हल्द्वानीः नैनीताल जिले में मूसलाधार बारिश ने भारी तबाही मचाई है. खासकर हल्द्वानी में ज्यादा नुकसान हुआ है. जहां कलसिया और रकसिया नाले ने कहर बरपाया है. नाले की वजह से कई मकान क्षतिग्रस्त हो गए. कई लोगों में मलबा घुस गया. ऐसे में उन्हें सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया है. उधर, नैनीताल डीएम ने अधिकारियों को बिना देर किए आपदा राहत बचाव कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं. वहीं, जिले की प्रभारी मंत्री रेखा आर्य भी आज मौके पर पहुंची और आपदा पीड़ितों से मिलीं. उन्हें हर संभव मदद का आश्वासन दिया.
गौर हो कि बीती मंगलवार को हल्द्वानी और काठगोदाम क्षेत्र में बारिश ने जमकर तबाही मचाई. जिसके चलते काठगोदाम क्षेत्र में कई मकान नदी में समा गए तो कई मकान भी क्षतिग्रस्त हुए. कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य आज आपदा प्रभावित काठगोदाम पहुंची. जहां उन्होंने स्थलीय निरीक्षण किया. साथ ही इंटर कॉलेज में रह रहे आपदा पीड़ितों से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रशासन की ओर से हर संभव मदद दी जा रही है. उसमें कोई भी कोताही नहीं बरती जाएगी.
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आज #हल्द्वानी-काठगोदाम में #आपदाग्रस्त प्रभावित विभिन्न क्षेत्रों का दौरा किया!
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जहाँ आपदा से प्रभावित परिवारों का हालचाल जाना,साथ ही प्रभावित परिवारों को #आर्थिक सहायता के चेक और #राशन किट वितरित की!
अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए कि आपदा की इस घड़ी में सभी अधिकारी अपनी… pic.twitter.com/Xo1cP8IjUd
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जहाँ आपदा से प्रभावित परिवारों का हालचाल जाना,साथ ही प्रभावित परिवारों को #आर्थिक सहायता के चेक और #राशन किट वितरित की!
अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए कि आपदा की इस घड़ी में सभी अधिकारी अपनी… pic.twitter.com/Xo1cP8IjUd
फिलहाल, आज प्रशासन ने प्रभावितों को तत्काल फौरी तौर पर चेक बांटे हैं. ताकि वो अपनी जरूरत की चीजों की खरीदारी कर सकें. साथ ही उन्हें खाने पीने के अलावा अन्य सामग्री भी उपलब्ध कराई गई है. रेखा आर्य का कहना है कि सरकार का पहला उद्देश्य पीड़ितों की मदद करना है. उसके बाद नाले के आस पास सुरक्षा दीवार या अन्य कोई उपाय बनाने पर फोकस किया जाएगा. ताकि, भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके.
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कलसिया नाले ने मचाई तबाही, किसी ने रिश्तेदार के यहां शरण ली तो किसी ने सड़क पर रात गुजारीः हल्द्वानी में मूसलाधार बारिश से कलसिया नाले का पानी उफान पर आया और सब कुछ तोड़ता हुआ लोगों के घरों में जाकर घुसा. जामरानी स्टाफ क्वार्टर, काठगोदाम के अलग-अलग इलाकों में लोगों के घरों में मलबा घुस गया. जिससे चीख पुकार मच गई. लोग अपनी जान बचाने के लिए इधर से उधर भागे. किसी ने रिश्तेदार के यहां शरण ली तो कोई रात भर सड़क पर ही जागता रह गया. रेखा देवी ने बताया कि भारी बारिश के दौरान पुलिस देवदूत बनकर सामने आई. पुलिस ने जामरानी स्टाफ क्वार्टर से करीब 6 परिवारों का सफल रेस्क्यू किया. सामान तो कुछ नहीं बचा लेकिन जान बच गई.
उनका कहना है कि उन्होंने अब रिश्तेदारों की यहां शरण ली है. आगे का भविष्य क्या होगा कुछ नहीं पता है. रकसिया नाले के किनारे बसे हुए लोगों के घर तबाह हो गया है, लेकिन प्रशासन का कहना है कि सभी के लिए व्यवस्थाएं मुहैया कराई जा रही है. कुछ आपदा पीड़ितों ने आरोप लगाया कि कोई उन्हें देखने तक नहीं आया. न ही राहत बचाव का कोई लाभ मिला है. उनका कहना था कि वो भुखमरी के कगार पर आ गए हैं, लेकिन प्रशासन कोई भी ध्यान नहीं दे रहा है.
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विजयपुर गांव के आपदा पीड़ितों का डीएम कैंप में प्रदर्शनः गौलापार के विजयपुर गांव के ग्रामीणों ने डीएम कैंप में पहुंच जमकर प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने सूखी नदी पर पुल बनाने की मांग की. ग्रामीणों का कहना था कि विजयपुर ब्रिटिश कालीन गांव है. जो हल्द्वानी से महज 6 किलोमीटर दूरी पर है, लेकिन यहां के ग्रामीण आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है.
गांव में सड़क तक नहीं है. बरसात के मौसम में ग्रामीणों को सूखी नदी पार करके जाना पड़ता है. पिछले एक महीने से नदी में पानी आने से गांव का संपर्क टूट गया है. बच्चे स्कूल नहीं जा रहे हैं. ग्रामीण जान जोखिम में डालकर नदी पार कर आवाजाही कर रहे हैं. वो लंबे समय से नदी के ऊपर पुल बनाने की मांग करते आ रहे हैं, लेकिन उनकी बातों को नहीं सुना जा रहा है.
उनकी मांग कई दशकों से चली आ रही है, आज तक पुल की मांग पूरी नहीं हो पाई है. इस बार आपदा के चलते गांव की पेयजल व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है. इसके अलावा सिंचाई नहर क्षतिग्रस्त हो गई है. जिसके चलते लोगों को पीने का पानी भी नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में ग्रामीणों का धैर्य टूट गया है. लिहाजा, उन्हें डीएम कैंप पहुंचकर धरना प्रदर्शन करने को मजबूर होना पड़ा है.
ग्रामीणों का कहना है कि सरकार और प्रशासन ने विजयपुर गांव में मूलभूत सुविधा देने के वादे किए, लेकिन अभी तक गांव में कोई सुविधा नहीं दी गई है. इतना ही नहीं इस गांव को सांसद अजय भट्ट ने गोद भी ले रखा है, लेकिन इस गांव की दुर्दशा दिनों दिन खराब हो रही है. मजबूरन अब ग्रामीण आंदोलन करने के लिए बाध्य हो गए हैं.