रामनगर: सीएम धामी ने वाइल्ड लाइफ बोर्ड की बैठक ली. बैठक में वन विभाग को सख्त तरीके से निर्देश दिए हैं कि जल्द दोनों नालों धनगढ़ी और पनोद के पुलों का कोई हल निकाला जाए. इसलिए जल्द ही इनके पुल के निर्माण का कार्य शुरू करें. ये दोनों पुल बरसात में मुसीबत का सबब बन जाते हैं.
धनगढ़ी और पनोद नाले हर साल लाते हैं तबाही: बता दें कि हर वर्ष हादसों का सबब बनने वाले धनगढ़ी और पनोद नालों पर पुल निर्माण कार्य 2 वर्ष से ज्यादा समय बाद भी पूरा नहीं हो पाया है. बता दें कि इस धनगढ़ी और पनोद नालों में अब तक 12 से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. हर बार यहां वाहनों के गिरने और यात्रियों के चोटिल होने के मामले लगातार प्रकाश में आते रहे हैं.
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इसलिए नहीं बन पाये पुल: बारिश के दिनों में पानी आने पर धनगढ़ी नाले पर हो रहे हादसों को देखते हुए 2020 में पुल के निर्माण की प्रक्रिया शुरू हुई थी. एक निजी कंपनी पुल के निर्माण का कार्य कर रही थी. लेकिन निर्माण में लापरवाही बरती जा रही थी. इसी वजह से पिछली बरसात में भी निर्माण नहीं हो सका था. लापरवाही का यह आलम है कि पुल के आसपास वैकल्पिक रास्ता तक नहीं बनाया गया है. इससे बरसात में यहां खतरा बढ़ जाता है. जबकि पुल का निर्माण 2022 में पूरा होना था.
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सीएम धामी ने ली वाइल्ड लाइफ बोर्ड की बैठक: वहीं अब पुल की हाइट को लेकर इसको बनने में दिक्कतें आ रही हैं. इस विषय में रामनगर पहुंचे प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि वन्यजीव वाइल्ड लाइफ बोर्ड की बैठक ली है. बैठक में वन विभाग को सख्त तरीके से निर्देश दिए हैं कि जल्द दोनों नाले धनगढ़ी और पनोद नाले के पुल का हल निकालें. अब देखने वाली बात होगी कि आखिर कब से इस पुल का कार्य शुरू किया जाता है. क्या आने वाली बरसात में हादसों का सबब बन रहे ये नाले पुल बनने के बाद राहत लाएंगे.
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