हल्द्वानी: नैनीताल सांसद अजय भट्ट लोकसभा में अपने संसदीय क्षेत्र और प्रदेश के मुद्दों को हमेशा से उठाते आए हैं. इसी को देखते हुए 2020 में भी वो फेम इंडिया द्वारा सर्वश्रेष्ठ सांसद चुने गए थे. सदन में लगातार एक्टिव रहने वाले अजय भट्ट फिर से फेम इंडिया मैगजीन-2021 में विलक्षण कैटेगरी में सर्वश्रेष्ठ सांसद चुने गए हैं.
फेम इंडिया मैगजीन द्वारा देशभर के 542 सांसदों के बीच सर्वे के बाद अलग-अलग कैटेगरी में सांसदों को चुना गया है. सांसद अजय भट्ट 2020 में भी क्षमतावान और प्रतिभावान कैटेगरी में देश में सर्वश्रेष्ठ सांसद चुने गए थे. इस साल अजय भट्ट को विलक्षण कैटेगरी में सर्वश्रेष्ठ सांसद चुना गया है. अजय भट्ट के सांसद प्रतिनिधि लक्ष्मण खाती ने ये जानकारी दी है.
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गौरतलब है कि फेम इंडिया द्वारा इस सर्वे में सांसद का जनता से जुड़ाव, छवि, प्रभाव, पहचान, कार्यशैली, सदन में उपस्थिति, बहस का हिस्सा, प्राइवेट बिल, सदन में प्रश्न, सांसद निधि का सही उपयोग और सामाजिक सहभागिता को मुख्य मापदंड बनाया जाता है. इन सभी मानकों पर अजय भट्ट खरे उतरे. इस कारण उन्हें फेम इंडिया में विलक्षण कैटेगरी का बेस्ट सांसद चुना गया.
अजय भट्ट के बारे में जानिए
1996 में अजय भट्ट पहली बार रानीखेत से विधायक चुने गए. तब उत्तराखंड यूपी में ही था और राज्य आंदोलन चरम पर था. 9 नवंबर 2000 में उत्तराखंड बना और 2002 में पहला विधानसभा चुनाव हुआ तो अजय भट्ट फिर विधायक बने. 2012 में अजय भट्ट फिर रानीखेत से विधायक बने. 2017 में जब ये चर्चा थी कि बीजेपी चुनाव जीतेगी तो अजय भट्ट ही मुख्यमंत्री बनेंगे तो वो दुर्भाग्य से चुनाव हार गए. बंपर बहुमत से बीजेपी चुनाव जीती और त्रिवेंद्र सिंह रावत मुख्यमंत्री बन गए.
अजय भट्ट भले ही विधानसभा का चुनाव हार गए, लेकिन पार्टी का उन पर विश्वास बना रहा. अजय भट्ट नैनीताल-ऊधमसिंह नगर लोकसभा सीट से पार्टी के प्रत्याशी बनाए गए और उन्होंने हरीश रावत जैसे दिग्गज को हरा दिया.
उत्तराखंड की राजनीति में बड़ा नाम
उत्तराखंड की राजनीति में अजय भट्ट एक बड़ा नाम हैं. अब सांसद बनने के बाद वो केंद्र की राजनीति में भी नाम कमा रहे हैं. अजय भट्ट उत्तराखंड बीजेपी के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. अजय भट्ट राजनीति में आने से पहले वकालत करते थे.
संघर्ष में बीता बचपन
राजनीति में रानीखेत को अपनी कर्मभूमि बनाने वाले अजय भट्ट का शुरुआती जीवन काफी संघर्षों भरा था. जब वो छोटे थे तभी पिता का स्वर्गवास हो गया. बड़े भाई ने लालन-पालन किया. कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल से अजय भट्ट ने एलएलबी किया. कानून की पढ़ाई पूरी कर अजय भट्ट अल्मोड़ा चले गए और वकालत शुरू की. 1984 से 1996 तक उन्होंने वकालत की. इसी दौरान उनकी मुलाकात पुष्पा भट्ट से हुई जो खुद भी वकालत करती थीं. दोनों की शादी हो गई. अजय भट्ट की एक बेटी और एक बेटा भी वकील हैं.