा अगर दोबारा लगाता हुआ पाया जाता है उस प्रत्याशी खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

बाइट- निर्मला जोशी मुख्य विकास अधिकारी हल्द्वानी
Last Updated : Sep 16, 2019, 6:33 PM IST
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