हल्द्वानी: पंचायती राज संशोधन बिल 2019 विधानसभा की ओर से राज्यपाल बेबी रानी मौर्य को भेज दिया है. इन स्थितियों के बीच इस बिल को लेकर राजभवन के रुख पर सबकी नजरें टिक गई हैं. साथ ही विधानसभा का सत्रावसान भी कर दिया है. वहीं, राज्य सरकार द्वारा लाए गए नए पंचायती राज संशोधन बिल के खिलाफ पंचायत जनअधिकार मंच हाईकोर्ट में कल याचिका दायर करने जा रहा है.
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हल्द्वानी में पंचायत जन अधिकार मंच के संयोजक जोत सिंह बिष्ट ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा सरकार पंचायतों और उनके अधिकार को खत्म करने में लगी है. राज्य की 90 से 95 प्रतिशत जनता ग्रामीण क्षेत्र में रहती है. अधिकांश लोग सहकारी समितियों के सदस्य से जुड़े हुए हैं.
वहीं, इस कानून में भी उनके पंचायत चुनाव लड़ने पर रोक लगाई गई है. विधानसभा के अन्दर राज्य सरकार द्वारा लाए गए इस बिल में दो से ज्यादा बच्चों के चुनाव लड़ने के अयोग्य घोषित किए जाने का प्रावधान किया गया है. इसी तरह, विभिन्न पदों के लिए आठवीं और दसवीं कक्षा पास होने की अनिवार्यता की गई है.
जोत सिंह बिष्ट ने बताया है कि जब सरकार ने विधानसभा में इस बिल को सदन के पटल पर रखा था.उस समय सहकारी समितियों के सदस्यों को चुनाव न लड़ने की बात को छिपाया गया था. सरकार की मंशा को साफ दर्शाता है कि पंचायती राज संशोधन के खिलाफ शुक्रवार को पंचायत अधिकार मंच हाईकोर्ट में याचिका दायर करने जा रही है.