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लापरवाही के मामले में लाल पैथोलॉजी लैब के खिलाफ मुकदमा दर्ज

हल्द्वानी में किशोरी की कोविड-19 टेस्ट में 17 दिन बाद रिपोर्ट पॉजिटिव दिए जाने के मामलें में डॉ. लाल पैथौलॉजी लैब संचालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है.

case against lal Pathology Lab haldwani
लाल पैथोलॉजी लैब के खिलाफ मुकदमा दर्ज.
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Published : Jan 6, 2021, 4:23 PM IST

हल्द्वानी: गणपति बिहार की रहने वाली किशोरी की कोविड-19 टेस्ट में 17 दिन बाद रिपोर्ट पॉजिटिव दिए के मामले में डॉ. लाल पैथोलॉजी लैब संचालक के खिलाफ मुखानी थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है. बताया जा रहा है कि गणपति बिहार के रहने वाले एनएच पाठक की 16 वर्षीय पौत्री ने लाल पैथोलॉजी लैब में कोविड-19 की टेस्ट कराई थी. लैब की ओर से 17 दिन बाद कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट दी गई.

मामले की शिकायत एनएच पाठक ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी से की थी, जिसके बाद मुख्य चिकित्सा अधिकारी के जांच में लैब की ओर से लापरवाही पायी गई. लापरवाही की पुष्टि होने के बाद जिला अधिकारी की संस्तुति के बाद लैब में होने वाली आरटी-पीसीआर जांच की अनुमति को वापस ले लिया गया. वहीं, एनएच पाठक ने अब पैथोलॉजी लैब की ओर से लापरवाही बरतने का मामले में मुखानी थाने में मुकदमा दर्ज कराया है. दिनेश पाठक ने आरोप लगाया है कि लैब द्वारा 17 दिनों में रिपोर्ट पॉजिटिव दी गई, लेकिन उसी बीच उसकी अन्य लैब में टेस्टिंग कराई गई तो वहां रिपोर्ट निगेटिव आई है.

यह भी पढ़ें-परिवहन कर्मचारियों को मिलने वाली ESI सुविधा की गई बहाल, करीब साढ़े तीन हजार लोगों को मिलेगा लाभ

मुखानी थाना प्रभारी सुशील कुमार का कहना है कि किशोरी के परिवार के तहरीर के आधार पर आपदा प्रबंधन के तहत लैब संचालक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है. मुख्य चिकित्सा अधिकारी भागीरथ जोशी का कहना है कि लैब की ओर से सरकार के कोविड-19 के नियमों का उल्लंघन किया गया है. इसके अलावा लैब की ओर से जो शपथ-पत्र उपलब्ध कराया गया था, उसका भी उल्लंघन पाया गया है.

हल्द्वानी: गणपति बिहार की रहने वाली किशोरी की कोविड-19 टेस्ट में 17 दिन बाद रिपोर्ट पॉजिटिव दिए के मामले में डॉ. लाल पैथोलॉजी लैब संचालक के खिलाफ मुखानी थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है. बताया जा रहा है कि गणपति बिहार के रहने वाले एनएच पाठक की 16 वर्षीय पौत्री ने लाल पैथोलॉजी लैब में कोविड-19 की टेस्ट कराई थी. लैब की ओर से 17 दिन बाद कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट दी गई.

मामले की शिकायत एनएच पाठक ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी से की थी, जिसके बाद मुख्य चिकित्सा अधिकारी के जांच में लैब की ओर से लापरवाही पायी गई. लापरवाही की पुष्टि होने के बाद जिला अधिकारी की संस्तुति के बाद लैब में होने वाली आरटी-पीसीआर जांच की अनुमति को वापस ले लिया गया. वहीं, एनएच पाठक ने अब पैथोलॉजी लैब की ओर से लापरवाही बरतने का मामले में मुखानी थाने में मुकदमा दर्ज कराया है. दिनेश पाठक ने आरोप लगाया है कि लैब द्वारा 17 दिनों में रिपोर्ट पॉजिटिव दी गई, लेकिन उसी बीच उसकी अन्य लैब में टेस्टिंग कराई गई तो वहां रिपोर्ट निगेटिव आई है.

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मुखानी थाना प्रभारी सुशील कुमार का कहना है कि किशोरी के परिवार के तहरीर के आधार पर आपदा प्रबंधन के तहत लैब संचालक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है. मुख्य चिकित्सा अधिकारी भागीरथ जोशी का कहना है कि लैब की ओर से सरकार के कोविड-19 के नियमों का उल्लंघन किया गया है. इसके अलावा लैब की ओर से जो शपथ-पत्र उपलब्ध कराया गया था, उसका भी उल्लंघन पाया गया है.

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