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असामाजिक तत्वों ने खंडित कर दी शहीद उधम सिंह की प्रतिमा, जयंती पर भी प्रशासन ने नहीं ली सुध

जलियांवाला बाग नरसंहार को अंजाम देने वाले जनरल डायर को गोली मारने वाले उधम सिंह की जयंती मनाई गई, लेकिन किसी ने उनकी खंडित प्रतिमा पर ध्यान नहीं दिया.

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Published : Dec 26, 2019, 8:56 PM IST

Updated : Dec 26, 2019, 10:39 PM IST

कालाढूंगी: स्वतंत्रता संग्राम के महान सेनानी एवं क्रांतिकारी उधम सिंह की आज यानि गुरुवार को जयंती है. बात करें कालाढूंगी की तो उधम सिंह पार्क में शहीद की जयंती मनाई गई, लेकिन शहीद उधम सिंह की खंडित प्रतिमा को देखने वाला कोई नहीं. खंडित मूर्ति को देखकर उधम सिंह की शहादत का उपहास बनते देखा जा सकता है.

धूमधाम से मनाई गई शहीद उधम सिंह की जयंती.

बता दें, उधम सिंह का जन्म 26 दिसम्बर 1899 को पंजाब के संगरूर जिले के सुनाम गांव में हुआ था. उधम सिंह ने जलियांवाला बाग नरसंहार को अंजाम देने वाले जनरल डायर को लंदन जाकर गोली मारी थी. अदम्य साहस और दृढ़ संकल्प के लिए आज पूरी दुनिया शहीद उधम सिंह को याद करती है.

कई इतिहासकारों का मानना है कि यह हत्याकांड डायर व अन्य ब्रिटिश अधिकारियों का एक सुनियोजित षड्यंत्र था, जो पंजाब पर नियंत्रण बनाए रखने के लिए पंजाबियों को डराने के उद्देश्य से किया गया था. यही नहीं ब्रिटिश साम्राज्य बाद में भी जनरल डायर के समर्थन से पीछे नहीं हटा था.

पढे़ं- पौड़ी में नौ सूत्रीय मांगों को लेकर भोजन माताओं ने किया धरना प्रदर्शन

शहीद उधम सिंह के इस साहसिक कार्य के लिए उत्तराखंड के एक जिले का नाम भी इनके नाम पर उधम सिंह नगर रखा गया है. कंबोज महासभा के अध्यक्ष अर्णव कंबोज ने बताया कि कालाढूंगी में शहीद उधम सिंह की जयंती पर उन्हें याद किया गया. साथ ही उन्होंने बताया कि असामाजिक तत्वों द्वार शहीद उधम सिंह की प्रतिमा को बार-बार खंडित किया जाता है. जिस पर प्रशासन मौन है.

कालाढूंगी: स्वतंत्रता संग्राम के महान सेनानी एवं क्रांतिकारी उधम सिंह की आज यानि गुरुवार को जयंती है. बात करें कालाढूंगी की तो उधम सिंह पार्क में शहीद की जयंती मनाई गई, लेकिन शहीद उधम सिंह की खंडित प्रतिमा को देखने वाला कोई नहीं. खंडित मूर्ति को देखकर उधम सिंह की शहादत का उपहास बनते देखा जा सकता है.

धूमधाम से मनाई गई शहीद उधम सिंह की जयंती.

बता दें, उधम सिंह का जन्म 26 दिसम्बर 1899 को पंजाब के संगरूर जिले के सुनाम गांव में हुआ था. उधम सिंह ने जलियांवाला बाग नरसंहार को अंजाम देने वाले जनरल डायर को लंदन जाकर गोली मारी थी. अदम्य साहस और दृढ़ संकल्प के लिए आज पूरी दुनिया शहीद उधम सिंह को याद करती है.

कई इतिहासकारों का मानना है कि यह हत्याकांड डायर व अन्य ब्रिटिश अधिकारियों का एक सुनियोजित षड्यंत्र था, जो पंजाब पर नियंत्रण बनाए रखने के लिए पंजाबियों को डराने के उद्देश्य से किया गया था. यही नहीं ब्रिटिश साम्राज्य बाद में भी जनरल डायर के समर्थन से पीछे नहीं हटा था.

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शहीद उधम सिंह के इस साहसिक कार्य के लिए उत्तराखंड के एक जिले का नाम भी इनके नाम पर उधम सिंह नगर रखा गया है. कंबोज महासभा के अध्यक्ष अर्णव कंबोज ने बताया कि कालाढूंगी में शहीद उधम सिंह की जयंती पर उन्हें याद किया गया. साथ ही उन्होंने बताया कि असामाजिक तत्वों द्वार शहीद उधम सिंह की प्रतिमा को बार-बार खंडित किया जाता है. जिस पर प्रशासन मौन है.

Intro:भारतीय स्वाधिनता संग्राम के वीर योद्धा, महान देशप्रेमी, जलियावाला बाग नरसंहार का प्रतिशोध लंदन जाकर माइकल ओडायर को मारने वाले अदम्य साहस और दृढ़ संकल्प के लिए आज पूरी दुनिया सहीद उद्यम सिंह को उनके इस बलिदान को याद करती है। बात करे कालाढुंगी की तो उधम सिंह पार्क मैं धूमधाम से उधम सिंह जयंती मनाई गई, लेकिन सहीद उधम सिंह की टूटी प्रतिमा को देखने वाला कोई नहीं, खंडित मूर्ति को देखकर उधम सिंह की सहादत का उपहास बनते देखा जा सकता है।Body:सरदार उधम सिंह (26 दिसम्बर 1899 -- 31 जुलाई 1940) भारत के स्वतन्त्रता संग्राम के महान सेनानी एवं क्रान्तिकारी थे। उन्होंने जलियांवाला बाग कांड के समय पंजाब के गर्वनर जनरल रहे माइकल ओ' ड्वायर  को लन्दन में जाकर गोली मारी। कई इतिहासकारों का मानना है कि यह हत्याकाण्ड ओ' ड्वायर व अन्य ब्रिटिश अधिकारियों का एक सुनियोजित षड्यंत्र था, जो पंजाब पर नियंत्रण बनाए रखने के लिए पंजाबियों को डराने के उद्देश्य से किया गया था। यही नहीं, ओ' ड्वायर बाद में भी जनरल डायर के समर्थन से पीछे नहीं हटा था।
मिलते जुलते नाम के कारण यह एक आम धारणा है कि उधम सिंह ने जालियाँवाला बाग हत्याकांड के उत्तरदायी जनरल डायर (पूरा नाम - रेजिनाल्ड एडवार्ड हैरी डायर) को मारा था।
शहीद उद्यम सिंह के इस साहसिक कार्य के लिए
राज्य उत्तराखण्ड के एक ज़िले का नाम भी इनके नाम पर उधम सिंह नगर रखा गया है।Conclusion:कंबोज महासभा के अध्यक्ष अर्णव कंबोज ने बताया कि कालाढुंगी मैं सहीद उधम सिंह की जयंती धूमधाम से मनाई गई, और साथ ही उन्होंने बताया कि असामाजिक तत्वों द्वारा बार बार सहीद उधम सिंह की प्रतिमा को खंडित किया जाता है जिस ओर प्रशासन की अनदेखी रहती है।
Last Updated : Dec 26, 2019, 10:39 PM IST
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