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बाबा रामदेव बोले विश्व में होगा गुरुकुल शिक्षा पद्धति का समावेश, योग सिखाता है जीने की कला - योग सिखाता है जीने की कला

ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी में भारतीय शिक्षण मंडल गुरुकुल प्रकल्प की ओर से आयोजित दस दिवसीय संयोगी शिविर का समापन किया गया. कार्यक्रम का शुभारंभ योगगुरु बाबा रामदेव ने किया. उन्होंने कहा कि पूरे देश में ही नहीं पूरे विश्व में गुरुकुल शिक्षा पद्धति का समावेश होगा.

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Published : Aug 26, 2022, 12:33 PM IST

नैनीताल: ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी (Graphic Era Hill University Bhimtal) में भारतीय शिक्षण मंडल गुरुकुल प्रकल्प की ओर से आयोजित दस दिवसीय संयोगी शिविर का समापन हो गया. शिविर में बच्चों के साथ ही 21 प्रदेशों के लोगों ने प्रतिभाग किया. कार्यक्रम का शुभारंभ योग गुरु बाबा रामदेव (Yoga Guru Baba Ramdev) ने किया.

कार्यक्रम के दौरान योग गुरु रामदेव ने कहा कि मैं पहली बार भीमताल आया हूं. यहां धरती का स्वर्ग है. उन्होंने अपने जीवन से जुड़ी कई स्मृतियों को याद किया. उन्होंने कहा कि उनकी शिक्षा आचार्य बलदेव के सानिध्य में हुई है. गुरुकुल में पढ़ते हुए 10 हजार मंत्र याद किए. उन्होंने कुछ मंत्र यूनिवर्सिटी के छात्रों को हर दिन पढ़ाने के लिए कहा. इस दौरान उन्होंने छात्रों से शंकराचार्य जैसे गुरुओं को अपना आइकॉन बनाने को कहा. कार्यक्रम के दौरान आचार्य ज्ञानेंद्र ने गुरुकुल की महत्ता पर प्रकाश डाला.
पढ़ें-पतंजलि योगपीठ को मिली भारतीय शिक्षा बोर्ड की कमान, बाबा रामदेव ने PM मोदी का जताया आभार

इस दौरान बच्चों द्वारा सूर्य नमस्कार, कथक, प्रगट योग, भरतनाट्यम की प्रस्तुति दी गई. शिविर में 12 से 15 वर्ष के 21 प्रदेशों से 69 बच्चों ने प्रतिभाग किया. वहीं बाबा रामदेव ने कहा कि योग केवल शारीरिक व्यायाम ही नहीं है, बल्कि यह आपको जीवन जीने की कला सिखाता है. गुरुकुल शिक्षा पद्धति का प्रभाव ही है कि वह आज योग के साथ-साथ 40 हजार करोड़ टर्न ओवर की कंपनी चलाते हुए परमार्थ के कार्य में लगे हुये हैं. उन्होंने कहा कि पूरे देश में ही नहीं पूरे विश्व में गुरुकुल शिक्षा पद्धति का समावेश होगा.

नैनीताल: ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी (Graphic Era Hill University Bhimtal) में भारतीय शिक्षण मंडल गुरुकुल प्रकल्प की ओर से आयोजित दस दिवसीय संयोगी शिविर का समापन हो गया. शिविर में बच्चों के साथ ही 21 प्रदेशों के लोगों ने प्रतिभाग किया. कार्यक्रम का शुभारंभ योग गुरु बाबा रामदेव (Yoga Guru Baba Ramdev) ने किया.

कार्यक्रम के दौरान योग गुरु रामदेव ने कहा कि मैं पहली बार भीमताल आया हूं. यहां धरती का स्वर्ग है. उन्होंने अपने जीवन से जुड़ी कई स्मृतियों को याद किया. उन्होंने कहा कि उनकी शिक्षा आचार्य बलदेव के सानिध्य में हुई है. गुरुकुल में पढ़ते हुए 10 हजार मंत्र याद किए. उन्होंने कुछ मंत्र यूनिवर्सिटी के छात्रों को हर दिन पढ़ाने के लिए कहा. इस दौरान उन्होंने छात्रों से शंकराचार्य जैसे गुरुओं को अपना आइकॉन बनाने को कहा. कार्यक्रम के दौरान आचार्य ज्ञानेंद्र ने गुरुकुल की महत्ता पर प्रकाश डाला.
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इस दौरान बच्चों द्वारा सूर्य नमस्कार, कथक, प्रगट योग, भरतनाट्यम की प्रस्तुति दी गई. शिविर में 12 से 15 वर्ष के 21 प्रदेशों से 69 बच्चों ने प्रतिभाग किया. वहीं बाबा रामदेव ने कहा कि योग केवल शारीरिक व्यायाम ही नहीं है, बल्कि यह आपको जीवन जीने की कला सिखाता है. गुरुकुल शिक्षा पद्धति का प्रभाव ही है कि वह आज योग के साथ-साथ 40 हजार करोड़ टर्न ओवर की कंपनी चलाते हुए परमार्थ के कार्य में लगे हुये हैं. उन्होंने कहा कि पूरे देश में ही नहीं पूरे विश्व में गुरुकुल शिक्षा पद्धति का समावेश होगा.

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