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भोजन माताएं करेंगी कुमाऊं कमिश्नर ऑफिस का घेराव, राष्ट्रव्यापी आंदोलन की चेतावनी

राज्य सरकार पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए भोजन माताओं ने राष्ट्रव्यापी आंदोलन की चेतावनी दी है. इसके साथ ही भोजन माताओं ने कुमाऊं कमिश्नर राजीव रौतेला के कार्यालय का घेराव करने की बात कही है.

भोजन माताएं करेंगी कुमाऊं कमिश्नर के कार्यालय का घेराव.
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Published : Nov 8, 2019, 8:01 AM IST

नैनीताल: प्रदेश में भोजन माताओं ने राज्य सरकार पर उपेक्षा करने का आरोप लगाया है. इस कारण नाराज भोजन माताओं ने 11 नवंबर को नैनीताल में मुख्यमंत्री के सचिव और कुमाऊं कमिश्नर राजीव रौतेला के कार्यालय का घेराव करने की बात कही है. साथ ही मांग पूरी न होने पर राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है.

भोजन माताएं करेंगी कुमाऊं कमिश्नर के कार्यालय का घेराव.

भोजन माताओं ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा जारी उज्जवला गैस योजना केवल नाम मात्र की योजना है. इसका फायदा भोजन माताओं को नहीं दिया जा रहा है, जिस वजह से 868 भोजन माता आज भी लकड़ियों पर खाना बनाने को मजबूर हैं. इस कारण से भोजन माताओं को सांस समेत आंख की बीमारी हो रही हैं.

वहीं, भोजन माताओं ने खाना बनाने के लिए सरकार द्वारा लकड़ियां तक मुहैया न कराने की बात कही है. उन्होंने बताया कि वो खुद जंगल जाकर लकड़ियां लाती हैं, जिससे उनकी जान पर जानवरों से खतरा मंडराता रहता है.

ये भी पढ़ें: नमामि गंगे प्रोजेक्ट में करोड़ों के घपले का आरोप, सुप्रीम कोर्ट में दायर की याचिका

इस दौरान भोजन माताओं ने राज्य सरकार से सामान्य कार्य समान वेतन, उज्जवला गैस कनेक्शन देने, न्यूनतम वेतन 18000 रुपये, प्रसूति अवकाश और सरकारी कर्मचारियों की भांति साल में 14 अवकाश देने समेत 27वें बच्चे पर दूसरी भोजन माता की नियुक्ति करने की मांग की है. इसके साथ ही भोजन माताओं ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर राज्य सरकार उनकी मांगों पर विचार नहीं करेगी तो वो राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे, जिसकी जिम्मेदार पूरी तरह से राज्य सरकार की होगी.

नैनीताल: प्रदेश में भोजन माताओं ने राज्य सरकार पर उपेक्षा करने का आरोप लगाया है. इस कारण नाराज भोजन माताओं ने 11 नवंबर को नैनीताल में मुख्यमंत्री के सचिव और कुमाऊं कमिश्नर राजीव रौतेला के कार्यालय का घेराव करने की बात कही है. साथ ही मांग पूरी न होने पर राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है.

भोजन माताएं करेंगी कुमाऊं कमिश्नर के कार्यालय का घेराव.

भोजन माताओं ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा जारी उज्जवला गैस योजना केवल नाम मात्र की योजना है. इसका फायदा भोजन माताओं को नहीं दिया जा रहा है, जिस वजह से 868 भोजन माता आज भी लकड़ियों पर खाना बनाने को मजबूर हैं. इस कारण से भोजन माताओं को सांस समेत आंख की बीमारी हो रही हैं.

वहीं, भोजन माताओं ने खाना बनाने के लिए सरकार द्वारा लकड़ियां तक मुहैया न कराने की बात कही है. उन्होंने बताया कि वो खुद जंगल जाकर लकड़ियां लाती हैं, जिससे उनकी जान पर जानवरों से खतरा मंडराता रहता है.

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इस दौरान भोजन माताओं ने राज्य सरकार से सामान्य कार्य समान वेतन, उज्जवला गैस कनेक्शन देने, न्यूनतम वेतन 18000 रुपये, प्रसूति अवकाश और सरकारी कर्मचारियों की भांति साल में 14 अवकाश देने समेत 27वें बच्चे पर दूसरी भोजन माता की नियुक्ति करने की मांग की है. इसके साथ ही भोजन माताओं ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर राज्य सरकार उनकी मांगों पर विचार नहीं करेगी तो वो राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे, जिसकी जिम्मेदार पूरी तरह से राज्य सरकार की होगी.

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11 नवंबर को भोजन माता करेंगी मुख्यमंत्री के सचिव राजीव रौतेला के कार्यलय का घेराव।

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प्रदेश में भोजन माताओं की राज्य सरकार द्वारा की जा रही उपेक्षा से नाराज होकर भोजन माता 11 नवंबर को नैनीताल में मुख्यमंत्री के सचिव और कुमाऊं कमिश्नर राजीव रौतेला के कार्यालय का घेराव करेंगी,


Body:भोजन माताओं का कहना है कि केंद्र सरकार द्वारा जारी उज्जवला गैस योजना केवल नाम मात्र की योजना है इसका फायदा भोजन माताओं को नहीं दिया जा रहा जिस वजह से 868 भोजन माता आज भी लकड़ियों पर खाना बनाने को मजबूर है, जिस वजह से भोजन माताओं को सांस समेत आंख की बीमारी हो रही है,
वही भोजन माताओं का कहना है कि खाना बनाने के लिए सरकार द्वारा उनको लकड़ियां तक मुहैया नहीं कराई जाती और खाना बनाने के लिए वह खुद जंगल जाकर लकड़ियां लाती हैं, जिससे उनकी जान पर जानवरों से खतरा मंडराता रहता है।


Conclusion:इस दौरान भोजन माताओं ने राज्य सरकार से सामान्य कार्य समान वेतन, उज्जवला गैस कनेक्शन देने,न्यूनतम वेतन 18000 करने, प्रसूति अवकाश और सरकारी कर्मचारियों की भांति साल में 14 अवकाश देने समेत 27 वे बच्चे पर दूसरी भोजन माता की नियुक्ति करने की मांग की है, वही भोजन माताओं का कहना है कि अगर राज्य सरकार उनकी मांगों पर विचार नहीं करेगी तो वह राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे जिसकी जिम्मेदार पूरी तरह से राज्य सरकार होगी।

बाईट- रजनी जोशी महामंत्री भोजन माता संगठन उत्तराखंड नैनीताल।
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