हल्द्वानी: उत्तराखंड में लगातार महिला अपराध की घटनाओं में इजाफा देखने को मिल रहा है. सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत मिली जानकारी के अनुसार राज्य बनने से वर्ष 2019 तक साल दर साल दुष्कर्म की घटनाएं काफी बढ़ गई है. जानकारी के अनुसार पिछले 19 सालों में प्रदेश में 3956 महिलाओं के साथ दुष्कर्म की घटना के मामले दर्ज किए गए हैं, जबकि 19 महिलाओं पर एसिड अटैक की घटना सामने आई हैं.
ये भी पढ़ें: उत्तराखंडः राजभवन ने मंजूर किया 4063 करोड़ का अनुपूरक बजट
हल्द्वानी निवासी हेमंत गोनिया ने पुलिस उपमहानिरीक्षक कार्यालय से सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत मांगी गई जानकारी में बताया गया है कि राज्य बनने से वर्ष 2019 तक 3956 महिलाओं के साथ दुष्कर्म की घटना का मामला अलग-अलग थानों में पुलिस ने दर्ज किया है. जबकि दुष्कर्म पीड़िता को आर्थिक सहायता के तौर पर सरकार द्वारा 4 करोड़ 81 लाख 80 हजार रुपए खर्च किए गए हैं.
19 सालों में दुष्कर्म के आंकड़ें
यह नहीं, आरटीआई से मिली जानकारी मुताबिक वर्ष 2015 से 2020 तक 19 एसिड अटैक के मामलों में मुकदमा पंजीकृत किया गया है, जिसके तहत एसिड अटैक पीड़ितों को 17 लाख 90 हजार रुपए की आर्थिक सहायता के तौर पर मदद की गई है.
आरटीआई कार्यकर्ता हेमंत गोनिया का कहना है कि देवभूमि उत्तराखंड के शांत वादियों में अपराध का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है. हर साल दुष्कर्म की घटनाओं में इजाफा हो रहा है, लेकिन सरकार द्वारा दुष्कर्म की घटनाओं को रोकने के लिए कोई ठोस कानून नहीं लागू किया जा रहा है. जिसका नतीजा है कि लगातार दुष्कर्म की घटनाओं में इजाफा हो रहा है. ऐसे में सरकार को चाहिए कि दुष्कर्म और एसिड अटैक की घटनाओं में पीड़िता को तुरंत न्याय दिलाते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएं.