कालाढूंगी: राजकीय महाविद्यालय कोटाबाग में आरटीआई के जरिए वित्तीय अनियमितता का मामला सामने आया है. छात्रों ने महाविद्यालय प्रशासन पर अनिमितताओं का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगने पर महाविद्यालय प्रशासन द्वारा तीन बार अलग-अलग जानकारियां दी गई हैं. वहीं, उच्च शिक्षा मंत्री ने जांच कमेटी द्वारा जांच करवाने का आश्वासन दिया है.
राजकीय महाविद्यालय के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष रजत बधानी ने कॉलेज प्रशासन पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. जिसको लेकर उच्च शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत को ज्ञापन भी सौंपा गया. बधानी ने कहा कि मेरे द्वारा मांगी एक ही जानकारी का ब्यौरा, अलग अलग आरटीआई में अलग अलग दिया गया है.
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रजत बधानी ने बताया कि शैक्षणिक सत्र 2016-17, 2017-18 और 2018-19 में क्रीड़ा मद में व्यय के 3 अलग-अलग ब्यौरे दिए गए हैं. जिससे पता चलता है कि कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए महाविद्यालय में वित्तीय प्रपत्रों से छेड़छाड़ की जा रही है और सूचनाओं को बदला जा रहा है. रजत बधानी ने बताया कि शैक्षणिक सत्र 2018-19 के वार्षिक क्रीड़ा प्रतियोगिता के व्यय में 2 अलग-अलग ब्यौरे दिए गए हैं. जो सूचना के अधिकार का खुला उल्लंघन है. यह सभी आरोप महाविद्यालय के क्रिडा प्रभारी डॉ. दिनेश व्यास पर लगाये गए हैं.
उन्होंने कहा कि आरटीआई में खुलासा हुआ है कि क्रिडा प्रभारी ने अपनी नियुक्ति के समय महाविद्यालय से 4 दिन का अतिरिक्त वेतन लिया था. जो शासकीय वित्तीय नियमावली के खिलाफ है. लेकिन तत्कालीन प्राचार्य डॉ. करुणा खुन्नु ने कठोर कार्रवाई करना तो दूर मामले की सूचना उच्च शिक्षा निदेशालय को तक नहीं दी.
वहीं, उच्च शिक्षामंत्री धन सिंह रावत ने बताया कि छात्रों ने उन्हें मामले पर ज्ञापन सौंपा है. उन्होंने कहा कि उनके कार्यकाल में पहले भी 7 प्रोफेसर सस्पेंड हो चुके हैं. इस मामले में जल्द ही एक जांच कमेटी बैठाई जाएगी. उन्होंने कहा कि लगभग एक हफ्ते में जांच टीम यहां पहुंच जाएगी. जांच के बाद जो भी दोषी पाया जाता है, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.