रामनगर: पीपीपी मोड पर गए रामदत्त संयुक्त चिकित्सालय के चिकित्सकों, कर्मचारियों द्वारा आशाओं के साथ दुर्व्यवहार किया गया. जिसके बाद इस मामले ने तूल पकड़ लिया है. आज आशाओं ने अस्पताल के बाहर प्रबंधक व अस्पताल कर्मचारियों के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया.
इस दौरान आशा संगठन ब्लॉक अध्यक्ष रजनी भट्ट ने बताया बीते दिनों हमारी एक आशा पूनम तिवारी अपनी 3 गर्भवती महिलाओं को ओपीडी में डॉक्टर एनालिज को दिखाने लेकर गई. वहां हमारी पेशेंट गर्भवती के साथ डॉक्टर ने गलत व्यवहार किया. हमारी आशा पूनम से कहा गया कि आप बाहर जाओ. जब आशा ने डॉक्टर एनालिज से कहा मैडम मुझे आपसे कुछ पूछना है. मैडम ने कहा आप बाहर जाओ आशा की बात बिल्कुल नहीं सुनी.
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फिर जब हमारी आशा मैडम का वीडियो बनाने की कोशिश कर रही थी तो मैडम ने आशा से कहा आप कुछ भी कर लो मुझे फर्क नहीं पड़ता. आशाओं ने कहा हमने सीएमएस को भी इस बारे में अवगत कराया है. उन्हें लिखित शिकायत भी दी, लेकिन फिर भी कोई असर देखने को नहीं मिला.
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रजनी भट्ट ने बताया कि उसी रात को उसी गर्भवती महिला को 8 बजे हॉस्पिटल लेकर हमारी आशा पूनम आई, तो रात 1:15 में डॉक्टरों व स्टाफ के द्वारा उस महिला को रेफर कर दिया गया. जहां से हमारी आशा उसे 108 से काशीपुर के एलडी भट्ट अस्पताल लेकर गई. वहां रात 2 बजकर 5 मिनट पर उसका सुरक्षित प्रसव हुआ.
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आशा वर्कर ने कहा महिला चिकित्सक के व्यवहार को देखते हुए मेरी दूसरी गर्भवती महिलाएं यहां आने को तैयार नहीं हैं. आशा कार्यकर्ताओं ने आज अस्पताल के बाहर प्रबंधक व डॉक्टर के स्टाफ कर्मचारियों के खिलाफ नारेबाजी करते हुए आशाओं के साथ सही व्यवहार करने की चेतावनी दी.
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ब्लॉक अध्यक्ष रजनी भट्ट ने कहा डॉक्टरों के पास आकर आधा रोग वैसे ही सही हो जाता है, लेकिन पीपीपी मोड पर गए अस्पताल के कर्मचारियों व डॉक्टरों के व्यवहार से लोग यहां से बीमार व चिड़चिड़े होकर जा रहे हैं. उन्होंने कहा अगर ऐसा ही रहा तो वे अनिश्चितकालीन धरना करेंगे.