कालाढूंगीः उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है. ऐसे में सभी राजनीतिक दल चुनावी मैदान में एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं. इसी कड़ी में कालाढूंगी विधानसभा सीट के अंतर्गत कोटाबाग में पूर्व कैबिनेट मंत्री और बीजेपी प्रत्याशी बंशीधर भगत में जनसंपर्क किया और जीत का दावा किया. उन्होंने कहा कि इस बार भी बीजेपी जीत की हैट्रिक लगाएगी.
कैबिनेट मंत्री बंशीधर भगत ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी कालाढूंगी विधानसभा सीट में जीत के साथ हैट्रिक लगाने को तैयार है. बीजेपी, कांग्रेस को भी साथ में लेकर चल रही है और उनके साथ कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा. इस बार बंशीधर की जीत के साथ भी कांग्रेस की भी हैट्रिक लगाने जा रहे हैं.
बंशीधर भगत का राजनीति सफरः बीजेपी ने कालाढूंगी विधानसभा सीट से बंशीधर भगत को प्रत्याशी घोषित किया है. बंशीधर भगत उत्तराखंड की राजनीति में कोई नया नाम नहीं है. बंशीधर भगत उत्तर प्रदेश से लेकर उत्तराखंड बनने तक 6 बार विधायक बन चुके हैं. यूपी सरकार के मंत्री भी रह चुके हैं.
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बंशीधर भगत भगत साल 1991 में पहली बार नैनीताल विधानसभा सीट से विधायक चुने गए. नैनीताल विधानसभा सीट से साल 1993 और 1996 में भी विधायक बने. साल 1996 में खाद्य रसद, पर्वतीय विकास, वन राज्यमंत्री बने. जबकि, साल 2000 में कृषि, सहकारिता, पशुपालन, दुग्ध, गन्ना मंत्री की जिम्मेदारी मिली.
वर्तमान समय में उत्तराखंड के शहरी विकास मंत्री हैं. बंशीधर भगत बीजेपी के पुराने कार्यकर्ता हैं. उनकी जनता में अच्छी पकड़ होने के चलते पिछले 6 बार से वो विधायक बनते रहे हैं. बंशीधर भगत हल्द्वानी से भी कई बार विधायक रह चुके हैं.
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साल 2012 में हल्द्वानी विधानसभा सीट से अलग होकर कालाढूंगी विधानसभा सीट अस्तित्व में आई. फिर उनका आवास कालाढूंगी विधानसभा क्षेत्र में जा पहुंचा. जिसके बाद उन्होंने 2012 में बीजेपी से चुनाव लड़ते हुए कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव प्रकाश जोशी को हराया था.
साल 2017 में भी भारी मतों से जीत हासिल कर विधानसभा पहुंचे. तब उन्हें बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के साथ-साथ कैबिनेट मंत्री का भी दर्जा मिला. एक बार फिर से बतौर बीजेपी प्रत्याशी बंशीधर भगत मैदान में उतरे हैं. उनका मुकाबला कांग्रेस प्रत्याशी महेश शर्मा से होगा. महेश शर्मा ने साल 2012 और 2017 में पार्टी से टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय के तौर पर अपना दम दिखाया था.
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एक बार चुनाव हारे भगतः बीजेपी के कद्दावर नेता बंशीधर भगत को चुनाव में एक बार हार का मुंह भी देखना पड़ा है. साल 2002 के विधानसभा चुनाव में बंशीधर भगत हल्द्वानी सीट पर कांग्रेस की प्रत्याशी डॉ. इंदिरा हृदयेश से चुनाव हार गए थे.