ETV Bharat / state

Private School Arbitrary: निजी स्कूल के प्रधानाचार्य का अजीब फरमान, अभिभावक और छात्र हुए परेशान - Ramnagar Adarsh Bal Academy Secondary School

रामनगर स्थित आदर्श बाल एकेडमी सेकेंडरी स्कूल के प्रधानाचार्य मोहन रावत ने पीटीएम को लेकर एक अजीब आदेश जारी किया है. जिसके बाद से स्कूल के छात्र और उनके अभिभावक परेशान हैं. आदेश के अनुसार पीटीएम मीटिंग में अभिभावक के नहीं आने उनके बच्चे का सभी विषय में 5 अंक काटे जाएंगे. साथ ही 50 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By

Published : Jan 28, 2023, 8:39 PM IST

Updated : Jan 28, 2023, 8:45 PM IST

निजी स्कूल के प्रधानाचार्य का अजीब फरमान

रामनगर: निजी स्कूलों की मनमानी रुकने का नाम नहीं ले रहा है. ताजा मामला रामनगर के आदर्श बाल एकेडमी सेकेंडरी स्कूल से जुड़ा है. आरोप है कि स्कूल के प्रधानाचार्य मोहन रावत ने पेरेंट्स टीचर मीटिंग को लेकर एक ऐसा फरमान जारी किया है, जिसे सुनकर हर कोई हैरान है. प्रधानाचार्य के फरमान अनुसार पीटीएम में अभिभावकों के शामिल नहीं होने पर उनके बच्चों का हर विषय में 5 अंक काटे जाएंगे. साथ ही 50 रुपये का फाइन भी वसूला जाएगा.

विद्यालय को शिक्षा का मंदिर कहा जाता है. एक तरफ सरकार स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर हर रोज नए प्रयास कर रही है. वहीं, दूसरी ओर रामनगर में कुछ निजी स्कूलों के संचालक सरकार के नियमों की धज्जियां उड़ा रहा है. ये स्कूल बच्चों और अभिभावकों का मानसिक उत्पीड़न कर रहे हैं. रामनगर में भी कुछ प्राइवेट स्कूलों ने इसे लूट का अड्डा बना रखा है. रामनगर के ग्राम टांडा मल्लू में स्थित आदर्श बाल एकेडमी सेकेंडरी स्कूल पर भी अभिभावकों और बच्चों का उत्पीड़न करने का आरोप लग रहा है. इसके पीछे की वजह स्कूल के प्रधानाचार्य मनोज रावत का फरमान है.

मनोज रावत ने अपने मुहर और हस्ताक्षर के साथ बड़ा अजीब फरमान जारी किया है. जिसके अनुसार स्कूल के सभी बच्चों के अभिभावकों को शनिवार को होने वाली पीटीएम बैठक में अनुपस्थित रहने पर छात्रों के वार्षिक परीक्षा में प्रत्येक विषय में 5 अंक काटने और 50 रुपए का अर्थदंड वसूलने के आदेश जारी किए गए थे. प्रधानाचार्य द्वारा जारी इस आदेश के बाद जहां एक ओर जहां कई अभिभावक सदमे में हैं. वहीं बच्चे भी डरे और सहमे हुए हैं.
ये भी पढ़ें: Joshimath Sinking: रिपोर्ट की अनदेखी ने जोशीमठ के अस्तित्व को संकट में डाला? मंत्री ने स्वीकारी हकीकत

इस मामले में ईटीवी भारत ने स्कूल प्रबंधक टी चंद्रा से बात की. जिसमें उन्होंने भी माना कि ऐसा आदेश नहीं जारी होना चाहिए, लेकिन हमारा उद्देश्य केवल पेरेंट्स टीचर मीटिंग में अभिभावकों को बुलाना है. ताकि बच्चों की रिपोर्ट और उसकी शिक्षा से गार्जियन को अवगत कराया जाए. पिछले कई पीटीएम में देखा गया कि अभिभावक इसे हल्के में ले रहे हैं. ऐसे में अभिभावकों के मीटिंग में आना सुनिश्चित कराने के लिए यह आदेश दिया गया है. हम किसी भी बच्चे का अंक नहीं काटने जा रहे हैं.

बता दें कि शिक्षा विभाग द्वारा इस प्रकार का कोई आदेश जारी नहीं किए गया हैं, लेकिन रामनगर एवं आसपास में स्थित कुछ निजी स्कूलों के संचालक सरकार के नियमों को ताक पर रखकर अपनी मनमर्जी के नियम छात्रों और अभिभावकों पर थोप रहे हैं. वहीं, मामले पर शिक्षा विभाग के अधिकारी पूरी तरह मौन साधे हुए हैं. जिससे लगातार बच्चे और अभिभावकों का शोषण हो रहा है.

