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हरिद्वार में गंगा में अवैध खनन पर रोक जारी, HC ने राज्य और केंद्र सरकार को किया जवाब तलब - illegal mining case in ganga

हरिद्वार में गंगा में अवैध खनन मामले में हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए रोक को जारी रखा है. साथ ही हाईकोर्ट ने मामले में राज्य व केंद्र सरकार से चार हफ्ते में जवाब पेश करने को कहा है.

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हरिद्वार में गंगा में अवैध खनन पर रोक जारी
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Published : May 4, 2023, 5:20 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने हरिद्वार में रायवाला से भोगपुर के बीच गंगा नदी में अवैध खनन के खिलाफ मातृ सदन की जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की खण्डपीठ ने खनन पर लगी रोक को जारी रखते हुए राज्य सरकार व केंद्र सरकार से याचिकाकर्ता के प्रार्थनापत्र पर चार सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 14 जुलाई को होगी.

मामले के अनुसार हरिद्वार मातृ सदन ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि हरिद्वार में रायवाला से भोगपुर के बीच गंगा नदी में नियमों को ताक पर रखकर धड़ल्ले से अवैध खनन किया जा रहा है. जिससे गंगा नदी के अस्तित्व को खतरा पैदा हो गया है. गंगा नदी में खनन करने वाले नेशनल मिशन क्लीन गंगा को पलीता लगा रहे है. जनहित याचिका में कोर्ट से प्रार्थना की है कि गंगा नदी में हो रहे अवैध खनन पर रोक लगाई जाए, ताकि गंगा नदी के अस्तित्व को बचाया जा सके.

पढे़ं- प्रेमचंद अग्रवाल के मारपीट का एक और वीडियो आया सामने, साफ-साफ दिख रहा मंत्री जी का 'कारनामा'

अब खनन कुम्भ क्षेत्र में भी किया जा रहा है. याचिकाकर्ता का यह भी कहना है कि केंद्र सरकार ने गंगा नदी को बचाने के लिए एनएमसीजी बोर्ड गठित किया है. जिसका मुख्य उद्देश्य गंगा को साफ करना व उसके अस्तित्व को बचाए रखना है. एनएमसीजी द्वारा राज्य सरकार को बार बार आदेश दिए गए कि यहां खनन कार्य नहीं किया जाये. उसके बाद भी यहां खनन कार्य करवाया जा रहा है. यूएन ने भी भारत सरकार को निर्देश दिए थे कि गंगा को बचाने के लिए क्या क्या कदम उठाए जा रहे. उसके बाद भी सरकार द्वारा गंगा के अस्तित्व को समाप्त किया जा रहा है.

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने हरिद्वार में रायवाला से भोगपुर के बीच गंगा नदी में अवैध खनन के खिलाफ मातृ सदन की जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की खण्डपीठ ने खनन पर लगी रोक को जारी रखते हुए राज्य सरकार व केंद्र सरकार से याचिकाकर्ता के प्रार्थनापत्र पर चार सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 14 जुलाई को होगी.

मामले के अनुसार हरिद्वार मातृ सदन ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि हरिद्वार में रायवाला से भोगपुर के बीच गंगा नदी में नियमों को ताक पर रखकर धड़ल्ले से अवैध खनन किया जा रहा है. जिससे गंगा नदी के अस्तित्व को खतरा पैदा हो गया है. गंगा नदी में खनन करने वाले नेशनल मिशन क्लीन गंगा को पलीता लगा रहे है. जनहित याचिका में कोर्ट से प्रार्थना की है कि गंगा नदी में हो रहे अवैध खनन पर रोक लगाई जाए, ताकि गंगा नदी के अस्तित्व को बचाया जा सके.

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अब खनन कुम्भ क्षेत्र में भी किया जा रहा है. याचिकाकर्ता का यह भी कहना है कि केंद्र सरकार ने गंगा नदी को बचाने के लिए एनएमसीजी बोर्ड गठित किया है. जिसका मुख्य उद्देश्य गंगा को साफ करना व उसके अस्तित्व को बचाए रखना है. एनएमसीजी द्वारा राज्य सरकार को बार बार आदेश दिए गए कि यहां खनन कार्य नहीं किया जाये. उसके बाद भी यहां खनन कार्य करवाया जा रहा है. यूएन ने भी भारत सरकार को निर्देश दिए थे कि गंगा को बचाने के लिए क्या क्या कदम उठाए जा रहे. उसके बाद भी सरकार द्वारा गंगा के अस्तित्व को समाप्त किया जा रहा है.

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