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पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष ने कॉलेज प्रशासन पर लगाए आरोप, धन सिंह रावत ने दिया जांच का आश्वासन - धन सिंह रावत

राजकीय महाविद्यालय के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष रजत बधानी ने RTI को आधार बनाकर कॉलेज प्रशासन पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. आरोप है कि कॉलेज प्रशासन द्वारा शैक्षणिक सत्र 2016-17, 2017-18 और 2018-19 में क्रीड़ा मद में व्यय के 3 अलग-अलग ब्यौरे दिए गए हैं.

पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष ने कॉलेज प्रशासन पर लगाए आरोप
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Published : Jul 18, 2019, 5:59 PM IST

कालाढूंगी: राजकीय महाविद्यालय कोटाबाग में आरटीआई के जरिए वित्तीय अनियमितता का मामला सामने आया है. छात्रों ने महाविद्यालय प्रशासन पर अनिमितताओं का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगने पर महाविद्यालय प्रशासन द्वारा तीन बार अलग-अलग जानकारियां दी गई हैं. वहीं, उच्च शिक्षा मंत्री ने जांच कमेटी द्वारा जांच करवाने का आश्वासन दिया है.

पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष ने कॉलेज प्रशासन पर लगाए आरोप

राजकीय महाविद्यालय के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष रजत बधानी ने कॉलेज प्रशासन पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. जिसको लेकर उच्च शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत को ज्ञापन भी सौंपा गया. बधानी ने कहा कि मेरे द्वारा मांगी एक ही जानकारी का ब्यौरा, अलग अलग आरटीआई में अलग अलग दिया गया है.

पढ़ें- 4 महीने से दिव्यांग बेटे की तलाश के लिए भटक रहे परिजन, एसएसपी से लगाई मदद की गुहार

रजत बधानी ने बताया कि शैक्षणिक सत्र 2016-17, 2017-18 और 2018-19 में क्रीड़ा मद में व्यय के 3 अलग-अलग ब्यौरे दिए गए हैं. जिससे पता चलता है कि कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए महाविद्यालय में वित्तीय प्रपत्रों से छेड़छाड़ की जा रही है और सूचनाओं को बदला जा रहा है. रजत बधानी ने बताया कि शैक्षणिक सत्र 2018-19 के वार्षिक क्रीड़ा प्रतियोगिता के व्यय में 2 अलग-अलग ब्यौरे दिए गए हैं. जो सूचना के अधिकार का खुला उल्लंघन है. यह सभी आरोप महाविद्यालय के क्रिडा प्रभारी डॉ. दिनेश व्यास पर लगाये गए हैं.

उन्होंने कहा कि आरटीआई में खुलासा हुआ है कि क्रिडा प्रभारी ने अपनी नियुक्ति के समय महाविद्यालय से 4 दिन का अतिरिक्त वेतन लिया था. जो शासकीय वित्तीय नियमावली के खिलाफ है. लेकिन तत्कालीन प्राचार्य डॉ. करुणा खुन्नु ने कठोर कार्रवाई करना तो दूर मामले की सूचना उच्च शिक्षा निदेशालय को तक नहीं दी.

वहीं, उच्च शिक्षामंत्री धन सिंह रावत ने बताया कि छात्रों ने उन्हें मामले पर ज्ञापन सौंपा है. उन्होंने कहा कि उनके कार्यकाल में पहले भी 7 प्रोफेसर सस्पेंड हो चुके हैं. इस मामले में जल्द ही एक जांच कमेटी बैठाई जाएगी. उन्होंने कहा कि लगभग एक हफ्ते में जांच टीम यहां पहुंच जाएगी. जांच के बाद जो भी दोषी पाया जाता है, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

कालाढूंगी: राजकीय महाविद्यालय कोटाबाग में आरटीआई के जरिए वित्तीय अनियमितता का मामला सामने आया है. छात्रों ने महाविद्यालय प्रशासन पर अनिमितताओं का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगने पर महाविद्यालय प्रशासन द्वारा तीन बार अलग-अलग जानकारियां दी गई हैं. वहीं, उच्च शिक्षा मंत्री ने जांच कमेटी द्वारा जांच करवाने का आश्वासन दिया है.

पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष ने कॉलेज प्रशासन पर लगाए आरोप

राजकीय महाविद्यालय के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष रजत बधानी ने कॉलेज प्रशासन पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. जिसको लेकर उच्च शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत को ज्ञापन भी सौंपा गया. बधानी ने कहा कि मेरे द्वारा मांगी एक ही जानकारी का ब्यौरा, अलग अलग आरटीआई में अलग अलग दिया गया है.

