रामनगर: कोरोना वायरस के संकट बीच देशभर में हुए लॉडाउन की वजह से सबसे बड़ी मुसीबत दिहाड़ी पर काम करने वाले मजदूरों को हो रही है. वहीं रामपुर में काम करने वाले मजदूरों की समस्या की खबर ईटीवी भारत ने बड़ी प्रमुखता से दिखाई थी. जिसका असर देखने को मिल रहा है. हमारे द्वारा इन मजदूरों की परेशानी की खबर को देखकर प्रशासन भी हरकत में आ गया है. प्रशासन अब इन सभी मजदूरों को उनके घर रोडवेड बसों से पहुंचाएगी. जिसके लिए 10 रोडवेज बसों की व्यवस्था की गई है.
एक बार फिर से ईटीवी भारत की खबर का हुआ असर हुआ है. आज ईटीवी भारत ने खबर दिखाई थी, जिसमें लॉकडाउन के बाद दिहाड़ी मजदूरों के सामने किस तरह से रोजी-रोटी का संकट आ गया है और वहीं ये मजदूर भूखे प्यासे पैदल ही मीलों दूर घर के लिए निकल गए हैं. वहीं ईटीवी के माध्यम से इन मजदूरों ने प्रशासन से मदद की गुहार लगाई थी. जिस पर प्रशासन हरकत में आता नजर दिख रहा है.गौरतलब है कि रामनगर में नदी में उपखनिज चुगान करने के लिए सैकड़ों मजदूर यूपी और बिहार से रामनगर पहुंचते हैं.
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लॉकडाउन में फंसे इन मजदूरों ने स्थानीय प्रशासन से गुहार लगाई थी कि इनको घर पहुंचाने के लिए मदद करें. जिसको ईटीवी भारत ने प्राथमिकता के साथ दिखाया था. जिसको लेकर स्थानीय प्रशासन हरकत में आते हुए अब इन लोगों को भेजने के लिए वन विकास निगम के डीएलएम अनीस अहमद ने एक लिस्ट तैयार की है. जिसमें दापका व कोसी नदी से खनिज चुगान करने वाले लगभग 6 सौ मजदूरों की लिस्ट बनाई गई है. लिस्ट को तहसीलदार पूनम पंत द्वारा देखा गया और 10 रोडवेज बसों द्वारा इन लोगों को भेजा जा रहा है. तहसीलदार पुनम पंत ने बताया कि पहले इन मजदूरों का मेडिकल चेकअप कराया जाएगा उसके उपरांत इन लोगों को रोडवेज द्वारा उनके घरों तक छोड़ा जाएगा.