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चैत्र नवरात्रि 2021 शुरू, जानिए घटस्थापना का शुभ मुहूर्त और राशिफल - Haldwani Nav-Samvatsar 2078

आज चैत्र नवरात्रि का पहला दिन है. मंदिरों में देवी के पहले स्वरूप मां शैलपुत्री की पूजा हो रही है. माता शैलपुत्री हिमालय राज की पुत्री हैं. माता के इस स्वरूप की सवारी नंदी हैं. इनके दाहिने हाथ में त्रिशूल है और बायें हाथ में कमल का फूल लिए हैं.

Chaitra Navratri 2021
Chaitra Navratri 2021
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Published : Apr 12, 2021, 9:39 PM IST

Updated : Apr 13, 2021, 2:19 PM IST

हल्द्वानी: शक्ति की उपासना का पर्व चैत्र नवरात्रि आज से शुरू हो चुका है, जो 22 अप्रैल तक चलेगा. जबकि 21 अप्रैल को रामनवमी मनाई जाएगी. नवरात्रि के साथ-साथ हिन्दू नववर्ष यानी नव-संवत्सर 2078 की शुरुआत हो गई है. इस बार संवत्सर राक्षस नाम के नव संवत्सर है, जो वर्ष भर संकट भरा रहेगा. जानिए कैसे करें नवरात्रि पूजा और कैसा रहेगा नव संवत्सर ज्योतिषाचार्य नवीन चंद्र जोशी से...

ज्योतिषाचार्य से जानिए घट स्थापना का महत्व.

शुभ मुहूर्त

ज्योतिषाचार्य नवीन चंद्र जोशी के मुताबिक आज से चैत्र नवरात्रि और नव संवत्सर का शुभारंभ हो गया है. सुबह 5:45 से लेकर 10:00 बजे तक देव पूजन, घट स्थापन का शुभ मुहूर्त है. जबकि महानवमी 21 अप्रैल को मनाया जाएगा.

घट स्थापना का विशेष महत्व

ज्योतिष के अनुसार चैत्र नवरात्रि में घट स्थापन का विशेष महत्व होता है. इसमें मां दुर्गा के अलग-अलग नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है. ज्योतिषाचार्य नवीन चंद्र जोशी के मुताबिक इस बार संवत्सर में राक्षस नाम का नूतन संवत्सर पड़ रहा है, जिसमें मंगल ग्रह राजा और मंत्री दोनों होंगे. जो देश हित में सामान्य रहेगा.

कैसा रहेगा राशियों का फल, जानिए ज्योतिष की राय

Chaitra Navratri 2021
राशिफल 2021.

पढ़ें- दूसरे शाही स्नान पर हरिद्वार में उमड़ा आस्था का सैलाब, दिखा आलौकिक नजारा

इस बार 'राक्षस' संवत्सर 2078

ज्योतिष के अनुसार जब भी राक्षस नाम पर संवत्सर आता है. तब तब देश में नाना प्रकार के उपद्रव, व्यवधान, संकट, लेकर आता है. बात ग्रहों की करें तो शनि का मकर राशि में जबकि बृहस्पति की कुंभ राशि में प्रवेश कर रहा है, जो देश के सीमाओं के लिए नुकसानदायक होगा. देश के सीमाओं पर तनाव रहेगा आपदाएं आने की संभावना हो सकती है. कोरोना महामारी और अधिक होने की संभावना है जो 1 साल तक रह सकता है.

हल्द्वानी: शक्ति की उपासना का पर्व चैत्र नवरात्रि आज से शुरू हो चुका है, जो 22 अप्रैल तक चलेगा. जबकि 21 अप्रैल को रामनवमी मनाई जाएगी. नवरात्रि के साथ-साथ हिन्दू नववर्ष यानी नव-संवत्सर 2078 की शुरुआत हो गई है. इस बार संवत्सर राक्षस नाम के नव संवत्सर है, जो वर्ष भर संकट भरा रहेगा. जानिए कैसे करें नवरात्रि पूजा और कैसा रहेगा नव संवत्सर ज्योतिषाचार्य नवीन चंद्र जोशी से...

ज्योतिषाचार्य से जानिए घट स्थापना का महत्व.

शुभ मुहूर्त

ज्योतिषाचार्य नवीन चंद्र जोशी के मुताबिक आज से चैत्र नवरात्रि और नव संवत्सर का शुभारंभ हो गया है. सुबह 5:45 से लेकर 10:00 बजे तक देव पूजन, घट स्थापन का शुभ मुहूर्त है. जबकि महानवमी 21 अप्रैल को मनाया जाएगा.

घट स्थापना का विशेष महत्व

ज्योतिष के अनुसार चैत्र नवरात्रि में घट स्थापन का विशेष महत्व होता है. इसमें मां दुर्गा के अलग-अलग नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है. ज्योतिषाचार्य नवीन चंद्र जोशी के मुताबिक इस बार संवत्सर में राक्षस नाम का नूतन संवत्सर पड़ रहा है, जिसमें मंगल ग्रह राजा और मंत्री दोनों होंगे. जो देश हित में सामान्य रहेगा.

कैसा रहेगा राशियों का फल, जानिए ज्योतिष की राय

Chaitra Navratri 2021
राशिफल 2021.

पढ़ें- दूसरे शाही स्नान पर हरिद्वार में उमड़ा आस्था का सैलाब, दिखा आलौकिक नजारा

इस बार 'राक्षस' संवत्सर 2078

ज्योतिष के अनुसार जब भी राक्षस नाम पर संवत्सर आता है. तब तब देश में नाना प्रकार के उपद्रव, व्यवधान, संकट, लेकर आता है. बात ग्रहों की करें तो शनि का मकर राशि में जबकि बृहस्पति की कुंभ राशि में प्रवेश कर रहा है, जो देश के सीमाओं के लिए नुकसानदायक होगा. देश के सीमाओं पर तनाव रहेगा आपदाएं आने की संभावना हो सकती है. कोरोना महामारी और अधिक होने की संभावना है जो 1 साल तक रह सकता है.

Last Updated : Apr 13, 2021, 2:19 PM IST
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