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SSB प्रशिक्षित गुरिल्लाओं की पेंशन का मुद्दा, केंद्र सरकार के जवाब के बाद HC ने निस्तारित की याचिका

उत्तराखंड में एसएसबी प्रशिक्षित गुरिल्लाओं की पेंशन की मांग पर केंद्र सरकार ने शुक्रवार को उत्तराखंड हाईकोर्ट में अपना जवाब पेश किया. जिसके बाद कोर्ट ने याचिका निस्तारित कर दी.

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Published : Sep 30, 2022, 7:51 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने एसएसबी प्रशिक्षित गुरिल्लाओं को पेंशन लाभ देने व नौकरी के लिये योग्य गुरिल्ला प्रशिक्षितों को सेवा में लिये जाने पर निर्णय लेने के निर्देश केंद्र सरकार व महानिदेशक सशस्त्र सीमा बल को दिए हैं. गुरिल्लाओं को इस संदर्भ में सरकार के समक्ष प्रत्यावेदन देना होगा, जिसका निस्तारण तीन माह के भीतर करना होगा. इस दिशा निर्देश के बाद उत्तराखंड हाईकोर्ट ने याचिका निस्तारित कर दी है. मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ में हुई.

मामले के अनुसार गरमपानी नैनीताल निवासी जितेंद्र सिंह व 14 अन्य ने उत्तराखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि वे एसएसबी से गुरिल्ला प्रशिक्षित हैं. उन्होंने वॉलियंटर्स के रूप में काम किया है, लेकिन उन्हें किसी तरह लाभ नहीं दिया जा रहा है, जबकि उन्हीं की तरह प्रशिक्षित गुरिल्लाओं को गुवाहाटी हाईकोर्ट के निर्देश पर पेंशन लाभ व अन्य सुविधाएं मिल रही हैं.
पढ़ें- UKPSC Exam में SC/ST महिलाओं के 30% आरक्षण पर रोक, HC ने आयोग से मांगा जवाब

इन तथ्यों के बाद उत्तराखंड हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार व एसएसबी के महानिदेशक से याचिकाकर्ता गुरिल्लाओं को गुवाहाटी हाईकोर्ट के निदेशों के अनुसार लाभ देने को कहा था. उत्तराखंड हाईकोर्ट ने इसी तरह का आदेश 3 अगस्त 2022 को चमोली निवासी अनुसुइया देवी व अन्य की याचिका की सुनवाई में दिए थे.

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने एसएसबी प्रशिक्षित गुरिल्लाओं को पेंशन लाभ देने व नौकरी के लिये योग्य गुरिल्ला प्रशिक्षितों को सेवा में लिये जाने पर निर्णय लेने के निर्देश केंद्र सरकार व महानिदेशक सशस्त्र सीमा बल को दिए हैं. गुरिल्लाओं को इस संदर्भ में सरकार के समक्ष प्रत्यावेदन देना होगा, जिसका निस्तारण तीन माह के भीतर करना होगा. इस दिशा निर्देश के बाद उत्तराखंड हाईकोर्ट ने याचिका निस्तारित कर दी है. मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ में हुई.

मामले के अनुसार गरमपानी नैनीताल निवासी जितेंद्र सिंह व 14 अन्य ने उत्तराखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि वे एसएसबी से गुरिल्ला प्रशिक्षित हैं. उन्होंने वॉलियंटर्स के रूप में काम किया है, लेकिन उन्हें किसी तरह लाभ नहीं दिया जा रहा है, जबकि उन्हीं की तरह प्रशिक्षित गुरिल्लाओं को गुवाहाटी हाईकोर्ट के निर्देश पर पेंशन लाभ व अन्य सुविधाएं मिल रही हैं.
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इन तथ्यों के बाद उत्तराखंड हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार व एसएसबी के महानिदेशक से याचिकाकर्ता गुरिल्लाओं को गुवाहाटी हाईकोर्ट के निदेशों के अनुसार लाभ देने को कहा था. उत्तराखंड हाईकोर्ट ने इसी तरह का आदेश 3 अगस्त 2022 को चमोली निवासी अनुसुइया देवी व अन्य की याचिका की सुनवाई में दिए थे.

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