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भाद्रपद शुक्ल पक्ष आज से शुरू, 65 साल बाद बन रहा ऐसा योग

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Published : Sep 8, 2021, 2:14 PM IST

इस बार 62 साल बाद भाद्रपद शुक्ल पक्ष 15 दिन के बजाय 13 दिन का रहेगा. भाद्र पक्ष 8 सितंबर यानी आज से शुरू होकर पूर्णिमा 20 सितंबर तक रहेगा.

भाद्रपद शुक्ल पक्ष
भाद्रपद शुक्ल पक्ष

हल्द्वानी: इस बार 62 साल बाद भाद्रपद शुक्ल पक्ष (Bhadrapada Shukla Paksha) 15 दिन के बजाय 13 दिन का रहेगा. भाद्र पक्ष 8 सितंबर यानी आज से शुरू होकर पूर्णिमा 20 सितंबर तक रहेगा. ज्योतिषाचार्य डॉ नवीन चंद्र जोशी ने बताया कि आमतौर पर एक पक्ष 14 या 15 दिन का होता है, लेकिन इस बार भाद्रपद पक्ष 13 दिन का आया है. जिसे विश्वधस्त्र योग कहा जाता है. जो अशुभ और अनिष्टकारी होता है. माना जाता है कि जिस संवत में 13 दिन का पक्ष होता है वह शुभ नहीं होता है.

ज्योतिषाचार्य डॉ. नवीन चंद्र जोशी ने बताया कि महाभारत काल में भी ऐसा ही विश्वधस्त्र योग बना था. जिसके चलते महाभारत का युद्ध हुआ. उन्होंने कहा कि विश्वधस्त्र योग अशुभ और अनिष्टकारी होता है. क्योंकि 13 अंक अशुभ माना जाता है. ऐसे में आने वाले 13 दिन विश्व के लिए कष्ट दाई होगा. इसका प्रभाव 13 महीने पहले और 13 महीने बाद तक देखा जाता है. इसका सबसे ज्यादा असर पश्चिमी देशों पर देखा जाएगा. जहां युद्ध की स्थिति पैदा हो सकती है. महामारी फैलने की आशंका बनी रहेगी. विश्व शांति को भंग करने वाला रहेगा. इसके अलावा असाध्य रोगों की वृद्धि होगी उपद्रव, हिंसा और तनाव पैदा करने वाला योग बना है.

65 साल बाद बन रहा ऐसा योग.

पढ़ें: जल्द हरकी पैड़ी पर एल्कोमीटर और मेटल डिटेक्टर से होगी जांच, श्रीगंगा सभा ने कसी कमर

ज्योतिषाचार्य डॉ नवीन चंद्र जोशी के अनुसार विश्वधस्त्र योग के प्रकोप से बचने के लिए हनुमान, भगवान शिव और गणेश की आराधना करने से इस प्रकोप से बचा जा सकता है.

हल्द्वानी: इस बार 62 साल बाद भाद्रपद शुक्ल पक्ष (Bhadrapada Shukla Paksha) 15 दिन के बजाय 13 दिन का रहेगा. भाद्र पक्ष 8 सितंबर यानी आज से शुरू होकर पूर्णिमा 20 सितंबर तक रहेगा. ज्योतिषाचार्य डॉ नवीन चंद्र जोशी ने बताया कि आमतौर पर एक पक्ष 14 या 15 दिन का होता है, लेकिन इस बार भाद्रपद पक्ष 13 दिन का आया है. जिसे विश्वधस्त्र योग कहा जाता है. जो अशुभ और अनिष्टकारी होता है. माना जाता है कि जिस संवत में 13 दिन का पक्ष होता है वह शुभ नहीं होता है.

ज्योतिषाचार्य डॉ. नवीन चंद्र जोशी ने बताया कि महाभारत काल में भी ऐसा ही विश्वधस्त्र योग बना था. जिसके चलते महाभारत का युद्ध हुआ. उन्होंने कहा कि विश्वधस्त्र योग अशुभ और अनिष्टकारी होता है. क्योंकि 13 अंक अशुभ माना जाता है. ऐसे में आने वाले 13 दिन विश्व के लिए कष्ट दाई होगा. इसका प्रभाव 13 महीने पहले और 13 महीने बाद तक देखा जाता है. इसका सबसे ज्यादा असर पश्चिमी देशों पर देखा जाएगा. जहां युद्ध की स्थिति पैदा हो सकती है. महामारी फैलने की आशंका बनी रहेगी. विश्व शांति को भंग करने वाला रहेगा. इसके अलावा असाध्य रोगों की वृद्धि होगी उपद्रव, हिंसा और तनाव पैदा करने वाला योग बना है.

65 साल बाद बन रहा ऐसा योग.

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ज्योतिषाचार्य डॉ नवीन चंद्र जोशी के अनुसार विश्वधस्त्र योग के प्रकोप से बचने के लिए हनुमान, भगवान शिव और गणेश की आराधना करने से इस प्रकोप से बचा जा सकता है.

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