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अमलतास की फलियां पेट के रोग के लिए गुणकारी, जानिए कैसे - Amaltas is full of medicinal properties

अमलतास के पेड़ की फलियां कई रोगों में गुणकारी हैं. अगर पेट की बीमारियां हैं तो अमलतास की फलियों का इस्तेमाल करके पेट की बीमारियों को दूर किया जा सकता है. 80 दशक तक लोग पेट दर्द एवं कब्ज में दवाइयों का स्तेमाल नहीं करते थे, अमलतास की फलियों का सेवन कर पेट की बीमारियों को दूर करते थे.

amaltas Ayurvedic medicine
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Published : Jan 10, 2021, 11:00 PM IST

Updated : Jan 11, 2021, 3:28 PM IST

रामनगरः आज आपको एक ऐसे पेड़ के बारे में बता रहे हैं, जिसकी फलियां कई रोगों में उपयोगी होती हैं. जैसे कब्ज, बार-बार बुखार आना और भोजन में अरुचि की समस्या होना, इन सब बीमारियों को दूर करता है अमलतास की फलियां. अमलतास की फलियां को कूटकर गर्म पानी के साथ सेवन करने से पेट की कई बीमारियां दूर हो जाती हैं.

अमलतास की फलियां पेट के रोग के लिए गुणकारी.

आपको बता दें कि अमलतास वृक्ष पहाड़ियों पर अपने मालाकार सुवर्ण फूलों से शोभा बढ़ाते हैं. साथ ही मैदानी इलाकों में भी इसके कई पेड़ हैं. रामनगर के कोसी बैराज में भी यह पेड़ शोभा बढ़ा रहे हैं. वहीं कल्पतरु वृक्ष मित्र के विशेषज्ञ अतुल मेहरोत्रा द्वारा इसके पौधों को 12 वर्ष पूर्व रामनगर के कोसी बैराज के पार्क पर लगाया गया था, जो आज वृक्ष का रूप ले रहे हैं. मार्च-अप्रैल में वृक्षों की पत्तियां झड़ जाती हैं. इसके बाद नई पत्तियां और पीले रंग के फूल निकलते हैं, उसके बाद फली लगती हैं. फली लंबी गोल और नुकीली होती है और वृक्ष पर लटकती रहती है.

वहीं इस विषय में कल्पतरु वृक्ष मित्र के विशेषज्ञ अतुल मेहरोत्रा बताते हैं कि इसकी फली के लंबे टुकड़े इकट्टा कर इन्हें गरम पानी में भिगो दें, फिर इसे आधा लीटर पानी में उबाल लें और छानकर पी लें. इससे कब्ज और पेट की तकलीफ दूर होती है. साथ ही जिन लोगों को भूख नहीं लगती, वह भी इसकी फलियां लगातार गुनगुने पानी में सेवन करके अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ ही भूख भी बढ़ा सकते हैं.

ये भी पढ़ेंः देहरादून के भंडारी बाग में मृत मिले 121 कौए, मचा हड़कंप

कल्पतरु वृक्ष मित्र के विशेषज्ञ कहते हैं कि आयुर्वेद के अनुसार अमलतास के इस्तेमाल से बुखार, पेट की बीमारियां त्वचा रोग, खांसी, टीवी और हृदय रोग आदि में भी लाभ लिया जा सकता है. इसके साथ ही इसकी फली को गर्म पानी में पीने से छोटे बच्चों को गैस वगैरह बन जाती है, उनको फली को कूटकर गुनगुने पानी में भिगोकर, छानकर के एक चम्मच देने से गैस की समस्या भी दूर की जा सकती है.

वहीं रामनगर की 90 वर्षीय वृद्ध लोकेश्वरी देवी बताती हैं कि पहले पेट की कई बीमारियों में हम अमलतास की फली का ही उपयोग करके पेट की बीमारियों को खत्म कर दिया करते थे, लेकिन आज इंसान अंग्रेजी दवाओं का साहरा लेने लगा है, जिससे और भी कई बीमारियां हो रही हैं.

रामनगरः आज आपको एक ऐसे पेड़ के बारे में बता रहे हैं, जिसकी फलियां कई रोगों में उपयोगी होती हैं. जैसे कब्ज, बार-बार बुखार आना और भोजन में अरुचि की समस्या होना, इन सब बीमारियों को दूर करता है अमलतास की फलियां. अमलतास की फलियां को कूटकर गर्म पानी के साथ सेवन करने से पेट की कई बीमारियां दूर हो जाती हैं.

अमलतास की फलियां पेट के रोग के लिए गुणकारी.

आपको बता दें कि अमलतास वृक्ष पहाड़ियों पर अपने मालाकार सुवर्ण फूलों से शोभा बढ़ाते हैं. साथ ही मैदानी इलाकों में भी इसके कई पेड़ हैं. रामनगर के कोसी बैराज में भी यह पेड़ शोभा बढ़ा रहे हैं. वहीं कल्पतरु वृक्ष मित्र के विशेषज्ञ अतुल मेहरोत्रा द्वारा इसके पौधों को 12 वर्ष पूर्व रामनगर के कोसी बैराज के पार्क पर लगाया गया था, जो आज वृक्ष का रूप ले रहे हैं. मार्च-अप्रैल में वृक्षों की पत्तियां झड़ जाती हैं. इसके बाद नई पत्तियां और पीले रंग के फूल निकलते हैं, उसके बाद फली लगती हैं. फली लंबी गोल और नुकीली होती है और वृक्ष पर लटकती रहती है.

वहीं इस विषय में कल्पतरु वृक्ष मित्र के विशेषज्ञ अतुल मेहरोत्रा बताते हैं कि इसकी फली के लंबे टुकड़े इकट्टा कर इन्हें गरम पानी में भिगो दें, फिर इसे आधा लीटर पानी में उबाल लें और छानकर पी लें. इससे कब्ज और पेट की तकलीफ दूर होती है. साथ ही जिन लोगों को भूख नहीं लगती, वह भी इसकी फलियां लगातार गुनगुने पानी में सेवन करके अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ ही भूख भी बढ़ा सकते हैं.

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कल्पतरु वृक्ष मित्र के विशेषज्ञ कहते हैं कि आयुर्वेद के अनुसार अमलतास के इस्तेमाल से बुखार, पेट की बीमारियां त्वचा रोग, खांसी, टीवी और हृदय रोग आदि में भी लाभ लिया जा सकता है. इसके साथ ही इसकी फली को गर्म पानी में पीने से छोटे बच्चों को गैस वगैरह बन जाती है, उनको फली को कूटकर गुनगुने पानी में भिगोकर, छानकर के एक चम्मच देने से गैस की समस्या भी दूर की जा सकती है.

वहीं रामनगर की 90 वर्षीय वृद्ध लोकेश्वरी देवी बताती हैं कि पहले पेट की कई बीमारियों में हम अमलतास की फली का ही उपयोग करके पेट की बीमारियों को खत्म कर दिया करते थे, लेकिन आज इंसान अंग्रेजी दवाओं का साहरा लेने लगा है, जिससे और भी कई बीमारियां हो रही हैं.

Last Updated : Jan 11, 2021, 3:28 PM IST
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