वही, मामले में मुख्य शिक्षा अधिकारी केएस रावत ने बताया कि इस प्रकार के आदेश जारी कर स्कूलों में भय का वातावरण बनाने का अधिकार किसी को नहीं है और उन्होंने भी इस आदेश को अव्यवहारिक बताया. उन्होंने कहा मामले की जांच कर स्कूल संचालक और दोषी प्रधानाचार्य के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.

निजी स्कूल के प्रधानाचार्य का अजीब फरमान

रामनगर: निजी स्कूलों की मनमानी रुकने का नाम नहीं ले रहा है. ताजा मामला रामनगर के आदर्श बाल एकेडमी सेकेंडरी स्कूल से जुड़ा है. आरोप है कि स्कूल के प्रधानाचार्य मोहन रावत ने पेरेंट्स टीचर मीटिंग को लेकर एक ऐसा फरमान जारी किया है, जिसे सुनकर हर कोई हैरान है. प्रधानाचार्य के फरमान अनुसार पीटीएम में अभिभावकों के शामिल नहीं होने पर उनके बच्चों का हर विषय में 5 अंक काटे जाएंगे. साथ ही 50 रुपये का फाइन भी वसूला जाएगा.

विद्यालय को शिक्षा का मंदिर कहा जाता है. एक तरफ सरकार स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर हर रोज नए प्रयास कर रही है. वहीं, दूसरी ओर रामनगर में कुछ निजी स्कूलों के संचालक सरकार के नियमों की धज्जियां उड़ा रहा है. ये स्कूल बच्चों और अभिभावकों का मानसिक उत्पीड़न कर रहे हैं. रामनगर में भी कुछ प्राइवेट स्कूलों ने इसे लूट का अड्डा बना रखा है. रामनगर के ग्राम टांडा मल्लू में स्थित आदर्श बाल एकेडमी सेकेंडरी स्कूल पर भी अभिभावकों और बच्चों का उत्पीड़न करने का आरोप लग रहा है. इसके पीछे की वजह स्कूल के प्रधानाचार्य मनोज रावत का फरमान है.

मनोज रावत ने अपने मुहर और हस्ताक्षर के साथ बड़ा अजीब फरमान जारी किया है. जिसके अनुसार स्कूल के सभी बच्चों के अभिभावकों को शनिवार को होने वाली पीटीएम बैठक में अनुपस्थित रहने पर छात्रों के वार्षिक परीक्षा में प्रत्येक विषय में 5 अंक काटने और 50 रुपए का अर्थदंड वसूलने के आदेश जारी किए गए थे. प्रधानाचार्य द्वारा जारी इस आदेश के बाद जहां एक ओर जहां कई अभिभावक सदमे में हैं. वहीं बच्चे भी डरे और सहमे हुए हैं.
ये भी पढ़ें: Joshimath Sinking: रिपोर्ट की अनदेखी ने जोशीमठ के अस्तित्व को संकट में डाला? मंत्री ने स्वीकारी हकीकत

इस मामले में ईटीवी भारत ने स्कूल प्रबंधक टी चंद्रा से बात की. जिसमें उन्होंने भी माना कि ऐसा आदेश नहीं जारी होना चाहिए, लेकिन हमारा उद्देश्य केवल पेरेंट्स टीचर मीटिंग में अभिभावकों को बुलाना है. ताकि बच्चों की रिपोर्ट और उसकी शिक्षा से गार्जियन को अवगत कराया जाए. पिछले कई पीटीएम में देखा गया कि अभिभावक इसे हल्के में ले रहे हैं. ऐसे में अभिभावकों के मीटिंग में आना सुनिश्चित कराने के लिए यह आदेश दिया गया है. हम किसी भी बच्चे का अंक नहीं काटने जा रहे हैं.

बता दें कि शिक्षा विभाग द्वारा इस प्रकार का कोई आदेश जारी नहीं किए गया हैं, लेकिन रामनगर एवं आसपास में स्थित कुछ निजी स्कूलों के संचालक सरकार के नियमों को ताक पर रखकर अपनी मनमर्जी के नियम छात्रों और अभिभावकों पर थोप रहे हैं. वहीं, मामले पर शिक्षा विभाग के अधिकारी पूरी तरह मौन साधे हुए हैं. जिससे लगातार बच्चे और अभिभावकों का शोषण हो रहा है.

वही, मामले में मुख्य शिक्षा अधिकारी केएस रावत ने बताया कि इस प्रकार के आदेश जारी कर स्कूलों में भय का वातावरण बनाने का अधिकार किसी को नहीं है और उन्होंने भी इस आदेश को अव्यवहारिक बताया. उन्होंने कहा मामले की जांच कर स्कूल संचालक और दोषी प्रधानाचार्य के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.

Last Updated : Jan 28, 2023, 8:45 PM IST

For All Latest Updates

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.