हल्द्वानी: उत्तराखंड के राजनीतिक में आज एक और परिवर्तन हो सकता है. ऐसे में भीमताल से निर्दलीय विधायक राम सिंह कैड़ा आज नई दिल्ली में अपनी पत्नी ब्लॉक प्रमुख कमलेश कैड़ा के साथ बीजेपी की सदस्यता ग्रहण कर सकते हैं. बताया जा रहा है कि राम सिंह कड़ा अपनी पत्नी और 100 से अधिक समर्थकों के साथ दिल्ली को पहुंच चुके हैं. ऐसे में कयास लगाए जा जा रहे हैं कि बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा उनको बीजेपी की सदस्यता दिला सकते हैं. फिलहाल, राम सिंह कुछ भी कहने से बच रहे हैं और बीजेपी पार्टी की गुणगान कर रहे हैं.
कांग्रेस से ताल्लुक रखने वाले हल्द्वानी एमबीपीजी कॉलेज के छात्रसंघ अध्यक्ष बनने के बाद वह राजनीति में लगातार सक्रिय रहे और 2017 में कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़कर मोदी लहर में निर्दलीय विधायक बने और पूरे प्रदेश में वह चर्चा में रहे. राम सिंह कैड़ा की अपने विधानसभा में पहचान अच्छे विधायक के रूप में की जाती है और उन्होंने विधायक रहते हुए अपने क्षेत्र में काफी विकास किए हैं.
प्रदेश की बीजेपी सरकार को निर्दलीय विधायक राम सिंह कैड़ा का बाहर से समर्थन भी है. राज्यसभा चुनाव मैं भी बीजेपी प्रत्याशी का उनका समर्थन रहा है. राम सिंह खेड़ा कहते हैं कि अपनी विधानसभा क्षेत्र में विकास कार्यों के लिए वह भाजपा के एसोसिएट सदस्य है और भाजपा सरकार के समर्थन से अपने क्षेत्र में विकास भी करते हैं. विधायक राम सिंह सांसद अजय भट्ट और भगत सिंह कोश्यारी के काफी करीबी हैं और पिछले कई दिनों से बीजेपी के अलग-अलग नेताओं से मुलाकात भी कर रहे हैं.
बताया जा रहा है कि राम सिंह कैड़ा के पत्नी और समर्थकों के साथ दिल्ली रवाना होने से चर्चाएं गर्म हो गई है और पिछले कई दिनों से यह चर्चाएं जोरों पर थी. ऐसे में यह प्रयास लगाए जा रहे हैं कि आज दोपहर बाद वह भाजपा का सदस्यता ग्रहण कर सकते हैं. ऐसे में भीमताल विधानसभा के लोगों की नजर विधायक राम सिंह कैड़ा के अगले कदम पर है.
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राजनीतिक सफर: राम सिंह कैड़ा ने अपनी राजनीति की शुरुआत छात्र राजनीति से की है. पहली बार हल्द्वानी एमबीपीजी कॉलेज में वर्ष 1992 में छात्र संघ अध्यक्ष बने इसके बाद छात्र महासंघ के भी अध्यक्ष चुने गए. छात्र राजनीति के बाद कैड़ा पूर्व से राजनीति में उतर गए और 2003 में अपने गृह क्षेत्र नाइ-ढोली गांव में पहली बार जिला पंचायत सदस्य और 2008 में भुमका से क्षेत्र पंचायत सदस्य बने. राज्य आंदोलन के दौरान उन्होंने बढ़-चढ़कर भागीदारी निभाई और राज्य आंदोलनकारी के रूप में वह फतेहगढ़, बरेली, हल्द्वानी सहित नैनीताल जेल में भी बंद रहे.
इसके अलावा वह कांग्रेस के प्रमुख पदों पर भी काम किया कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री ,प्रदेश संगठन मंत्री और प्रदेश सचिव रहते हुए कांग्रेस को अपने क्षेत्र में मजबूत बनाया लेकिन 2017 में टिकट नहीं मिलने से वह निर्दलीय चुनाव लड़ना लड़े और मोदी लहर के बीच उन्होंने भारी मतों से जीत दर्ज की.