हल्द्वानी: उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव 2022 के कुछ ही महीने बचे हैं. इससे पहले बीजेपी में बगावत शुरू हो चुकी है. पार्टी से इस्तीफा देने वाले नवीन पंत ने इस्तीफा दे चुके पदाधिकारियों के साथ हल्द्वानी में प्रेस वार्ता की है. इस दौरान उन्होंने कई खुलासों का दावा करते हुए बीजेपी के उच्च पदाधिकारियों पर उत्पीड़न करने सहित कई गंभीर आरोप लगाए हैं.
नवीन पंत सहित अन्य नेताओं ने पार्टी के कई शीर्ष नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा है कि हल्द्वानी के मेयर योगेंद्र पाल सिंह रौतेला, जिला अध्यक्ष प्रदीप बिष्ट और जिला महामंत्री प्रदीप जनोटी द्वारा उनकी अनदेखी की गई है. साथ ही उन पर अनावश्यक हस्तक्षेप कर लगातार उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है.
नवीन पंत ने कहा कि सबसे ज्यादा उत्पीड़न जिला महामंत्री प्रदीप जोशी ने किया है. यहां तक कि उन्होंने अभद्र भाषा का भी प्रयोग किया है, जिससे आहत होकर उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दिया है. पार्टी के अंदर उनको और उनके पदाधिकारियों को भी तवज्जो नहीं दी जा रही थी, जिसके बाद सभी पदाधिकारियों ने इस्तीफा दिया है. पार्टी के कार्यकर्ताओं से कर्मचारी की तरह काम कराया जा रहा है.
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नवीन पंत ने कहा कि उनकी पार्टी से कोई नाराजगी नहीं है. यह सिर्फ जिले के उच्च पदाधिकारियों के प्रति उनकी नाराजगी है. उन्होंने कहा कि इसकी शिकायत वो जिला अध्यक्ष और विधानसभा अध्यक्ष तक से कर चुके हैं, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई.
इस मामले को लेकर उन्होंने जिलाध्यक्ष से कहा तो उन्होंने कहा कि वह लालकुआं विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं, जिसके चलते वह व्यस्त हैं. ऐसे में मंडल के सभी पदाधिकारियों के साथ पार्टी में भेदभाव किया गया, जिससे आहत होकर अपने पद से इस्तीफा दिया है.
बता दें, 29 जुलाई को हल्द्वानी नगर मंडल के अध्यक्ष नवीन पंत, महामंत्री दीक्षांत टंडन और कोषाध्यक्ष उमेश सैनी ने भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष प्रदीप बिष्ट को अपना इस्तीफा सौंप दिया था. नवीन पंत ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस्तीफे का कारण बताया है.