हल्द्वानी: बेरोजगार युवाओं और प्रवासी मजदूरों को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की ओर से मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना संचालित की गई है. इस योजना को बैंक पलीता लगाने में लगे हैं. जिला उद्योग विभाग ओर से पात्र प्रवासी मजदूरों और बेरोजगारों को ऋण की स्वीकृति तो मिल रही है, लेकिन पात्र व्यक्तियों को कई बार चक्कर लगाने के बाद भी बैंक उन्हें ऋण उपलब्ध नहीं करा रहा है. ऐसे में वित्तीय वर्ष समाप्त होने को है, लेकिन बहुत से बेरोजगारों ऐसे हैं, जिन्हें ऋण उपलब्ध ही नहीं हो पाया है.
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना अंतर्गत इस वित्तीय वर्ष में नैनीताल के उद्योग केंद्र की ओर से 250 लोगों को स्वरोजगार देने के लिए ऋण देने का लक्ष्य रखा गया है. जिसके सापेक्ष जिला उद्योग केंद्र ने 649 लोगों के साक्षात्कार के बाद आवेदन को अनुमोदित किया है, जिसके तहत अभी तक 155 लोगों को ही ऋण उपलब्ध हो पाया है, जो लक्ष्य के सापेक्ष से 95 फीसदी कम है. इतना ही नहीं, बैंकों की ओर से 200 आवेदन अस्वीकृत किए गए हैं. वहीं, जिला उद्योग के महाप्रबंधक विपिन कुमार का कहना है कि भारतीय स्टेट बैंक बेरोजगार युवाओं और प्रवासी मजदूरों को बैंक ऋण उपलब्ध कराने में सबसे पीछे है.
ये भी पढ़ें: संयुक्त किसान मोर्चा ने 6 फरवरी को देशभर में करेगा चक्का जाम
वहीं, बीस सूत्री कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति के उपाध्यक्ष शेर सिंह गड़िया का कहना है कि बैंकों से ऋण वितरण करने में लापरवाही बरती जा रही है. जिसको लेकर अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि जल्द आपसी सामंजस्य स्थापित कर लोगों को ऋण उपलब्ध कराने का लक्ष्य पूरा किया जाए.