पढ़ें- 4 महीने से दिव्यांग बेटे की तलाश के लिए भटक रहे परिजन, एसएसपी से लगाई मदद की गुहार

रजत बधानी ने बताया कि शैक्षणिक सत्र 2016-17, 2017-18 और 2018-19 में क्रीड़ा मद में व्यय के 3 अलग-अलग ब्यौरे दिए गए हैं. जिससे पता चलता है कि कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए महाविद्यालय में वित्तीय प्रपत्रों से छेड़छाड़ की जा रही है और सूचनाओं को बदला जा रहा है. रजत बधानी ने बताया कि शैक्षणिक सत्र 2018-19 के वार्षिक क्रीड़ा प्रतियोगिता के व्यय में 2 अलग-अलग ब्यौरे दिए गए हैं. जो सूचना के अधिकार का खुला उल्लंघन है. यह सभी आरोप महाविद्यालय के क्रिडा प्रभारी डॉ. दिनेश व्यास पर लगाये गए हैं.

उन्होंने कहा कि आरटीआई में खुलासा हुआ है कि क्रिडा प्रभारी ने अपनी नियुक्ति के समय महाविद्यालय से 4 दिन का अतिरिक्त वेतन लिया था. जो शासकीय वित्तीय नियमावली के खिलाफ है. लेकिन तत्कालीन प्राचार्य डॉ. करुणा खुन्नु ने कठोर कार्रवाई करना तो दूर मामले की सूचना उच्च शिक्षा निदेशालय को तक नहीं दी.

वहीं, उच्च शिक्षामंत्री धन सिंह रावत ने बताया कि छात्रों ने उन्हें मामले पर ज्ञापन सौंपा है. उन्होंने कहा कि उनके कार्यकाल में पहले भी 7 प्रोफेसर सस्पेंड हो चुके हैं. इस मामले में जल्द ही एक जांच कमेटी बैठाई जाएगी. उन्होंने कहा कि लगभग एक हफ्ते में जांच टीम यहां पहुंच जाएगी. जांच के बाद जो भी दोषी पाया जाता है, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

Intro:राजकीय महाविद्यालय कोटाबाग में वित्तीय अनियमितता के एक बहुत बङे मामले का आर0 टी0 आई0 से खुलासा हुआ है। छात्रों महाविद्यालय प्रशासन पर अनिमितताओं का आरोप लगाते हुए सूचना का अधिकार मंगा था जिसमे तीन बार महाविद्यालय प्रसासन द्वारा अलग अलग जानकारी दी गई।Body:कोटबाग़ के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष रज़त बधानी ने आज कॉलेज के लोकार्पण करने पहुंचे उच्चशिक्षामंत्री डॉ-धन सिंह रावत से इसकी शिकायत की।बधानी ने कहा कि मेरे द्वारा लगाई गई आरटीआई में, एक ही जानकारी का ब्यौरा, अलग अलग आरटीआई में, अलग अलग दिया गया है।

बधानी ने बताया कि उन्हें मुख्यतः 3 मुद्दों पर अति गंभीर वित्तीय अनियमितता मिली है।
सबसे पहले शैक्षणिक सत्र 2016-17, 2017-18 और 2018-19 में क्रिडा मद में व्यय के 3 अलग-अलग ब्यौरे दिए गए हैं। जो साफ तौर पर दर्शाता है कि कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए, महाविद्यालय में वित्तीय प्रपत्रों से छेङछाङ की जा रही है और सूचनाओं को बदला जा रहा है।

शैक्षणिक सत्र 2018-19 के वार्षिक क्रिडा प्रतियोगिता के व्यय के 2 अलग-अलग ब्यौरे दिए गए हैं। जो सूचना के अधिकार का खुला उल्लंघंन है।

ये सारे आरोप महाविद्यालय के क्रिडा प्रभारी डाॅ0 दिनेश व्यास पर हैं। बधानी ने शिक्षामंत्री से कहा कि क्रीडा प्रभारी व्यास के लिए वित्तीय अनियमितता कोई नई बात नही है,आरटीआई से एक और बङा खुलासा हुआ है कि उक्त क्रिडा प्रभारी ने अपनी नियुक्ति के समय भी, महाविद्यालय से 4 दिन के अतिरिक्त वेतन का भी आहरण कर लिया, जो शासकीय वित्तीय नियमावली के विरूद्ध आचरण है। लेकिन तत्कालीन प्राचार्य डाॅ0 करूणा खुन्नु ने कठोर कार्रवाई करना तो दूर रहा, मामले की कोई भी सूचना उच्च शिक्षा निदेशालय को नहीं दी। इस पूरे मामले में तत्कालीन प्राचार्य डाॅ0 करूणा खुन्नु की भूमिका भी पूर्णतः संदिग्ध है।Conclusion:उच्चशिक्षामंत्री धन सिंह रावत मीडिया से बात करते हुए कहा कि छात्रों ने मुझे जो ज्ञापन दिया है,मुझे अच्छा लगता है जब छात्र छात्रएं ऐसे मामलों को उजागर करते है,रावत ने कहा कि मेरे शासनकाल में पहले भी 7 प्रोफेसर शस्पेंड हो चुके है,में इस मामले में तुरंत एक जांच टीम बैठा रहा हूं और लगभग हफ्ते में जांच टीम यहां पहुंच जाएगी।और अगर क्रीड़ा प्रभारी दोषी पाए जाते है तो सख्त कारवाई की जाएगी।
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